मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान
उद्देश्य- राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण-4 के अनुसार प्रदेश के 5 वर्ष से कम उम्र के 37.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषण और 15 से 49 वर्ष की 47 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित थीं।
कुपोषित बच्चों में अधिकांश आदिवासी और दूरस्थ वनांचलों के थे। राज्य सरकार ने इसे चुनौती के रूप में लेते हुए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियानों की शुरूआत की। अगले 3 वर्षों में प्रदेश को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त करने की रणनीति तैयार की गई है।
प्रारंभ- 2 अक्टूबर 2019 को महात्मा गांधी जयंती से।
प्रावधान-
- योजना शुरू होने के समय वजन त्यौहार के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में लगभग 4 लाख 92 हजार बच्चे कुपोषित थे, इनमें से 67 हजार से अधिक बच्चे अब कुपोषण मुक्त हो गए हैं। इस तरह कुपोषित बच्चों की संख्या में लगभग 13.79 प्रतिशत की कमी आयी है।
- योजनान्तर्गत 51,455 आंगनबाड़ी केन्द्रांे के लगभग 25 लाख हितग्राहियों को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट का वितरण किया गया।
- लाॅकडाउन के दौरान 2.84 लाख बच्चों एवं महिलाओं को सूखा राशन (चावल, दाल, सब्जी) एवं 2.36 लाख बच्चों एवं महिलओं को पौष्टिक आहार का वितरण किया गया।
- एनीमिया प्रभावितों को आयरन, फोलिक एसिड, कृमि नाशक गोलियां दी जाती हैं।
डाॅ. खूबचंद बधेल
उद्देश्य- प्रदेश के लोगों को शासकीय चिकित्सालयों एवं अनुबंधित निजी अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराना। नागरिकों को बीमारी व इलाज के खर्च की चिंता से मुक्त कर उनके स्वास्थ्य का स्तर ऊंचा उठाना। गरीब से गरीब व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना।
प्रारंभ - 01 जनवरी 2020
प्रावधान /लाभ-
- प्रदेश में 65 लाख परिवार इस योजना के दायरे में हैं। योजना के तहत बीपीएल के 56 लाख परिवारों को हर वर्ष 50 हजार रूपए तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
- 01 जनवरी 2020 से अब तक 3,20,783 लोगों को उपचार मुहैया कराया जा चुका है।
राजीव युवा मितान क्लब
उद्देश्य- राजीव युवा मितान क्लब के माध्यम से राज्य की युवा शक्ति को संगठित कर युवाओं को मुख्यधारा से जोड़कर ‘‘ गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ ‘‘ के ध्येय वाक्य को साकार करना है।
प्रारंभ- 14 जनवरी 2020
प्रावधान/लाभ
योजनान्तर्गत 146 विकासखण्ड़ों की 11 हजार 664 ग्राम पंचायतों में निम्न गतिविधियांे का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
- युवाओं में नेतृत्व क्षमता का विकास तथा कौषल विकास की गतिविधियां
- शासन की विकास योजनाओं में साझेदारी
- सामाजिक कार्यक्रमों में साझेदारी
- सामाजिक कार्यक्रमों में भागीदारी
- स्वच्छता, स्वास्थ्य वृक्षारोपण, वैचारिक, नैतिक विकास
- खेल एवं सांस्कृतिक गतिविधियांे से रचानात्मक कार्य
- स्वतंत्रता सेनानियों, महान विभूतियों पर विमर्श
- हर क्लब को गतिविधियों के लिए 10000 रू. प्रतिमाह
नागरिक एप-
- सभी शासकीय विभागों की समस्त लोक सेवाओं को नागरिक घर बैठे प्राप्त कर सके, इस हेतु मुख्यमंत्री मितान योजना प्रारंभ की गई हैं।
- योजना अंतर्गत नागरिक एप के माध्यम से मितान का अपाॅइंटमेंट बुक कर सकते हैं।
