लॉकडाऊन के दौरान कई प्रकार के ऐसे बिजनेस ऑप्शन खुले जो लोगों को ऑनलाईन कमाई के साधन बताते रहे। ऐसे में मुझे लगा कि शेयर मार्केट एक ऐसा साधन है जो ऑनलाईन किया जाता है और निश्चित तौर पर कमाई के बेहिसाब मौके भी देता है। मगर इसके लिए जरूरी है आप मार्केट यानि बाजार की हरकत पर नजर बनाए रखें । इसके लिए तमाम टीवी पर कई कार्यक्रम, वेबसाईट्स,मोबाईल एप हैं जो आपको यह मौका देते हैं ।
मगर इसके लिए जैसा कि मैने कहा कि बाजार की चाल और समझ विकसित करना होगा। इससे पहले आपको शेयर मार्केट भी समझना होगा अगर उसकी समझ नहीं है तो इस क्षेत्र में
आम भाषा में समझें तो बहुत से बाजारों का समूह है शेयर मार्केट । अपने आसपास नजर दौड़ाएं तो हम ऐसी कई चीजों को पाते हैं जिन्हें हम बाजार से खरीदते हैं । उदाहरण के लिए गाड़ी, सामान, कपड़े, घर-मकान,खाने पीने की चीजें, दवाईयां, सोने चांदी इत्यादि । इन सबको बनाने वाली यानि निर्माण करने वाली कोई न कोई कम्पनी होती है ।
ऐसी बड़ी कम्पनियों के सूचि को शेयर बाजार की भाषा में हम निफ्टी या सेंन्सेक्स कहते हैं । अब इन सूचियों को थोड़ा समझ लेते हैं ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंस( National Stock Exchange) यानि एनएसई (NSE )का सूचकांक यानि सूचि लिस्ट को निफ्टी (NIFTY )कहते है। । इसका मुख्यालय दिल्ली में हैं ।
इसी तरह बीएसई (BSE )की सूचि को सेंन्सेक्स (SENSEX) कहा जाता है इस सूचि में आने वाली कम्पनियां मुबंई स्टॉक एक्सचेंज Mumbai Stock Exchange में आती है। हांलाकि दोनों यानि सेनसेक्स और निफ्टी ( Sensex and Nifty ) में कोई फर्क नहीं है। बस मुख्यालय का फर्क है ।
इस सूचि में आने वाली टॉप 50 कम्पनियां बाजार के चाल को निर्धारित करती है । अब सवाल यह है कि शेयर क्या है ? हम कैसे इसमें कमाई कर सकते हैं ।
क्या है शेयर ?
बड़ी कम्पनियों को अपने व्यापार में निवेश (Investment) बढ़ाने के लिए पैसों को जरूरत होती है तो लोगों से पैसे मांगती है और अपनी कम्पनी का हिस्सेदारी यानि शेयर के दाम तय कर उसे बेचती है । ताकि हम खरीदें और कम्पनी के मुनाफे में हिस्सेदार बनें । इसे ही शेयर (share) कहते हैं। जब पहली बार कोई कम्पनी अपनी हिस्सेदारी बेचने का एलान करती है तो उसे आईपीओ (IPO )यानि इनिशिअल पब्लिक आफर कहते हैं । अक्सर आपने बिजनेस समाचारों में IPO के बारे में सुना होगा । खैर थोड़ा और बात करते हैं Share के बारे में । किसी भी कम्पनी का शेयर खरीदकर आप उस कम्पनी कि हिस्से दार बन जाते हैं यानि कम्पनी अगर मुनाफे में जाएगी तो उस मुनाफे में आपके शेयर के अनुसार हिस्से दारी आपको भी मिलेगी जो आपकी कमाई तय है। कम्पनी और आपके बीच लेन देन आजकल Online होता है आपको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है । अपने मोबाईल या कम्प्युटर से घर बैठे, घूमते फिरते कहीं भी कर सकते हैं केवल रविवार और शनिवार को छोड़कर क्योंकि इन दिनों शेयर बाजार बंद रहता है। बाकि दिनों सुबह ठीक सवा नौ बजे से दोपहर साढ़े तीन बजे तक बाजार खुला है जमकर खरीद फरोक्त करिए! खरीदारी करने के लिए झोला लेकर या गाड़ी लेकर कहीं जाने की जरूरत ही नहीं है । आपके मोबाईल या कम्प्यूटर से काम हो जाएगा और आपको अगर बाजार की समझ आ गई तो हजारों और लाखों रूपए घर बैठे पीट सकते हैं ।
तो ये कैसे सम्भव है?
ये इन तरीकों से संभव है ! इसके लिए आपको अपने बैंक से ,किसी ब्रोकर से या ऑन लाईन अपने नेट बैंकिंग पर जाकर, या संबंधित साईट पर जाकर एक खाता खोलना होगा जिसे डिमेट अकाउण्ट कहते हैं ।
डिमेट अकाउण्ट क्या है?
