बैरन बाजार द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसे बसाया गया था। सेना और पुलिसकर्मी यहाँ रहते थे। पेंशनर्स के लिए नजदीक ही पेंशनबाड़ा बनाया गया था। पुलिस लाईन उसवक्त सेना के बैरक के रूप में हुआ करता था। जहाँ सभी धर्मों के लोग रहा करते थे ।
पुरानी बस्ती अपने नाम के अनुरूप एक प्रचीन बस्ती है। कलचुरियों द्वारा रायपुर नगर का विस्तार वर्तमान पुरानी बस्ती क्षेत्र में किया गया था। स्थानीय परंपराओं के अनुसार त्रिभुवन साही नामक कलचुरि राजा ने इसे बसाया था। गजेटियरों में उपलब्ध जानकारी के मुताबिक यहाँ किले का निर्माण 1460 में हो गया था किले की सुरक्षा के लिए बूढ़ा तालाब और महाराजबंद तालाब खुदवाया गया था। बेरियार सिंह नामक राजा ने हवेली बनवायी थी। और बूढ़ा तालाब में राजघाट बनवाया ।
सौरऊर्जा देश की अनेक जगहों पर कई प्रकार के उद्यान हैं मगर के्रडा का यह उद्यान काफी अनोखा है। यह रायपुर से लगभग 7 किमी दूर है । इस सुंदर उद्याान के चारों ओर हरियाली और फूलों की बहार है। इसमें सौर कुटिर, सौर ऊर्जा से चलित कार और सूर्य देव की प्रतिमा देखने लायक है।
नंदनवन 1977 में ग्राम हथबंध में एक छोटी सी रापणी वन विीााग द्वारा बसायी गई थी जिसे 25 एकड़ का विस्तार देकर फलदार, फूलदार बनाया गया । यह वन्य प्राणियों के लिए बाद में 13 एकड़ का विस्तार देकर जंगल सफारी बनाया गया है।