छत्तीसगढ़ के मशहूर जलप्रपातों में से तीरथगढ़ जलप्रपात (Tirathgarh Waterfall) का नाम प्रमुखता से लिया जाता है । अगर इस की भौगोलिक स्थिति की बात करें तो यह जलप्रपात छत्तीसगढ़ के दक्षिणी हिस्से में बस्तर जिले के अंतर्गत स्थित है ! यह जलप्रपात कांगेर घाटी नेशनल पार्क के अंदर स्थित है यहां पहुंचने का मार्ग आसान है, किंतु इसकी स्थिति दुर्गम क्षेत्र वाली है। जगदलपुर से लगभग 35 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 जो कि बस्तर को हैदराबाद से जोड़ता है - पर यह जलप्रपात मुख्य सड़क से लगभग 10 किलोमीटर अंदर की ओर स्थित है ।
इस जलप्रपात का नाम तीरथगढ़ कैसे पड़ा?
इस संबंध में कई कहानियां प्रचलित है । इनमें से एक प्रमुख कहानी के अनुसार प्राचीन समय से ही साधु दूर-दूर से इस जलप्रपात पर स्थित भगवान शिव के प्राचीन मंदिर पर पूजा पाठ करने आते थे,और इसका महत्व एक तीरथ के जैसे बताया गया, इसलिए इस जगह का नाम तीरथगढ़ पड़ गया
तीरथगढ़ जलप्रपात (Tirathgarh Waterfall) किस नदी से बनती है ?
यह जलप्रपात मुनगा बहार नदी पर स्थित है यह नदी कांगेर घाटी नेशनल पार्क की प्रमुख नदी है तीरथगढ़ जलप्रपात (Tirathgarh Waterfall) से 10 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम दिशा में घनघोर जंगलों के बीच इस नदी का उद्गम स्थल है, यह नदी कांगेर घाटी नेशनल पार्क में कई झरनों का निर्माण करती है उनमें से सबसे प्रमुख तीरथगढ़ जलप्रपात ( Tirathgarh Waterfall ) है,यह नदी वर्ष भर सदानीरा रहती है चाहे आप किसी भी मौसम में आए आपको तीरथगढ़ जलप्रपात का सुंदर नजारा देखने को मिलेगा
Tirathgarh Waterfall की विशेषता
1.प्रकृति की गोद में बसा यह जलप्रपात अत्यंत सुंदर है ।
2. इस जलप्रपात तक पहुंच मार्ग अत्यंत सुलभ है ।
3. जलप्रपात के नजदीक खाने-पीने की सारी सुविधाएं उपलब्ध है ।
4. यह जलप्रपात प्रत्येक मौसम में खुला रहता है ।
5. जलप्रपात को नीचे से निहारने के लिए उपयुक्त सीढ़ियां बनी हुई है ।
6. जलप्रपात के नजदीक अन्य दर्शनीय स्थलों की भी भरमार है ।
7. प्रत्येक मौसम में यह जलप्रपात दर्शनीय है ।
8. यह जलप्रपात सीडी जैसी आकृति पर स्थित है ।
9. इस जलप्रपात पर ऊपर से नीचे गिरता हुआ पानी ऐसा लगता है जैसे हजारों लीटर दूध गिर रहा है ।
Tirathgarh Waterfall पहुंच मार्ग
जलप्रपात के दीदार के लिए सबसे पहले हमें छत्तीसगढ़ के दक्षिणी जिले बस्तर के मुख्यालय जगदलपुर पहुंचना होगा और यहां पहुंचने के लिए हवाई, रेल, और सड़क मार्ग उपलब्ध है
Tirathgar waterfall पहुँचने के लिए हवाई मार्ग
प्रतिदिन एक फ्लाइट हैदराबाद से जगदलपुर और फिर जगदलपुर से रायपुर को कनेक्ट करती है ,इस प्रकार हवाई मार्ग से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से जगदलपुर आसानी से पहुंचा जा सकता है । इसके अलावा तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से भी इस हवाई मार्ग से जगदलपुर आसानी से पहुंचा जा सकता है ।
Tirathgar waterfall पहुँचने के लिए रेल मार्ग
रायपुर से उड़ीसा होते हुए जगदलपुर के लिए रेल मार्ग उपलब्ध है । इसके अलावा आंध्र प्रदेश के प्रमुख शहर विशाखापट्टनम से जगदलपुर के लिए प्रतिदिन रेलों का आवागमन है ! रेल के माध्यम से भी बस्तर के मुख्यालय जगदलपुर में आसानी से पहुंचा जा सकता है ।
