सार्वभौम पीडीएस
उद्देश्य- प्रदेश के आयकर एवं गैर आयकर दाता समस्त परिवारों को खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
प्रारंभ- महात्मा गांधी जी की 150वीं जयंती 02 अक्टूबर 2019 से
प्रावधान / लाभ
- योजनांतर्गत अन्त्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित, अन्नपूर्णा, निःशक्तजन एवं सामान्य राशनकार्डधारी परिवार शामिल है।
- योजना लागू होने से अब प्रदेश के सभी परिवार राशन कार्ड के लिए पात्र।
- राज्य की 96 प्रतिशत जनसंख्या को मिल रही है खाद्य सुरक्षा।
- सभी गरीब परिवारों को 35 किलो चावल देने का वादा पूरा। राशन कार्डधारी 05 से
- अधिक सदस्यों वाले परिवारों को मात्र 1 रू. किलो की दर से प्रति सदस्य 07 किलो चावल प्रदाय।
- राज्य के अनुसूचित और माडा क्षेत्र के 25 लाख अंत्योदय एवं प्राथमिकता परिवारों के भोजन में प्रोटीन की कमी पूरी करने के लिए रियायती दर 5 रूपये प्रति किलो की दर पर प्रतिमाह 2 किलो चना प्रदाय।
- कुपोषण को दूर करने नवम्बर 2020 से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत कोण्डागांव जिले से फोटिफाईड चावल वितरण की योजना लागू की जा रही है।
गढ़ कलेवा योजना
उद्देश्य- छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक परंपराआंे को संरक्षित करते हुए पारंपरिक खान - पान, आहार एवं व्यंजनों से देश-दुनिया को परिचित कराना, वर्तमान में जब लोगों को सुगमतापूर्वक उपलब्ध कराना, छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की लुप्त विधि को जीवन्त बनाये रखना, विधवा, परित्याक्ता, थर्ड जेन्डर, जनजाति महिला, स्व सहायाता समूहों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराते हुए आत्मनिर्भर बनान का मार्ग प्रशस्त करना।
प्रारंभ- 2019 से
प्रावधान/लाभ - राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ी खानपान एवं व्यंजन विक्रय केन्द्र ‘गढ़कलेवा ‘ छत्तीसगढ़ के सभी जिला मुख्यालयों में वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। इसके अंतर्गत स्थानीय महिला स्वसहायता समूहों को प्रशिक्षित कर तथा गढ़कलेवा हेतु , शेड आदि तैयार कर संचालन हेतु दिया जा रहे हैं। जिससे समूह के गरीब परिवारों को जीवन यापन के लिए स्वरोजगार प्राप्त हो सकें तथा आत्म निर्भर बन सकें।
शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना
उद्देश्य- छत्तीसगढ़ राज्य में तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे हुए लगभग 12.50 लाख संग्राहकर परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से वन विभाग एवं छत्तीसगढ़ राज्य के लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित के समन्वय से यह योजना प्रारंभ की गई है।
प्रारंभ- 05 अगस्त 2020
प्रावधान/लाभ-
- तेंदूपत्ता संग्रहण दर को रू. 2,500/- प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर रू. 4,000/- प्रति मानक बोरा किया गया।
- तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के पंजीकृत मुखिया की आकस्मिक मृत्यु, दुर्घटना जनित मृत्यु, पूर्ण विकलांगता तथा आंशिक विकलांगता की स्थिति में सहायता अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।
- संग्राहक परिवार के मुखिया, जिसकी आयु मृत्यु दिनांक को 50 वर्ष से अधिक न हो, की सामान्य मृत्यु होने पर उसके द्वारा नामांकित व्यक्ति/उत्तराधिकारी को राशि 2 लाख रूपए की अनुदान सहायता राशि 2 लाख रूपए की अनुदान सहायता राशि प्रदान की जाऐगी। दुर्घटना से मृत्यु होने पर राशि 2 लाख, रूपए अतिरिक्त रूप से प्रदाय किए जाएंगे। दुर्घटना में पूर्ण विकलांगता की स्थिति में 2 लाख रूपए तथा आंशिक विकलांगता की स्थिति में 2 लाख रूपए तथा आंशिक विकलांगता की स्थिति में 1 लाख रूपए का सहायता अनुदान राशि प्रदान किया जाएगा।
- संग्राहक परिवार के मुखिया, जिसकी आयु मृत्यृ दिनांक को 51 से 59 वर्ष के बीच हो, में सामान्य मृत्यु होन पर उसके द्वारा नामाकित व्यक्ति/उत्तराधिकारी को राशि 30 हजार रूपए, दुर्घटना मृत्यु होने पर 75 हजार रूपए तथा दुर्घटना में पूर्ण विकलांगता की स्थिति में 75 हजार रूपए तथा आंशिक विकलांगता की स्थिति में 37,500 रूपए का सहायता अनुदान राशि प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना
