टाऊन हाॅल (Town Hall) इसका नाम विक्टोरिया जुबली टाऊन हाॅल था। जिसे टाऊन हाॅल के नाम से जाना जाता है। शास्त्री चैक और कलचुरियों के द्वारा बसाया गया रायपुर आज अपनी पूरी शक्ल बदल चुका है । यहाँ आधुनिक इमारते दिन ब दिन नए इतिहास गढ़ रहें है । ऐसे में पुराने रायपुर और इस शहर में मौजूद पुराने भवनों का जिक्र करना लाजमी हो जाता है। कलेक्ट्रेट भवन से लगा हुआ यह एक सुंदर सभा कक्ष है। इसका निर्माण 1887 को हुआ और एक साल के बाद 1888 को यह बनकर तैयार हुआ । इसका उद्घाटन 1890 में हुआ । इस हाॅल में लगी सूचि के अनुसार अनेक राजाओं और संगठनों ने इसके निर्माण में सहयोग दिया है। आजादी की अनेक गतिविधियां इस भवन में संचालित हुआ करती थी । नगरनिगम ने हाल ही में रंग रोगन कर पुराने रूप को साकार किया है।
महंत घासीदास स्मारक
महंत घासीदास स्मारक
जीई रोड में स्थित है । कलेक्ट्रेट परिसर के सामने भव्य परिसर में निर्मित इस संग्रहालय का उद्घाट भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद ने 21 मार्च 1953 को किया था। इस संग्रहालय में छत्तीसगढ़ से जुड़ी कई दुर्लभ परातात्विक महत्व की मुर्तियां , अभिलेख, तथा सिक्कें हैं। राजनांदगांव की रानी ज्योति देवी ने दान से प्राप्त धन से इस संग्रहालय का निर्माण किया था। वहीं पुराना संग्रहालय नाम से प्रसिद्ध एक अन्य संग्रहालय का निर्माण 1875 में राजनांदगांव के राजा महंत घासीदास ने करवाया था। पुराना संग्रहालय घडी तिराहे से थोड़ी दूर पर ही अष्टकोणीय भवन है जो पत्थरों से निर्मित है। यहाँ महाकोशल कला परिषद की कला वीथिका है । प्राचीन भवन निर्माण कला से बने इस संग्रहालय को लोग आज भी देखने आते हैं।