आज कुछ खाने पीने की बात करते हैं। कई बार ये सवाल आता है मै बहुत ही कम खाता हूँ । फिर भी इतना मोटापा क्यों बढ़ रहा है ? खाने में अगर संतुलन नहीं होता है तो कई रोग असमय इंसान को जकड़ लेते हैं
जिनमें एक मोटापा भी है । मोटापा को रोग इसलिए मै कह रहा हूँ क्यिोंकि इससे कई बिमारियां जन्म लेती है। जिनमें मधुमेह और रक्तचाप प्रमुख है। ये दोनों बिमारियां असंतुलित आहार से भी जन्म लेती है साथ ही होता है हार्ट से संबंधित रोग, गठिया, कैंसर । तब जरूरी हो जाता है जानना कि संतुलित आहार क्या है ? और इसे किस प्रकार लेना चाहिए।संतुलित आहार क्या है?
हम जो खाना खाते हैं उसमें सारे पोषक तत्व मिले उन्हें हम संतुलित आहार कहते हैं । अब जानते हैं पोषक तत्व क्या हैं और एक इंसान को कितना पोषक तत्व चाहिए?
पोषक तत्व
हम जो भी खाते हैं उनमें मुख्यतः सात प्रकार के पोषक तत्व होते हैं और होने चाहिए । पहले सात प्रकार के पोषक तत्वों के बारे में जान लिजिए
कार्बोहाईड्रेट्स
प्रोटिन,
फैट्स
यानि वसा,
मिनिरल,
विटामिन,
डायटरी फाईबर,
पानी
इन्हीं तत्वों के आधार पर हमारे खाने को तीन भागों में बांटा गया है।
पहले आते है
ताकत यानि ऊर्जा देने वाले भोजन
इस श्रेणी में हमें कोर्बोहाईड्रेट्स और फैट्स से भरपूर आहार आते हैं जो हमारे शरीर को उर्जा यानि ताकत देते है। जिन्हें हम विज्ञान की भाषा में कैलोरी कहते हैं । यह पुरूषों और महिलाओं में अलग-अलग लेनी होती है । एक आम महिला को 1500 से 2000 तक ही कैलोरी लेनी चाहिए!
शक्कर ,चाँवल , गेंहूँ, आलू, शहद, दूध, सफेद ब्रेड और केला । इसके अलावा सभी प्रकार चीजों जो मीठे के स्वाद देती हैं ।
ये भी जानिए!
कार्बोहाइड्रेट दो प्रकार के होते हैं शुगर और स्टार्च
और शुगर चार प्रकार के होते हैं जिन्हें लेक्टोज़, फ्रकटोज़, ग्लूकोज़, सुक्रोज़
फलों से प्राप्त होने वाली मीठास को फ्रकटोज कहते हैं । तो दूध में होने वाली मीठास लैक्टोज कहते हैं जो खास तौर पर नवजात बच्चें के लिए जरूरी होता है। तो सुक्रोज मिलता है गन्ने और गाजर में मिलता है।
इसके बाद फैट्स यानि वसा कहलाता है।
वसा यह भी कार्बोहाईड्रेट्स के बाद ऊर्जा देने वाला है । और यह अगर सही मात्रा में लिया जाए तो यह शरीर के लिए काफी लाभ दायक है। मगर इसी अधिकता उतना ही नुकसान करती है। विटामिन ए,डी, ई और के की खपत के लिए यह जरूरी होता है।
फैट्स का काम होता है कि
- खाने में स्वाद दे
- शरीर के आंतरिक अंगों को मजबूती प्रदान करे।
- खून में कोलेस्ट्रोल को कम करे ।
- चमड़ी और बालों को सुन्दरता प्रदान करे।
और कुल मिलाकर पेट भरने का अहसास देता है।
यह तैलीय चीजों में, तेल, घी, मक्खन,मछली और अंडे में , रेड मीट, बीज, अखरोट, इत्यादि में मिलता है।
स्वास्थ्य कार्बोहाईड्रेटस का काम।
स्वस्थ कार्ब्स जिन्हें जटिल या धीमी गति वाले अभिनय कार्ब्स भी कहा जाता है। जिसमें मल्टीग्रेन ब्रेड, ब्राउन राइस, दाल और बीन्स शामिल हैं। इस प्रकार का कार्बोहाइड्रेट रक्त शर्करा को धीरे-धीरे बढ़ाता है और लंबे समय तक रहता है। यह आपको अधिक समय तक भूखे रहने से बचाता है। यह खून में शर्करा के स्तर को सामान्य रखने में मदद करता है।
प्रोटीन
यह शरीर को बनाने में मदद करता है। इसका मुख्य काम होता है शरीर के विकास और छोटे मोटे रिपेयअरिंग करना। इसके दो सो्रत होते है। शाकाहारी लोगों कोे अनाज, दाल, सूखे फल, बीज वाले खाने की चीज़ों में मिलता है। सोयबीन इसका प्रमुख सो्रत है। और मांसाहारियों को तो अंडे, मछली, मांस, चिकन में मिलता है।
क्यों जरूरी है प्रोटिन
हमारी मांसपेषियां, चमड़ी और शरीर में मौजूद कार्टिलेज यानि नर्म हड्डियों के लिए यह बेहद जरूरी होता है।
अगला तत्व होता है- विटामिन और मिनरल
इसे सुरक्षात्मक भोजन के रूप में माना जाता है। यानि यह शरीर को सुरक्षा प्रदान करते हैं । विटामिन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। इसीलिए विटामिन का हमारे भोजन में होना जरूरी होता है। यह विटामिन छः प्रकार के होते है। जिन्हें विटामिन ए बी ई सी और के कहते है।
जानते हैं यहा किन खाने पीने की चीज़ों में मिलता है। और इनके कार्य क्या हैं ?