उद्देश्य- जन सामान्य की सुविधा के लिए प्रदेश के सभी शासकीय भवनों-चिकित्सालय, स्कूल, काॅलेज, पंचायत भवन, उचित मूल्य की दुकान, आंगनबाड़ी भवनों सहित अन्य शासकीय शैक्षणिक संस्थानों के भवन, हाट-बाजार, शमशान घाट , मेंला स्थल, धान संग्रहण केन्द्रों को मुख्य मार्ग से बारहमासी पक्की सड़क से जोड़ना।
प्रारंभ- 19 जून 2020 से
प्रावधान/लाभ
- लोक निर्माण विभाग द्वारा योजना के क्रियान्वयन के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 में 252 करोड़ रू. का प्रावधान किया गया है।
- शासकीय सेवा केंद्रो तक सामान्य जन की पहुंच सुगमता के साथ हो सकेगी।बेराजगार युवाओं को मिलेगा कार्य प्रदेश के बेराजगार युवकों को रोजगाार उपलब्ध कराने हेतु ई श्रेणी के तहत पंजीयन कराने की योजना लागू की गई है। स्थानीय बेरोजगाार युवकों को 20 लाख तक के कार्य सीमित निविदा के माध्यम से मिलेंगे।
राज्य के प्रमुख विकास प्राधिकरण
राज्य के आदिवासी उपयोजना क्षेत्र में निवासरत आदिवासी समुदाय के सामाजिक, सांस्कृतिक तथा आर्थिक विकास के लिए पूर्व में बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र विकास प्राधिकरण तथा सरगुजा विकास प्राधिकरण गठित था। वर्ष 2019 में राज्य शासन द्वारा आदिवासी समुदाय, अनुसूचित जाति-जनजाति समूहों को प्राधिकरण से व्यापक स्तर पर जोड़ने, उनकी सहभागिता बढ़ाने तथा उचित प्रतिनिधित्व प्रदान करने के लिए इन प्राधिकरणों को समाप्त कर निम्नानुसार आदिवासी विकास प्राधिकरणों का गठन किया गया है।
राज्य के प्रमुख विकास प्राधिकरण
राज्य के आदिवासी उपयोजना क्षेत्र में निवासरत आदिवासी समुदाय के समाजिक सांस्कृति तथा आर्थिक विकास के लिए पूर्व में बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र विकास प्राधिकरण तथा सरगुजा विकास प्राधिकरण तथा सरगुजा विकास प्राधिरण गठित था। वर्ष 2019 में राज्य शासन द्वारा आदिवासी समुदाय, अनुसूचित जाति-जनजाति समूहों को प्राधिकरण से व्यापक स्तर पर जोड़ने, उनकी सहभागिता को समाप्त कर निम्नानुसार आदिवासी विकास प्राधिकरणों का गठन किया गया है।
01. बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण।
02. सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण।
03. मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण।
04. अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण।
05. छ.ग. राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण।
06. छत्तीसगढ़ सिंचाई विकास प्राधिकरण।
07. इन्द्रवती बेसिन प्राधिकरण।
बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का मुख्यालय जगदलपुर बस्तर है। प्राधिकरण का कार्य वर्ष 2019 से जगदलपुर मुख्यालय से संचालित है। इस प्राधिकरण का बजट आज 35 करोड़ से बढ़कर 85 करोड़ हो गया है। प्राधिकरण द्वारा क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व मिलने से प्राधिकरण की उपयोगिता और अधिक बढ़ गई है।
सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का मुख्यालय अंबिकापुर जिला सरगुजा में स्थित है। प्राधिकरण का कार्य वर्ष 2019 से सरगुजा संभाग मुख्यालय से संचालित है। प्राधिकरण से क्षेत्रीय आवश्यकता के विकास कार्यों की स्वीकृतियां दी जा रही हैं। प्राधिकरण मे आदिवासी समुदाय की सहभागिता एवं प्रतिनिधित्व के कारण प्राधिकरण की उपयोगिता बढ़ गई है।
मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का मुख्यालय रायपुर में है। इस प्राधिकरण के कार्यक्षेत्र में शमिल क्षेत्र तथा आंशिक रूप से शामिल क्षेत्र सम्मिलित है।
अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण
इस प्राधिकरण का मुख्यालय दुर्ग में स्थित है। राज्य के अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र में निवासरत अनुसूचित जाति के लोगों के सामाजिक, जाति बाहुल्य क्षेत्र में निवासरत अनुसूचित जाति के लोगंे के सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक विकास के लिए गठित अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण में अनुसूचित जाति के लोगों को उचित प्रतिनिधित्व प्रदाय करने, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण का पुनर्गठन वर्ष 2020 में किया गया है। इस प्राधिकरण के लिए 35 करोड़ 50 लाख रूपए का बजट प्रावधानित है।
छ.ग. राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण
राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत पिछड़ा वर्ग के लोगों की मूलभूत सुविधाओं के विस्तार हेतु गठित प्राधिकरण में ग्रामीण क्षेत्रों की सहभागिता बढ़ाने तथा ग्रामीण क्षेत्र के पिछड़ा वर्ग को उचित प्रतिनिधित्व प्रदान करने हेतु इस प्राधिकरण के पुनर्गठन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
