दो साल पहले भारत सहित पूरा विश्व कोरोना की विभीषिका झेल चुका है। आंकड़ों के मुताबिक 4.68 लाख जानें भारत में कोरोना की वजह से जा चुकी है। फिर अचानक मरने वालों की संख्या में कमी आती गई और कोरोना के केस भी कम होते चले गए। मगर 27 नवम्बर को विश्व स्वास्थ्य संगठन की डॉ मारिया वैन केरखोव ने बताया है ने मीडिया को बताया कि एक नया वेरिअंट आ रहा है जो चिंता जनक है।
क्या है इसका नाम
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना के नए वेरिएंट का पता लगाया और इसे चिंता जनक बताया है। यह वेरिएंट बी 1.1.529 है। इसका नाम ओमीक्रोन है। संगठन के अनुसार इस पर अभी अध्ययन चल रहा है और कई चक्रों के अध्ययन के बाद ही यह पता लग सकता है कि यह कितना घातक होगा। फिर भी विश्वस्वास्थ्य संगठन के मुताबिक इसके कई म्यूटेशन चिंता जनक हैं।
कहाँ से मिली संगठन को इसकी जानकारी ?डॉ मारिया के मुताबिक इसकी जानकारी दक्षिण अफ्रीका से मिली है। इस पर अफ्रीका के साथ कई अन्य देशों में अध्ययन चल रहा है। हांलाकि उन्होंने कहा है कि ये तो अध्ययन के बाद पता चल सकेगा कि ये किस प्रकार खतरनाक है और कैसे खतरा पैदा कर सकता है ? साथ ही वैक्सीन कैसे असर करेगा? इस पर भी विचार विर्मश किया जा रहा है।
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कोरोना के कहर के बाद नए वेरिएंट को लेकर दुनियाँ भर में चिंता होना स्वाभाविक है।
क्यों है चिंता का कारण
दिल्ली एम्स अस्पताल के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि अभी ओमिक्रॉन को लेकर किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुँचा जा सकता है इसके लिए उन्हें वैज्ञानिक आधार पर परखने की जरूरत है। गुलेरिया के मुताबिक इसके 30 से ज्यादा म्यूटेशन हो चुके है। और ये म्यूटेशन या बदलाव वायरस के स्पाईक प्रोटीन क्षेत्र में हुए हैं । वायरस के स्पाईक प्रोटिन वाले क्षेत्र में म्यूटेशन होने से वह वेरिएंट ऐसी क्षमता विकसित कर सकता है जिसमें वो इम्यूनिटी से बच सके । यानि ये हो सकता है कि शरीर की प्रतिरोधी क्षमता का उस वायरस पर असर न हो । जाहिर है ऐसे में दुनियां में मौजूदा वैक्सिनों की समीक्षा करनी ही पड़ेगी। क्योंकि अधिकतर वैक्सीन स्पाईक प्रोटीन से लड़ने वाले एंटीबॉडी विकसति करते हैं और इसी आधार पर वो वैक्सीन काम करती है। नए वेरिएंट दक्षिण अफ्रीका के अलावा बोत्सवाना, बेल्जियम, हांगकांग, इसराइल, जर्मनी, ब्रिटेन ओर ऑस्ट्रेलिया में भी मिल चुका है। दक्षिण अफ्रीका के सबसे खास बात यह है कि दुनियां भर में तहलका मचाने वाले डेल्टा वेरिएंट में केवल दो म्यूटेशन हुए थे और आज भी इससे दुनियां उबरी नहीं है। जबकि ऑमिक्रोन के दस म्यूटेशन हो चुके हैं
लक्षण ये हैं ।
लक्षण ये हैं ।
दक्षिण अफ्रीकी डॉ एंजेलिक कोएत्सज़ी ने इसे सबसे पहले पता लगाया । कोएत्सजी के मुताबिक बहुत ही मामूली लक्षण नजर आए है। इसके कारण ज्यादातर मरीज बदन में दर्द और थकावट महसूस कर रहें है। मगर ये बात अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों के संबध में नहीं है। हालांकि डॉ कोएत्सजी के मुताबिक वेरिएंट के असर की गंभीरता का अनुमान लगाने में अभी वक्त लगेगा।
कोरोना
को लेकर एक ओर भारत सौ करोड़ के टीके का लक्ष्य प्राप्त कर चुका है तो
दूसरी तरफ नए वेरिएंट पर सरकार के नए कदम पर चर्चा हो रही है। ऐसे में
जरूरी है कोरोना के समय में हुई गलतियों से सबक ले कर एक प्लालिंग करें
ताकि जन हानि से बचा जा सके । आम नागरिक फिलहाल अपनी बारी आने पर वैक्सीन
अवश्य लगवा लें ।
(दिनांक 6 दिसंबर को अपडेट) ओमिक्रान के मामले 5 दिसंबर तक भारत में 21 तक पहुँच चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के चिकित्सक स्वामीनाथन ने समाचार एजेंसी रायटर्स को बताया है कियह वेरिएंट डेल्टा को भी पीछे छोड़ सकता है।