विटामिन ए
यह आपके शरीर के स्कीन यानि त्वचा के लिए जरूरी है साथ ही यह हमारे फेफड़े, नाक, आंत, गले और मुँह को स्वस्थ रखता है। धीमें रौषनी में हमारी आखों को देखने में सक्षम बनाता है।
विटामिन ए की कमी से मनुष्य अंधेरे मंे देखने में असमर्थ हो जाता है। यह शरीर को कुछ प्रकार के कैंसर से भी बचाता है।
विटामिन ए पाने के लिए खूब मात्रा में हरी शाक-सब्जियां खाईए खासतौर पर शलजम, लाल-हरी मिर्च, कद्दू, मीठा आलू, पनीर,
मांसाहारी लोग विटामिन ए पाने के लिए अंडे का पीला भाग खा सकते हैं, कलेजी खा सकते हैं।
विटामिन बी
प्रोटिन का शरीर में उपयोग हो सके इसलिए विटामिन बी बहुत जरूरी होता है। और ये विटामिन बी. आठ प्रकार के होते हैं ।
थियामिन (विटामिन बी 1)
राइबोफ्लेविन (विटामिन बी 2)
नियासिन (विटामिन बी 3)
पैंटोथैनिक एसिड।
विटामिन बी 6।
बायोटिन (विटामिन बी 7)
फोलेट और फोलिक एसिड।
विटामिन बी 12
शाकाहारी इसे दूध, चांवल, गेंहूँ, दलिया, सोयाबीन, चना अखरोट इत्यादि में पा सकते हैं । मांसाहारी इसे अंडे, लिवर, सुअर के मांस , चिकन, इत्यादि में पाते हैं।
विटामिन सी
यह आमतौर पर खट्टी चीजों में मिलता है जैसे संतेरे, नींबू, आंवला, लाल मिर्च इत्यादि । इसके अलावा जाम, हरीमिर्च पपीता आम में भी पाया जाता है। इसका काम होता है शरीर की में घाव का इलाज करना । विटामिन सी को शरीर अपने में अन्य विटामिन की तरह स्टोर करके नहीं रखता है। बल्कि ज्यादा हो जाने पर पसीने और मूत्र के रूप में यह शरीर से बाहर निकाल देता है।
विटामिन डी
इस विटामिन का सो्रत धूप होता है । यह हड्डियों में होने वाले रोग रिकेट से शरीर को बचाता है। यह मछली, मछली के तेल, और कलेजे में मिलता है। शाकाहारी इसे सूर्य की रौषनी से प्राप्त कर सकते है। मषरूम और अन्य खाद्य जिनमें विटामिन डी अलग से दिया जाता है - उसमें मिलता है।
विटामिन ई
यह दूध अंडे, और काजू, किषमिष, बादाम, चने इत्यादि में मिलता है। इसके अलावा यह अनाज, सब्जियों में भी प्रचुर मात्रा में मिलता है।
विटामिन के
शरीर में न हों तो छोटे मोटे घाव से खून का बहना बंद नहीं होता है। अगर शरीर में हल्की चोट लग जाए तो यह खून को अनावष्यक बहने से बचाता है । इसीलिए विटामिन के का होना जरूरी है। यह टमाटर,पालक,गोभी, चना सोयाबीन, दूध इत्यादि में मिलता है।