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इतना बता दूँ कि अगर आप ब्रोकर से डिमेट खोलेंगे तो ब्रोकर लेन देन के कुछ चार्ज लेते हैं जो सेबी (SEBI )द्वारा संचालित संगठन एनएसडीएल (NSDL )और सीडीएसएल (CDSL)के नियमों के मुताबिक होते है। ।
जानिए NSDL और CSDL क्या है? ब्रोकर कौन होते हैं?
शेयर बाजार में उतरने के पहले इन्हें भी समझना जरूरी है। सेबी (SEBI ) यानि सेक्यूरिटी एक्सचेंज बोर्ड आफ इंडिया यह भारत सरकार की वह संगठन है जो शेयर कारोबार को नियंत्रित करती है।
इसी सेबी द्वारा दो संगठनों को डीमैट अकाउंट खोलने कि जिम्मेदारी दी गई है
पहला है NSDL और दूसरा है CDSL , यह दोनों भारत सरकार के संगठन में पजीकृत डीपाजीटरी पार्टिसिंपेंट हैं जिन्हें संक्षेप में डीपी (DP) कहा जाता है। और यही डीमैट अकाउंट खोल सकते है। इनके अलावा और कोई डीमैट अकाउंट नहीं खोल सकता।
इसे इस प्रकार भी समझते हैं कि एनएसडीएल और सीडीएस एल में 500 से भी ज्यादा डीपी रजिस्टर हैं जिनमें से किसी के पास भी हम अपना डीमैट अकाउंट खुलवा सकते है । आप किसी भी डीपी से अपना खाता खुलवायें सभी डीपी SEBI के प्रति जवाबदार होंगे।
ब्रोकर भी जब डिमैट अकाउट खोलते हैं तो उस अकाउंट को इन्हीं दोनों संगठनों से रजिस्टर किया जाता है जिसकी सूचना आप को आज कल मेल से प्राप्त हो जाती है।
कुल मिलाकर ये समझें तो ब्रोकर वे बिचौलिए हैं जो आपके खाते की देखरेख करते हैं साथ ही आपको समय-समय पर Share के मामलों में आपको सलाह भी देते हैं । जाहिर जिसके बदले वे आपसे चार्ज लेते हैं जो बहुत ही कम होता है । फिर भी आप इस चार्ज का मोल-भाव कर सकते हैं ।अकाउण्ट खोलने के सामान्यतः ये फीस 300-700 के बीच लगती है। परन्तु कई सारे डीपाजिटरी पार्टिसिपेंट आपसे डीमैट अकाउंट खुलवाने के पैसे भी नहीं लेते और मुफ्त में आपको डीमैट अकाउंट खोल के देते है।
इसे भी ध्यान दीजिए!
डीमैट अकाउंट खोलने की फीस के साथ-साथ आपको कई अन्य चार्जस भी देने पड सकते है। जैसे की - वार्षिक मेनटेनेंस फी, यह आपसे आपके अकाउंट को जारी रखने के लिये ली की जाती है ।लेन देन पर कुछ चार्ज आपसे आपके डीमैट अकाउंट पर होने वाले लेनदेन के हिसाब से लिया जाता है। हो सकता है यह चार्ज आपसे प्रतिशत के हिसाब से लिया जाये या फिर छूट के हिसाब से और इसके अलावा सुविधानुसार और भी कई चार्जस भी हो सकते है ।अब आते हैं शेयर के प्रकारों पर
तीन प्रकार के शेयर होते हैं
इक्वीटी शेयरः निफ्टी या सेंन्सेक्स सूचि में दर्ज कम्पनी जो शेयर जारी करती है उसे इक्वीटी शेयर कहते हैं इस पर सबसे ज्यादा खरीदारी होती है इसीलिए इसे इक्वीटि शेयर कहते हैं ।
प्रीफरेंस शेयर: प्रीफरेंस शेयर में वे शेयर आते हैं जिसमें मुनाफा पहले ही तय कर दिया जाता है जो शेयर होल्डर को मिलेगा। इसके अलावा प्रीफरेंस शेयर में शेयर होल्डर कम्पनी की बैठकों वोटिंग का अधिकार नहीं होता है । बाकि मामलों में यह इक्विटी शेयर की तरह ही है।
और डीवीआरः डीवाआर शेयर वे शेयर होते हैं जिसमें शेयर होल्डर्स को वोटिंग के अधिकार निश्चित होते हैं । यानि जब उसे कहा जाता है तभी वो कम्पनी की बैठकों में वोट कर सकता है।
शेयर में कमाई कैसे हो सकती है?
इसके लिए जरूरी है आपको बाजार में किसी कम्पनी के पिछले परफामेंस और उसके द्वारा उपलब्धियों को लेकर अपनी एक स्टडी तैयार करना होगा । फिर बाजार की समझ विकसित करने के लिए टीवी और दूसरे विडियो का सहार लिजिए । आपकी कम्पनी भी आपको कई प्रकार की सलाह मशवरा देती है उनका अनुशरण कीजिए और फिर अपने विवके से पैसे उस शेयर पर लगाईए !
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