बस्तर के रंगकर्म का इतिहास रियासत काल से आरंभ होता है जब यहा रूद्रप्रतापदेव का शासन था।
और राममंडली के नाम से आरम्भ हुआ सफर अभियान और प्रतिबिंब तक चला आ रहा है। हाल ही में बस्तर में रंगमंच को ज़िदा रखने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। हाल ही मशहूर रंगकर्मी सत्यजीत भट्टाचार्य की याद में एक बहुभाषीय नाट्य उत्सव का आयोजन भी किया गया।
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2 इतिहास रचने वाले बस्तर रंगकर्मी
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इसके साथ ही नाटककार अख्तर अली का नाटक एक अजीब दास्ताँ, हबीब तनवीर की नाट्यकृति चरणदास चोर का रुपांतरण और एम.ए.रहीम लिखित नाटक गुण्डाधूर का मंचन भी जनरंग संस्था द्वारा किया गया। सभी नाट्यकृतियों के लेखक चर्चित और नामचीन व्यक्तित्व हैं इनकी रचनाओं पर नाटक करने की चुनौती संस्था के संयोजक निर्देशक जी. एस मनमोहन ने स्वीकार करते हुए यादगार प्रस्तुतियाँ दर्शको के सामने दी।
जनरंग द्वारा अजयशुक्ला की नाट्य रचना ताजमहल का टेंडर और सुदर्शन कुमार रचित नाटक स्वर्ग का पासपोर्ट नाटकों का मंचन जी एस मनमोहन के निर्देशन में किया गया । स्वर्ग का पासपोर्ट- नाटक भोपाल के समारोह में हुआ। इन नाटकों में खुर्शीद खान, निर्मल सिंह राजपूत, प्रशांत दास, मनीष श्रीवास्तव, संतोष महन्ती, गायत्री आचार्य, प्रीतमकौर, शिखानादन, अनुराधा दुबे, शिवप्रकाश सीजी जी सम्भव, जी. श्याम, नरेंद्र पाढ़ी, भागीरथी महानंदी, आदि कलाकारों ने बहुत सशक्त अभिनय किया, जिसकी स्मृतियाँ दर्शकों के मध्य आज भी है।
अभियान सांस्कृतिक संस्था
अभियान सांस्कृतिक संस्था का गठन सन् 1990 में हिमांशु शेखर झा. सत्यजीत भट्टाचार्य, गोवर्धन, पानीग्राही, विश्वजीत भट्टाचार्य आदि के नेतृत्व में हुआ । इस संख्या के अध्यक्ष के पद परिवर्तित होता रहा, परंतु ख्यात रंगनायक सत्यजीत भट्टाचार्य आजीवन अभियान के महामंचित रहे। जगदलपुर शहर की रंगमंचीय क्रम मे संभवत सबसे अग्रगामी भूमिका अभियान की है, अनेक बहुभाषी नाटक, नाट्य उत्सव, परब, नाट्य प्रतियोगिताओं में शिरकत, ढेर सारे पुरस्कार और जनसरोकार से जुड़े नुक्कड़ नाटकों का प्रदर्शन इस संस्था की उपलब्धियों का इजहार करती हैं । सत्यजीत के देहांत के बाद अभियान के संचालन का संचालन ठहर सा गया ।
अख्तर अली लिखित आटक अंधो का हाथी राजकुमार सोनी रचित नाटकश् घेरा, हिन्दी से हल्बी में अनुदित नाटक आंधाराज, बह्या राजा जयशंकर मिश्रा की नाट्य कृति गांधी के वेणुगोपाल के तेलुगु नाटक का हिन्दी अनुवाद राई-द-स्टोन अन्य नाटक आदब कोरस , हवालात ज़िदगी, थ्री डी सहित हिन्दी नाटक सैंया भये कोतवाल का हिन्दी अनूदित नाटक ष्टिरटिरी भेंडकी कोतवाल चो टोपी बाग्ला नाटक सदगति का हिन्दी रूपांतरण और भी कई नाटक अभियान के महासचिव और निर्देशक स्व सत्यजीत भट्टाचार्य के निर्देशन में मंवित हुए, बहुमुखी प्रतिभा के धनी सत्यजीत न केवल निर्देशन के क्षेत्र में पारंगत थे बल्कि रंगमंच के सभी सहयोगी उपादानों में भी दखल रखते थे. इसलिए उन्हें रंगनायक कहना अनुचित नहीं होगा