Tirathgar waterfall पहुँचने के लिए सड़क मार्ग
रायपुर से 300 किलोमीटर की दूरी पर जगदलपुर स्थित है प्रतिदिन सैकड़ों बस से रायपुर से जगदलपुर के लिए संचालित होती है । इसके अतिरिक्त आंध्र प्रदेश के शहर विशाखापट्टनम से भी 300 किलोमीटर की दूरी बस के माध्यम से पूरी की जा सकती है इस मार्ग पर भी कई बसें संचालित होती है । इसके अलावा तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से भी प्रतिदिन बसों का संचालन जगदलपुर के लिए होता है वहां से भी जगदलपुर पहुंचना सड़क माध्यम से आसान है ।
जगदलपुर तक पहुंच जाने के बाद जगदलपुर में रहने खाने की संपूर्ण व्यवस्था है । यहां पर बजट के अनुरूप लॉज और होटल उपलब्ध है । तीरथगढ़ वॉटरफॉल के जाने के लिए आपको रहना व ठहरना मुख्यालय जगदलपुर में ही सुनिश्चित करना होगा क्योंकि वाटरफॉल के आसपास रहने की कोई भी सुविधा नहीं है ।
जगदलपुर से दक्षिण दिशा की ओर लगभग 25 किलोमीटर से कांगेर घाटी नेशनल पार्क की शुरुआत हो जाती है वहां से 5 किलोमीटर घाटी दार रास्तों से आगे बढ़ने के बाद सड़क से दाएं दिशा में तीरथगढ़ जलप्रपात (Tirathgarh Waterfall ) का मार्ग जाता है जो लगभग मुख्य मार्ग से 10 किलोमीटर अंदर स्थित है । मुख्य सड़क से दाएं और तीरथगढ़ वॉटरफॉल के लिए और बाएं और कुटुमसर गुफा के लिए मार्ग है ।
इसके अलावा Tirathgarh Waterfall पहुंचने के लिए एक और मार्ग जगदलपुर के ब्लॉक दरभा से भी है इसी नेशनल हाईवे क्रमांक 30 पर आगे बढ़ने पर लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर दरभा स्थित है, दरबा से लगभग 7 से 8 किलोमीटर दूरी पर यह जलप्रपात स्थित है ।
Tirathgarh Waterfall के निकट कौन सी गुफा है ?
तीरथगढ़ जलप्रपात ( Tirathgarh Waterfall ) के निकट दो गुफाएं स्थित है पहली कुटुमसर और दूसरी कैलाश गुफा है इसके अतिरिक्त अन्य भी गुफाएं हैं
कुटुमसर
यह गुफा कांगेर घाटी नेशनल पार्क में स्थित है मुख्य मार्ग से लगभग 12 किलोमीटर अंदर जंगलों के बीच यह गुफा स्थित है चूना पत्थर से बनी हुई झाड़ फानूस सी आकृतियां इस गुफा को खूबसूरत बनाती है ! इस गुफा के अंदर दिन में भी रात जैसा अंधकार होता है इसलिए वन विभाग द्वारा पर्यटकों के लिए गाइड और फ्लैशलाइट टॉर्च आदि की व्यवस्था कर ही इन गुफाओं में जाने की अनुमति दी जाती है ! जून से अक्टूबर तक यह गुफा पर्यटन के लिए बंद होती है क्योंकि उस दौरान इस गुफा के अंदर पानी भरा होता है । इस गुफा का दीदार करने का सबसे अच्छा समय नवंबर से अप्रैल तक है ।
कैलाश गुफा
यह गुफा मुख्य सड़क से लगभग 15 किलोमीटर घनघोर जंगलों के बीच स्थित है कुटुमसर गुफा की तरह इस गुफा का निर्माण भी चुना पत्थरों से हुआ है इसलिए यहां पर भी झाड़ फानूस की आकृतियां गुफा की खूबसूरती को बढ़ा देती है इस गुफा का एक मुख्य अट्रैक्शन यह भी है कि यहां कुछ ऐसे पत्थर पाए जाते हैं जिन्हें स्टैलेगटाईट और स्टैलेगमाइड कहते है। यानि ऊपर से चूने के पत्थर रिसते हुए नीचे के पत्थर से आ का मिल जाते हैं। और जहाँ यह मिलते हैं उसे ड्रिप स्टोन कहते हैं। इसे ही आपस में ठोकने पर तबले की थाप की ध्वनि सुनाई देती है ।
तीरथगढ़ जलप्रपात के नजदीक स्थित अन्य पर्यटन स्थल
दंतेवाड़ा:- तीरथगढ़ जलप्रपता से शार्टकट लेकर दंतेवाड़ा पहुँचा जा सकता है। दंतेवाड़ा के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए!