- निर्धारित समय पर मितान नागतिक के घर पहुंचकर सभी आवश्यक दस्तावेज मोबाइल पर स्कैन करेगा और निर्धारित समय सीमा में वांछित प्रमाण पत्र/लाइसेंस/सुविधा घर पहुंचाएगा।
- टोल फ्री नंबर निदान - 1100 के माध्यम से प्रदेश के नगरीय निकायों से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या को नागरिक दर्ज करा सकते हैं।
पौनी पसारी योजना
परंपरागत व्यवसायों तथा छत्तीसगढ़ की स्थानीय संस्कृति एवं परंपराओं को जीवन्त करने एवं इससे स्थानीय लोगों तथा बेरोजगारांे के लिए प्रवर्तित ‘‘ पौनी पसारी योजना‘‘ नवीन परिवेश में सभी 166 नगरीय निकायों में प्रारंभ की गई है।
प्रारंभ- महात्मा गांधी की 150वी जयंती दिनांक 02 अक्टूबर 2019 से
प्रावधान/लाभ-
- इस योजना में असंगठित क्षेत्र के परंपरागत व्यवसाय करने हेतु इच्छुक व्यक्तियों एवं स्व-सहायता समूह की महिलाओं को कौशल उन्नयन उपरांतर सघन शहरी क्षेत्रों मंे व्यवसाय हेतु दस रूपये प्रति दिवस के दैतिक शुल्क पर चबूतरा उपलब्ध कराने का प्रावधान है।
- अद्यतन 92 नग पौनी-पसारी बजारों के निर्माण कार्य हेतु कुल राशि 23.69 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। योजना के लिए आगामी दो वर्ष में 73 करोड़ रूपए से अ धिक की राशि खर्च करने का लक्ष्य रखा है।
- पौनी पसारी के मानक डिजाइन अनुसार प्रति बाजार परिसर में 15 बड़े चबूतरे उपलब्ध रहेंगे, जिन पर लगभग 90 लोग अपना व्यवसाय कर सकेंगे। योजना के तहत 12 हजार से अधिक परिवारों को रोजगाार मिल सकेगा।
मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान
उद्देश्य- बस्तर संभाग को मलेरिया, एनीमिया एवं कुपोषण मुक्त करने तथा शिशु व मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की शुरूआत की गई है।
प्रारंभ- पहला चरण 15 जनवरी से 23 फरवरी तक, दूसरा चरण 6 जून से 31 जुलाई 2020 तक।
प्रावधान/लाभ
- अभियान पहले चरण में 15 जनवरी से 23 फरवरी तक 14 लाख छह हजार लोगों की जांच की गई। इस दौरान मलेरिया पाॅजिटिव पाए गए 64 हजार 646 लोगों का मौके पर ही इलाज कर दवाइयां दी गई थीं।
- दूसरे चरण में 23 लाख 75 हार लोंगोंकी जांच कर 30 हजार 076 मलेरिया पीड़ितों का उपचार किया गया।
- मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के असर से सितम्बर 2019तक की तुलना में सितम्बर 2020 मे बस्तर संभाग में मलेरिया के मामलों में 65 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है।
पढ़ई तुंहर दुआर
उद्देश्य- कोविड महामारी के दौरान लाॅकडाउन में विभिन्न कक्षाओं के अधूरे पाठयक्रम को पूरा करने के लिए आॅनलाईन कक्षाओं का संचालन करना।
प्रारंभ- कोविड़ महामारी के दौरान मार्च 2020 से
प्रावधान/लाभ -
- योजनान्तर्गत 22 लाख बच्चों एवं 2 लाख शिक्षकों को सीखने सिखाने की सुविधा।
- लाॅकडाउन में स्कूल बंद होने के बावजूद बच्चे पढ़ाई कर पा रहे हैं।
- ई-क्लास होने की वजह से हर पाठयक्रमर को बार बार देख कर सीख जा सकेगा।
- विद्यार्थियों को शिक्षकों का लाइव सपोर्ट।
- पोर्टल पर विडियों काॅन्फ्रेंस के जरिये छात्रों को पढ़ाया जाएगा।
- इंटरनेट के अभाव वाली जगहों पर ब्लूटूथ आधारित बुल्टू के बोल के माध्यम से कक्षाएं संचालित की जा रही है।
- नवम्बर 2020 तक 8 लाख आॅनलाइन कक्षाओं का आयोजन किया गया है।
स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम योजना
उद्देश्य- छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों के बेहतर भविष्य के निर्माण को ध्यान में रखते हुए यह योजना प्रारंभ की गई है।
प्रारंभ- शैक्षणिक सत्र 2020-21
प्रवधान/लाभ