इन्द्रावती बेसिन प्राधिकरण
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बस्तर की जीवनदायिनी इंद्रावती नदी के संरक्षण जल संवर्धन के लिए इंद्रवती बेसिन विकास प्राधिकरण के गठन की घोषणा की है। मुख्यमंत्री की घोषणा के परिपालन में जल संधाधन विभाग की ओर से वित्त विभाग को प्राधिकरण के लिए बजट आदिवासी उपयोजना जल संसाधन विभाग, नगरिय निकाय, पीएचई, वन विभाग आदि कई विभागों से लेने की योजना है। सभी विभाग पिलकर इंद्रवती नदी के सरक्षण और उपाध्यक्ष के दो पद का प्रावधान किया गया है। इंद्रवती विकास प्राधिकरण के लिए बजट आदिवासी उपयोजना जल संसाधन विभाग, नगरीय निकाय, पीएचई, वन विभाग आदि कई विभागों से लेने की याजना है। सभी विभाग मिलकर इंद्रावती नदी के संरक्षण और जल संवर्धन के लिए राशि प्राधिकरण के माध्यम से खर्च करेंगे।
छत्तीसगढ़ सिंचाई विकास प्राधिकरण
छत्तीसगढ़ के किसानों को सिंचाई सुविधाओं का भरपूर लाभ प्रदान करने के लिए छत्तीसगढ सरकार ने राज्य में सिंचाई विकास प्राधिकरण का गठन किया है। मुख्यमत्री की मंशा के अनुरूप राज्य मंे सिंचाई साधनों का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है और इसके लए मिशन मोड में कार्य करना आवश्यक है इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य में छत्तीसगढ सिंचाई प्राधिकरण का गठन किया गया है। पूर्व में गठित छत्तीसगढ अधोसंरचना विकास निगम (सीआईडीसी) का वर्तमान में अपेक्षित उपयोग नहीं हो रहा है इसलिए सीआईडीसी को ही सिंचाई विकास प्राधिकरण में परिवर्तित किया गया है।
छत्तीसगढ सिंचाई विकास प्राधिकरण राज्य में वास्तविक सिंचाई विकास प्राधिकरण राज्य में वास्तविक सिंचाई क्षमता के विस्तार के साथ ही नवीन सिंचाई योजनाओं के निर्माण काी कार्ययोजना बनाएगा ताकि किसानों को उसका अधिक से अधिक लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री अधोसंरचना संधारण एवं उन्नयन प्राधिकरण
इस प्राधिरण के गठन का उद्देश्य शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण तथा आवागमन (संचार) से संबंधित अधेसंरचनाओं के रख रखाव एव उन्नयन संबंधी कार्यों के वित्त पोषण की पूर्ति है। प्राधिकरण संबंधित विभाग एवं जिला प्रशासन को आवश्यक सलाह भी देगा। मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष होंगे। प्राधिकरण के दो उपाध्यक्ष होंगे जा विधायकगण में से नामांकित होंगे। राज्य मंत्रिमंण्डल के समस्त मंत्रीगण्, मुख्य सचिव, सचिव वित्त, समान्य प्रशासन विभाग इसके सदस्य तथा मुख्यमंत्री के सचिव प्राधिकरण के सदस्य सचिव होंगे।
राज्य का पहला उद्यानिकी महाविद्यालय
महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय
राज्य में उद्यानिकी फसलों का तेजी से बढ़ रहा रकबा एवं उत्पादन। छत्तीसगढ़ राज्य की जलवायु विविधता को देखते हुए यहां उद्यानिकी फसलों की खेती की असीम संभावनाओं को मुर्त रूप देने के लिए महात्मा गांधी उद्यानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना एक सार्थक और सराहनीय पहल है। इससे राज्य में उद्यानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना एक सार्थक और सराहनीय पहल है। इससे राज्य में उद्यानिकी क्षेत्र मे अनुसंधान एवं प्रशिक्षण के साथ-साथ उन्नत खेती को बढ़ावा मिलेगा। यह राज्य का पहला उद्यानिकी महाविद्यालय होगा।
दुर्ग जिले के सांकरा पाटन में 55 करोड़ रूपए की लागत से यह विश्वविद्यालय बनेगा, जिसकी आधारशिला 2 अक्टूबर को रखी गयी।
छत्तीसगढ़ राज्य में उद्यानिकी फसलों की खेती के रकबे में बीते कुछ वर्षों में चार गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्पादन भी पहले की तुलना में बढ़कर 5 गुना हो गया है।
वर्तमान में 8 लाख 61 हजार से अधिक उद्यानिकी फसलों की खेती की जा रही है। देश में छत्तीसगढ़ राज्य उद्यानिकी फसलों की खेती के मामले में 13 वें क्रम पर है।
मघ्य भारत की पहली सर्वसुविधा युक्त
टेनिस स्पोट्र्स अकादमी
ऽ टेनिस जगत में छत्तीसगढ़ को मिलेगी नयी पहचान
ऽ पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की जयंती पर खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों को मिली
बड़ी सौगात
ऽ रायपुर के कृषि विश्वविद्यालय परिसर में 4 एकड़ भूमिर में बनेगी अकादमी
ऽ खेल अकादमी 15 माह मे तैयार होगी