जगदलपुर में नाट्य उत्सव/परब के आयोजन का श्रेय भी अभियान को है। पांच बार बहुभाषी नाट्य उत्सव की श्रमसाध्य किन्तु अद्भुद सांस्कृतिक समारोह की व्यवस्था करना सत्यजीत अट्टाचार्य और उनकी टीम का - रंगकर्म के प्रति-- निष्ठा प्रदर्शित करती है। इन बहुभाषी-नाट्य उत्सवों में हिदी बांग्ला ओडिया, स्त्रीसगढ़ी, तेलुगु, आसामी, मणिपुरी आदिभाषाओं के नाटक मंचित हुए. देश के विभिन्न स्थानों से पधारे रंग कर्मियों ने सांस्कृतिक रैली में रंगारंग प्रदर्शन किया. प्रदेश के महामहिम राज्यपाल की सदारत में दो बार यह उत्सव उदघाटित हुआ।
अभियान शहर की संभवतः पहली ऐसी नाट्य संस्था है- जिसने भारत के विभिन्न नगरों में होने वाले नाट्य उत्सवों और नाट्य प्रतियोगिताओं में भागीदारी की। शिमला-देहरादून, अलवर, ढेंकानाल में राई-द-स्टोन का मंचन हुआ.
इलहाबाद, बनारस, गुडगाँव में आयोजित कार्यक्रम में जयशंकर मिश्र रचित नाटक श्गांधीश् की सफल प्रस्तुतियों ने प्रशंसा प्राप्त की. इसके अतिरिक्त राउरकेला में अन्तर्राष्ट्रीय नाट्य समारोह में हल्बी नाटक टिरटिटी मेंडकी कोतवाल चो टोपी का मंचन हुआ और इसे प्रतियोगिता मे द्वितीय स्थान भी प्राप्त हुआ. कलकत्ता उत्सव मे हल्बी अनुदित अंधा राज बह्या राजाश्, कटक, नागपुर, दामनजोड़ी में नाटक धेराश् की मंच प्रस्तुतियों ने कई पुरस्कार , प्रशस्तिपत्र स्मृति चिन्ह अपने नाम किया. इन गतिविधियों से श्अभियानश् के व्यापक कार्यक्षेत्र का ज्ञान होता है. यह इस शहर के लिए गौरव की बात है.
यहाँ यह उल्लेख करना जरूरी है कि शहर में होने वाली
अधिकांश नाट्य प्रस्तुतियों मे मेकअप, लाइट, साउण्ड, माइक सहित अन्य मंचीय उपकरणों की व्यवस्था विश्वजीत भट्टाचार्य की ही होती है.
अभियान के कार्य क्षेत्र की व्यापकता और विविधता
के दृण्टिकोण से एक बड़े टीम का होना जरुरी है. स्व. सत्यजीत भट्टाचार्य ने कलाकारों की एक बड़ी और निष्ठावान टीम बनाई है। इसमें शामिल हैं. प्रशांतदास, केतन महानंदी, समीर सेन, कैलाश चैहान, शिवशंकर पिल्ले, राजेश श्रीवास्तव, विक्रमसोनी, निर्मलसिह राजपूत, जी. एस. मनमोहन, अनूपकुर्रे, आशाहलधर, भूमिका महानंदी, नूपुर महामंदी, नीलिया महानंदी, अफजल अली, केदार पाण्डे, विश्वजीत अट्टाचार्य, राजेश महांती, तनुश्री महांती, हिमांशु शेखर झा , हेमंत सिंह, संदीप चटर्जी, शंकर टिकादार, राजू सरकार, सुरेश सिंह चैहान आदि.
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