चित्र कोट जलप्रपात :- यह जिला मुख्यालय से महज 40 किमी दूर है । इस प्रपात को मिनी नियाग्रा की संज्ञा दी गई है। चित्रकोट जलप्रपात के बारे में जानने के लिए लिंक पर क्लिक कीजिए
गणेश बहार :-यह एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यह उड़िसा छत्तीसगढ़ की सीमा में मौजूद है।
बिनता घाटी :- लोहण्डी गुढ़ा ब्लॉक में बसा बिनता गांव खूबसूरत पहाड़ी पर बसा है। चारों ओर से हरियाली और बीच में गाँव आकर्षक दृष्य बनाता है।
सात धारः पुरातात्वि महत्व की मंदिरों को देखने के लिए बाणासुर की नगरी बारसूर अवश्य आना चाहिए । यही सात धारों में बहने वाला जलप्रपात है जिसे सात धार कहते हैं।
बारसूर:- विशाल एक पत्थर को काट कर बनाई गई गणेश प्रतिमा और 10 11 सदी में बने मंदिर बारसूर में देखने को मिलेगें ।
तामड़ा घूमर :-यह चित्रकोट जलप्रपात से कुछ दूरी पर है । और आकर्षक दृष्य बनाती है ।
इन प्राकृतिक स्थानों पर जाने से पहले कुछ सावधानियों के बारे में विचार अवश्य कर लेना चाहिए क्योंकि लापरवाही के कारण प्रत्येक वर्ष लोग ऐसे स्थानों पर गहरी मुसीबत में फंस चुके हैं या मारे गए हैं तो इन स्थानों पर विजिट के समय किन सावधानियों को अमल में लाना है उस पर विचार करते हैं
(1) तीरथगढ़ वॉटरफॉल की ऊंचाई बेहद ज्यादा है इसलिए पानी जिस स्थान से ऊपर से गिर रहा है उस जगह से थोड़ी दूरी आवश्यक है । साथ ही पत्थरों पर कई कमी होने से पैर फिसलने की संभावना होती है ।
(2)तीरथगढ़ जलप्रपात सुदूर जंगलों में है इसीलिए इस प्रापात में दूर तक न जाए। अन्यथा रास्ता भटकने का डर हो सकता है।
(3) यदि आप तैरना जानते हैं तो भी इन जगहों पर पानी में उतरना खतरनाक हो सकता है । कई पर्यटक पानी के अंदर पत्थरों के बीच फंसकर दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं या तेज प्रवाह में तैर नहीं पाने के कारण मुश्किल में फस चुके हैं ।
(4) तीरथ गढ़ वाटर फॉल के पहले के पहले कुंड पर जल विहार करने की कोशिश न करें यह प्राण घातक हो सकता है।
(5) इन स्थानों पर प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देश या अंकित निर्देशों को कभी भी नजरअंदाज ना करें और समस्त निर्देशों का पालन अवश्य करें ।
(5) तीरथ गढ़ वाटर फॉल कई चरणो में बना हुआ है। इन जगहों पर उतरने के लिए पर्यटन विभाग ने सीढियां बनाई है । मगर कुछ जगहों पर अभी सीढ़िया बननी बाकि है । इन जगहों पर उतरने की कोशिश न करें । काई जमी होने के कारण जानलेवा साबित हो सकता है।
Tirathgarh Waterfall घूमने का अपना अलग मजा है । यह जलप्रपात कई चरणों से गिरता है, इसमें सीढ़ियां उतरने और चढ़ने की मेहनत जरूर है मगर थकान तब दूर हो जाती है जब हम सबसे नीचे तल पर आते हैं। Tirathgarh Waterfall की सुदंरता हर मौसम में देखते ही बनती है। बस्तर आकर अगर तीरथगढ़ नहीं पहुँचे तो बस्तर आगमन अधूरा है।