मौजूदा वित्तिय वर्ष में 100 स्कूल भवनों के निर्माण का संकल्प।
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- शासकीय इंग्लिश मीडियम स्कूलों में अब तक 27 हजार 741 बच्चे दाखिल।
- विद्यालयों में स्थापित होगें रोबोटिक्स, कम्प्युटर व लिंग्विस्टिक लैब
- उच्च मापदंड़ों के साथ शिक्षको का चयन
कोविड-19 के दौरान अहम फैसले
- वैश्विक महामारी कोविड-19 के फैलाव को देखते हुए छत्तीसगढ़ में फरवरी से ही इस पर नियंत्रण की तैयारियां शुरू कर दी गई थीं।
- स्टेट कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर द्वारा राज्य में संक्रमण की स्थिति की लगातार निगरानी कर रोजना समीक्षा की जा रही है। जांच और इलाज की सुविधा बढ़ाने के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
- कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए सरकार द्वारा 32 विशेषीकृत, कोविड अस्पतालों की स्थापना की गई है।
- इन अस्पतालों में 4275 बिस्तर उपलब्ध। 517 आईसीयू बिस्तर एवं 479 वंेटिलेटर की व्यवस्था।
- बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए प्रदेश भर के 207 कोविड सेंटर्स में 25,560 बिस्तर।
- स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित 166 क्वारंेटाइन सेंटर्स में 4221 बिस्तर।
- प्रदेश के सभी 6 शासकीय मेडिकल काॅलेजों और रायपुर एम्स में कोरोना वायरस के आरटीपीसीआर जांच की सुविधा।
- इसके लिए इन सभी स्थानों में आईसीएमआर के मानकों के अनुरूप उच्च स्तरीय बीएसएल-2 वायलोलाॅजी लैब स्थापित किए गए हैं।
- कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए सैंपल जांच की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। 07 चिकित्सा संस्थनों में आरटीपीसीआर जांच के साथ ही सभी जिलों मंे ट्रू-नाॅट मशीनों और रैपिड एंटीजन किट से जांच की जा रही है।
- हाॅट-स्पाॅट क्षेत्रों में शिविर लगाकर कोरोना संभावितों की जांच के लिए सैंपल संकलित किए जा रहे हैं।
- देश के विभिन्न भागों से प्रदेश लौटे 6.5 लाख श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच कर उन्हें क्वारेंटाइन करने सभी जिलों में करीब 21 हजार सेंटर्स बनाए गए थे।?
- कोविड मरीजों के प्रबंधन में प्रशिक्षित 16 हजार से अधिक मेडिकल स्टाॅफ की तैनाती कोविड अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर्स में की गई है।
- कोविड-19 पीड़ितों के इलाज और देखभाल में लगे मेडिकल स्टाॅफ के लिए पर्याप्त संख्या में व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपाय पीपीई किट, मास्क और ग्लोव्स के इंतजाम किए गए है।
- कोरोना वायरस की जांच और संक्रमितों के उपचार के लिए प्रदेश में जांच किट और सभी प्रकार की दवाईयां पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हैं।
- स्पेशल टेªनों के माध्यम से 1.54 लाख श्रमिकों को छत्तीसगढ़ वापस लाया गया।
- श्रम विभागों द्वारा संकटापन्न श्रमिकों हेतु 8.81 करोड़ रूपए व्यय।
- लाॅकडाउन की अवधिया में कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएं द्वारा संचालित औषधालयों के माध्यम से 1,54,077 श्रमिकों को स्वास्थ्य लाभ दिलाया गया।
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 26 लाख परिवारों को रोजगार।
- होम आइसोलेशन में रहकर इलाज के इच्छुक मरीजों के लिए Online अनुमति प्रक्रिया। निगरानी के लिए डाॅक्टरों का पैनल उपलब्ध। शासन द्वारा घर निःशुल्क दवाईयां पहुंचाई जा रही है।
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