12 जनवरी 2021 को सीबीएसई ने नेश्लन अचीवमेंट National Achievement (NAS) सर्वे कराया था जिसमें देश के 733 जिले के 1 लाख 24 हजार निजी और शासकीय स्कूलों भाग लिया है। 29 लाख विद्यार्थी शामिल हुए । जो 3 5 8 10 कक्षाओं के थे । और इस सर्वेक्षण अभियान में जाहिर हैं शिक्षा विभाग पुरी मुस्तैदी से लगा रहा । इस सर्वेक्षण के परिणाम आए है जो काफी चैकाने वालें है । यह छत्तीसगढ़ सरकार के उन दावों की धज्जियां उड़ा रहें है जिसमें यह कहा गया है कि छत्तीसगढ़ स्कूली शिक्षा में नम्बर वन की दौड़ में आ गया है । गौर कीजिए
एनएएस परीक्षा के परिणाम में छत्तीसगढ़ को 38 वां स्थान मिला है जो काफी दयनीय है । इससे पहले प्रदेश को 18 वां स्थान मिला था। तब उम्मीद की जा रही थी कि रैंक कुछ और ऊपर जा सकता है । मगर इस परिणाम पर गौर करें तो आंकड़े बड़े डरावने आएं है।
क्या था National Achievement Survey (NAS) परीक्षा
एनएएस यानि नेलन अचीवमंट सर्वे का ही संक्षिप्त रूप है इसमें कक्षा तीसरी,पांचवीं,आठवीं और दसवीं के बच्चों का वस्तुनिष्ठ प्रश्नों पर आधारित एक परीक्षा ली गई थी । जिसके अंतगर्त छात्रों के बौद्धिक, मानसिक, अध्ययन जैसे बिन्दुओं पर प्रश्न पूछे गए थे यह परीक्षा पूरे प्रदेश में एक साथ हुई थी और यह एक बड़ा आयोजन था। दूसरे शब्दों में कोरोना के दौर में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का स्तर परखने के लिए सीबीएसई ने नेश्नल अचिवमेंट सर्वे नामक एक परीक्षा आयोजित की थी यह परीक्षा कक्षा 3 5 8 और 10 के बच्चों के लिए कराई गई थी । इसके लिए जिला स्तर पर एक Coordinator बनाया गया जिसके जिम्मेदारी थी कि पर्यवेक्षकों को नियुक्ति करे जो जिले के सीबीएसई या इससे सम्बद्ध विद्यालय के पीजीटी,टीजीटी और पीआरटी थे । यह आयोजन इतना बड़ा था कि पूरे देश में चलाया गया । शिक्षा विभाग का पूरा अमला तीन दिनों तक यही काम करता रहा। इसके लिए बकायदा एक योजनाबद्ध तरीके से काम हुआ ठीक उसी तरह जैसे लोकसभा या विधानसभा चुनावों के दौरान होता है। इसमें एक नोडल आॅफिसर फिल्ड इंनवेस्टिगेटर, जिला स्तर पर एक समन्वयक इत्यादि थे और पर्यवेक्षक थे।
30 अक्टूबर 2021 को शिक्षा अधिकारियों को आदेश क्रमांक 3570/एनएएस2021 जारी हुआ जिसे एससीईआरटी छग रायपुर के संचालक राजेश राणा ने जारी किया । जिसमें उक्त बातें स्पष्टतः लिखी गई थीं ।
इसी तरह एक आदेश मनोजकुमार श्रीवास्तव जो एनएएस सेल सीबीएसई के प्रमुख द्वारा जारी हुआ था। 15 सितंबर को ही जारी इस आदेश में सीबीएसई से संबद्ध सभी स्कूलों को एनएएस परीक्षा करवाने के संबध नियमावली इत्यादि थी । एक फिल्ड इंनवेस्टिगेटर थे जो पयवेक्षक के साथ या पर्यवेक्षक इनके साथ कोआर्डिनेट करते थे ।
फिर इसमें बीआरसी, सीएसी और बीईओ की ये जिम्मेदारी थी कि वे दूरस्थ अंचलों में परीक्षा के लिए आए फिल्ड इंनवेस्टीगेटर्स के लिए स्कूल के पास आवास इत्यादि की व्यस्था करें । इत्यादि ! कुल मिलाकर यह एक बड़ा आयोजन था । शिक्षक इसे चुनावी ड्यूटी की तरह मानते थे।
200 से 400 के आसपास बस्तर जिले में पर्यवेक्षक और इतने ही फिल्ड इनवेस्टीगेटर थे।
सबसे खास बात सीलबंध प्रश्न पत्रों के पैकेट को सुरक्षित गंतव्य तक पहुँचाने का जिम्मेदारी थी डिस्ट्रीक्ट नोडल आफिसर और डिस्ट्रीक्ट एजुकेशन आफिसर की मगर शासकीय कार्य में जैसा कि होता है सिर्फ कागजों में काम होता है ।
अब जब छत्तीसगढ़ में आत्मानंद अंग्रेजी और हिन्दी माध्यमों के स्कूलों का बोलबाला है ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अगले एनएएस परीक्षा छत्तीसगढ़ जरूर कुछ बाजी मारेगा। और खाया हुआ सम्मान वापास पाएगा। यहां निजी और सरकारी दोनों ही तरह के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती काफी जांच परख कर की जाती है । ऐसे में इस तरह के रिजल्ट आना शिक्षकों के लिए भी शर्मसार करने वाली बात है।