ऐसे में आवारा घुमने वाले बुजुबान पशुओं को भोजन पानी की तलाश में भटकते देखकर उनके भोजन पानी का जिम्मा उठाया है स्ट्रे सेफ आर्ट के युवा साथी जो अपनी जेबखर्च से कर रहे बेजुबान जानवरों की सेवा कर रहें हैं ।
क्या है स्ट्रे सेफ आर्ट ?
जहां एक और इस महामारी ने लोगों को बेबस कर दिया है वही इतने कई लोगों को सेवा के प्रति भी प्रेरित किया है , जैसा कि बस्तर इन दिनों पूरी तरीके से लॉकडाउन है जिसका असर न केवल इंसानों पर पड़ा है बल्कि जानवरों ( कुत्ते और गाय ) भी इससे अछूते नहीं है इन दिनों हर चैक चैराहों पर आवारा कुत्ते और आवारा गाय भोजन की तलाश में देखे जा सकते हैं, बेजुबान जानवरों के दर्द को समझते हुए, इनको भोजन और इलाज पहुंचाने के उद्देश्य से शहर के 3 युवा राहुल यादव लुप्तेश और भारती बघेल ने स्ट्रे सेफ आर्ट की शुरुआत की,
इस लॉकडाउन में युवा साथी तपती धूप में कुत्ते और गाय को भोजन करवाते हुए देखे जा सकते हैं जहां एक और युवा दिन भर ऑनलाइन गेम और नेटफ्लिक्स में मूवी देखने में बिजी है वही यह युवा साथी समाज में एक प्रेरणा का काम कर रहे है रोजाना जबसे लॉकडाउन लगा है जगदलपुर में, तब से दिन में युवा साथी की टीम के द्वारा कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए अपनी वाहन से शहर के हर वार्ड में घूम घूम कर करीब 400 से 500 कुत्तों को प्रतिदिन यह भोजन करवा रहे हैं ,
यह कार्य पिछले 1 साल से इनके समूह के द्वारा किया जा रहा है.
इनके द्वारा किया जा रहा है इस मुहिम को अब तक ये युवा अपनी पॉकेट मनी से ही चला रहे थे जिसमें कुछ दानदाताओं ने भी सहयोग किया है.
निश्चित ही जानवरों की सेवा कर यह युवा न सिर्फ पुण्य कमा रहे हैं बल्कि प्रेरणा के स्रोत बन रहे है इस युवा टीम की सोशल मीडिया में भी लोगों द्वारा जमकर तारीफ कर रहे हैं सभी दानदाताओं से गुजारिश है कि आगे आएं और इस युवा साथियों का दान कर हौसला बढ़ाएं, भोजन पहुंचाने के स्ट्रे सेफ आर्ट को जिला प्रशासन की तरफ से विशेष परमिशन भी दी गई है.
भोजन पहुंचाने में मुख्य रूप से यह शामिल है लुप्तेश, जगत ,भारती बघेल, सर्वजीत कर, प्रणव स्वर्णकार,
J P उपाध्याय, आयुष गुप्ता अमन दूल्हानी, सुरभि सिंह, अंकित चैहान, हिमांशु सिंह, देवासी समरथ, । आदित्य सरवन, संगीता, ऋषिका प्रांजल श्रीवास्तव, प्रांजल श्रीवास्तव सागर, दत्ता, करण कपूर,भूषण महावर और राहुल यादव,
यह सेवा कार्य मोहम्मद अमीन लीला के मार्गदर्शन में युवा साथी कर रहे हैं ।