कोरोना से बच निकले और टीकाकरण भी हो गया मगर म्यूकरमाईकोसिस बिमारी यानि ब्लैक फंगस से भी आपको बच निकालना है।
जब से केन्द्रिय स्वाथ्य मंत्री हर्षवर्धन ने इसके लक्षणों से बचने की सलाह दी है तब से इसके लक्षणों कारणों और निदान पर बड़ी चर्चा का समय आ चुका है। जगदलपुर के महारानी हास्पीटल में पदस्थ नेत्र सर्जन डाँ अक्षय पराशर बताते हैं कि ये कोई नई बिमारी नही है।
जब से केन्द्रिय स्वाथ्य मंत्री हर्षवर्धन ने इसके लक्षणों से बचने की सलाह दी है तब से इसके लक्षणों कारणों और निदान पर बड़ी चर्चा का समय आ चुका है। जगदलपुर के महारानी हास्पीटल में पदस्थ नेत्र सर्जन डाँ अक्षय पराशर बताते हैं कि ये कोई नई बिमारी नही है।
ब्लैक फंगस का खतरा उन्हें ज्यादा है जो शुगर यानि मधुमेह के मरीज हैं खासतौर पर जिनका शुगर बढ़ा हुआ है । लम्बे समय तक कोरोना के कारण स्टीराईड का उपयोग कर चुके हैं ।
Ajtak के मुताबिक उन लोगों में ये ज्यादा देखने को मिला है जिनके शरीर में प्रतिरोधी क्षमता कम है। चाहे व बिमारी के कारण हो या अन्य किसी कारण से , तो कहने का तात्पर्य यह है कि ये किसी भी हो सकता है। इसके इंनफेक्शन को अगर आपका शरीर नहीं बर्दाश्त कर पाया तो हर किसी के शरीर में आ जाता है।
किन्हें खतरा है?
हांलाकि इंडियन काऊँसिल आफ रिचर्स ये कहता है कि कुछ खास दशा में ही ये कोरोना के मरीजों को अटैक करता है। मगर आईसीआर ये भी कहता है कि कमजोर इम्युनिटी वाले शरीर में यह जल्द ही हमला करता है। इसके अलावा आईसीआर के मुताबिक इन्हें भी सावधान रहने की जरूरत है जो
- हाईशुगर वाले मधुमेह के मरीज हैं
(जानिए:- मधुमेह या शुगर बिमारी को कैसे नियंत्रित करें ।)
- लम्बे समय तक अस्पताल या आईसीयू में दखिल थे
- गंभीर फंगल इंफैक्षन का इलाज करा रहें हो।
- ऐसे मरीज जिनके शरीर का कोई अंग बदला गया हो।
लक्षणों को कैसे पहचानेगें?
इसे पहचान करना सरल है। ऐसे मरीज की आखें लाल हो जाती या दर्द करती हैं , बुखार , खांसी, सांस लेने में तकलीफ , उल्टी में खून या मानसिक स्थिति में बदलाव (जैसे चिढ़चिढ़ापन, गुस्सा इत्यादि)जानकारों के अनुसार हवा में फैले रोगाणुओं के संपर्क में आने से कोई व्यक्ति फंगल इंफेक्शन का शिकार हो सकता है । ये मरीज के चमड़ी यानि त्वचा पर भी असर डालता है।
कैसे शिकार बनाता है ?
हवा में फैले रोगाणु सीधा नाक मुंह या घाव वाले कट से शरीर में दखिल होते हैं । इसीलिए मास्क पहनना अब जरूरी हो गया है और हाथ पैर में कही भी घाव या खून बहने का निशान है तो उसे तुरंत पट्टी करवाना जरूरी है । अन्यथा ये कट फंगस के लिए खुले दरवाजे का काम करेंगें।
कैसे बचें इस फंगस से ?
पहली बात बाहर जाते समय मास्क का प्रयोग करें मिट्टी काई या खाद जैसी जगहों पर जाने पर हाथ में दस्ताने पहले जूते पहने शरीर पर घाव पर पट्टी रखें । अपने आसपास और शरीर की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें अगर मधुमेह है तो इसे नियत्रित करें स्टेराईड का इस्तेमाल कम से कम इस्तेमाल करें
कोविड 19 से ठीक होने के बाद अपने शरीर का ध्यान रखें । और इस वक्त गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़, झारखंड और राजस्थान में ब्लैक फंगस के मामले देखे जा रहे हैं. ये मरीज की आंख, नाक की हड्डी और जबड़े पर भी बहुत नुकसान पहँुचा सकता है।