मौसमी बुखार हो तो ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि ये किस प्रकार होता है ? एक समय था कि बुखार और सर्दी को लोग गंभीरता से नहीं लेते थे मगर कोरोना काल में यह एक गंभीर बिमारी बन गई है। जानते है। सामान्य सर्दी और फ्लू में क्या फर्क होता हैं । आमतौर पर फ्लू सामान्य सर्दी की तरह होता है मगर दोनों के बीच कुछ मूलभूत अंतर हैं
नम्बर एक सामान्य सर्दी कुछ असुविधाओं के साथ, थोड़ा बुखार लेकर आता है और यह सप्ताह भर में ठीक भी हो जाता है।मगर फ्लू में 101 डिग्री फेरेनहाईट से ज्यादा बुखार आता है। इसके अलावा अत्यधिक थकान, गले में खराष, खांसी, मांसपेषियों में दर्द होता है। और यह हफ्तों रहता है।
यह मुख्यतः संक्रमित व्यक्तियों द्वारा उपयोग किए गए वस्तुओं जैसे तौलिया, रूमाल इत्यादि से फैलता है । साथ ही उसके खांसने, छींकने से एक दूसरे में फैलता है।
और भी जटिलताएं होती है। जानते हैं क्या?
वृद्ध, छोटे बच्चों , गर्भवती महिलाओं और कम प्रतिरोधी वाले व्यक्तियों में इसकी समस्या जटिल हो जाती है। इनके रक्त में संक्रमण होने का खतरा हो जाता है।
फ्लू होने के लक्षण
बुखार, खांसी, मांसपेषियों में दर्द, थकान,सिरदर्द इत्यादि इसके प्रमुख लक्षण हैं।
कुछ दिनों तक ये लक्षण बने रहें तो आपको चिकित्सक की सलाह ले लेनी चाहिए।
आमतौर पर डाॅक्टर दर्द और बुखार के लिए एसिटामिनोफेन की दवा लिख कर देते है।
कोई संक्रमण है कि नहीं इस बात की जांच की लिए छाती के एक्सरे की सलाह भी दी जाती है।
गंभीर संक्रमण होने पर एंटी वायरल दवाओं की सलाह भी डाॅक्टर लिख कर देता है।
ऐसे में भीड़भाड वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए
और अगर जाएं भी तो मास्क लगाकर । और हर पल हाथ 20 सकेण्ड तक साबुन से धाना इसका सबसे अच्छा उपाय है।
टीकाकरण से इसे रोका जा सकता है। बच्चों को इसकी दो खुराक दी जाती है। और भी हैं इसके उपाय
पीड़ित को खूब आराम करना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए
आहार में फलों और सब्जियोें का सेवन करना चाहिए। और अपनी प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने के लिए हर सम्भव उपाय करना चाहिए।
खाने में विटामिन सी लेना चाहिए। शरीर को गर्म करने के उपाय करने चाहिए। इसके लिए गुनगने पानी में शहद ,नींबू डालकर लेना चाहिए।एंटीबायटिक ठंड का इलाज नहीं करते क्योंकि ये केवल बैक्टिरिया से होने वाली बिमारियों का ही इलाज करते हैं। दर्द या बुखार की दवाएं आप दुकान से खरीद सकते है।
नम्बर एक सामान्य सर्दी कुछ असुविधाओं के साथ, थोड़ा बुखार लेकर आता है और यह सप्ताह भर में ठीक भी हो जाता है।मगर फ्लू में 101 डिग्री फेरेनहाईट से ज्यादा बुखार आता है। इसके अलावा अत्यधिक थकान, गले में खराष, खांसी, मांसपेषियों में दर्द होता है। और यह हफ्तों रहता है।
यह मुख्यतः संक्रमित व्यक्तियों द्वारा उपयोग किए गए वस्तुओं जैसे तौलिया, रूमाल इत्यादि से फैलता है । साथ ही उसके खांसने, छींकने से एक दूसरे में फैलता है।
और भी जटिलताएं होती है। जानते हैं क्या?
वृद्ध, छोटे बच्चों , गर्भवती महिलाओं और कम प्रतिरोधी वाले व्यक्तियों में इसकी समस्या जटिल हो जाती है। इनके रक्त में संक्रमण होने का खतरा हो जाता है।
फ्लू होने के लक्षण
बुखार, खांसी, मांसपेषियों में दर्द, थकान,सिरदर्द इत्यादि इसके प्रमुख लक्षण हैं।
कुछ दिनों तक ये लक्षण बने रहें तो आपको चिकित्सक की सलाह ले लेनी चाहिए।
आमतौर पर डाॅक्टर दर्द और बुखार के लिए एसिटामिनोफेन की दवा लिख कर देते है।
कोई संक्रमण है कि नहीं इस बात की जांच की लिए छाती के एक्सरे की सलाह भी दी जाती है।
गंभीर संक्रमण होने पर एंटी वायरल दवाओं की सलाह भी डाॅक्टर लिख कर देता है।
ऐसे में भीड़भाड वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए
और अगर जाएं भी तो मास्क लगाकर । और हर पल हाथ 20 सकेण्ड तक साबुन से धाना इसका सबसे अच्छा उपाय है।
टीकाकरण से इसे रोका जा सकता है। बच्चों को इसकी दो खुराक दी जाती है। और भी हैं इसके उपाय
पीड़ित को खूब आराम करना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए
आहार में फलों और सब्जियोें का सेवन करना चाहिए। और अपनी प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने के लिए हर सम्भव उपाय करना चाहिए।
खाने में विटामिन सी लेना चाहिए। शरीर को गर्म करने के उपाय करने चाहिए। इसके लिए गुनगने पानी में शहद ,नींबू डालकर लेना चाहिए।एंटीबायटिक ठंड का इलाज नहीं करते क्योंकि ये केवल बैक्टिरिया से होने वाली बिमारियों का ही इलाज करते हैं। दर्द या बुखार की दवाएं आप दुकान से खरीद सकते है।