बस्तर में नक्सलवाद 1980 से है। तब से अब तक नक्सलियों और सुरक्षाबलों, पुलिस फोर्स के बीच मुठभेड़ में जनता, पुलिस का काफी नुकसान हुआ है। और काफी संख्या में नक्सली भी या तो मारे जा चुके हैं, पकड़े गए या आत्मसमर्पण कर चुके है।
सिमट रहा है बस्तर से नक्सलियों का दायरा
आई जी ने बताया कि कुल 40 हजार स्केवअर किमी के बस्तर क्षेत्र में सन 2000 में नक्सली 18000 स्केअर किमी में नक्सली सक्रिय थे अब 202 में यह 5 से 6 हजार स्केअर किमी हो गई है। आज की स्थिति यह कि हरसाल 200 नक्सली घटनाएं ही होती है। पहले यह साल भर में सुरक्षाबलों और फोर्स प्रयासों के कारण यह आंकणें और भी कम हो रहें हैं
पिछले साल 49 ग्रामीण लोगों की हत्याएं हुई ये पिछले आकणों से बहुत कम है। पहले 90 के आसपास ग्रामीण मारे जाते थे। पिछले साल 40 नक्सली मारे गए। और 500 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्ण किया है।
नक्सलियों का वर्ष भर का कलेण्डर
आई जी सुंदराराज पी ने बताया कि साल भर में उनका सात से आठ कलेण्डर वर्ष होता है। जिसमें शहीदी सप्ताह, और एक होता है टीसीओसी। अमर उजाला के मुताबिक जुलाई से अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाया जाता है। इस दौरान मारे गए बड़े नक्सली नेता को याद कर स्मारक इत्यादि बना कर उसकी याद करते है। ये नक्सली मुठभेड़ में के दौरान मारे गए होते हैं। इससे तो स्थिति स्पष्ट है कि शहीदी सप्ताह क्या है?
अब बात करते हैं टीसीओसी (TCOC) क्या है?
आई जी सुंदरराज ने बताया कि यह टेक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन (Tactical Counter Offensive Campaign ) का शार्ट फार्म है। गर्मी के दिनों (लगभग फरवरी से मई तक के महिनें आते हैं। )में यह होता, ANI के मुताबिक इन दिनों स्थानीय लोगों से संपर्क करना आसान हो जाता है क्योंकि लोगों के पास इन दिनों कोई काम नहीं होता है।
टीसीओसी (TCOC) पहले 15 दिनों का हुआ करता था, अब लोगों में भय पैदा करने के लिए यह 5 से छ महिने भी टीसीओसी अभियान चलाते है। यह आई जी के मुताबिक नक्सलियों के पास हिंसा के अलावा कोई काम नहीं है, फोर्स भी इन दिनों अपने स्तर पर नक्सलियों से लोहा लेने के लिए तैयार रहती है। इसीलिए नक्सलियों का दायरा अब सिमटता जा रहा है।
इस दौरान हुई थी बड़ी वारदातें
आई जी के मुताबिक टीसीओसी के दौरान बड़ी हिंसक वारदातें भी हुई जैसे 2010 की टाड़मेटला घटना, 2013 में झीरम घाट की घटना, 2018 में बुरकापाल की घटना, विधायक भीमामंडावी की हत्या जैसी घटनाएं टीसीओसी के दौरान की गई थी।
आई जी बताते हैं कि पुलिस बल और फोर्स लगातार नक्सलियों पर लगाम लगाने के लिए काम कर रही है।
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