योग बनाए निरोग :
ताड़ासन: जानिए ताडासन करने का तरीका और फायदे
व्यस्त
जीवनशैली के चलते कई बार हम शरीर पर ठीक तरह से ध्यान नहीं दे पाते हैं।
परिणामस्वरूप, शरीर का छोटी-बड़ी शारीरिक समस्याओं की चपेट में आने का
जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे में योग एक स्वस्थ विकल्प हो सकता है। यह न सिर्फ
आपकी जीवनशैली में सुधार करेगा,
बल्कि बीमारियों से दूर रहने में भी आपकी
मदद करेगा। इसी क्रम में स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम एक खास आसन
‘ताड़ासन’ के बारे में बताने जा रहे हैं। ध्यान रहे कि ताड़ासन के फायदे
संतुलित दिनचर्या और संतुलित खानपान के साथ ही प्राप्त हो सकते हैं।
ताड़ासन योग क्या है ?
ताड़ासन
संस्कृत शब्द ताड़ (पर्वत) के साथ आसन को मिलाकर बना है। ताड़ासन योग को खड़े
रह कर करने वाले योगासनों की नींव माना जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस
योग को करते समय शरीर पर्वत के समान सीधा और स्थिर रहता है।
ताड़ासन
रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ रखने में मदद करता है, जिससे बाकी आसन करने में
आसानी होती है। यह एक बहुत ही सरल योगासन है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
माना जाता है
योग से आज के समय में सभी परिचत हैं । विदेशों में इसके सम्बध में बहुत अधिक जिज्ञासा है। परन्तु इस सम्बन्ध मं लोगों ने अनेक विभ्रम भी पाल रखे हैं कुछ लोग तो इसे एक दर्शन के रूप में ह जानते हैं और कुछ इसे मात्र एक आध्यामित्क सााना विधि मनते हैं अधिकांश लोग इसे एक प्रकार का शारीरिक व्याया म मात्र ही समझते हैं तथा कुछ अन्य इसे असाध्य रोगों की चिकित्सा पद्धति के रूप में मान्यता देते हैं । ये सभी अर्थ योग के विभिन्न पक्षों को उजागर करते है।
योग के विभिन्न पहलुआंे पर अगर गौर करें तो हम पाते हैं योग एक विशाल सागर है जिससे व्यक्ति अपनी-अपनी आवश्यकतानुसार लाभ अर्जित करता है। योग वास्तव में स्वयं प्रकाश आत्मा के स्वरूप को अनुभव कराने की विद्या है, जिसका वर्णन गीता में ‘‘समत्वं योग उच्यते’’ तथा‘‘योगः कर्मसु कौशलम् ’’ कहकर किया गया है।
योग के विभिन्न पहलुआंे पर अगर गौर करें तो हम पाते हैं योग एक विशाल सागर है जिससे व्यक्ति अपनी-अपनी आवश्यकतानुसार लाभ अर्जित करता है। योग वास्तव में स्वयं प्रकाश आत्मा के स्वरूप को अनुभव कराने की विद्या है, जिसका वर्णन गीता में ‘‘समत्वं योग उच्यते’’ तथा‘‘योगः कर्मसु कौशलम् ’’ कहकर किया गया है।
ताड़ासन करने के फायदे
1. मधुमेह के लिए ताड़ासन के लाभ
योग
में ऐसे कई योगासन बताए गए हैं, जो मधुमेह में लाभकारी हो सकते हैं। इनमें
एक नाम ताड़ासन का भी शामिल है। नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन
(NCBI) द्वारा प्रकाशित एक शोध में यह बताया गया है कि ताड़ासन ऐसे योगासनों
में शामिल है, जो टाइप 2 डायबिटीज को नियंत्रित रखने में मदद कर सकते हैं।
यह आसन खून में ग्लूकोज को नियंत्रित करने और इंसुलिन की मात्रा को बनाए
रखने में मदद कर सकता है। इस प्रकार मधुमेह के मरीजों के लिए ताड़ासन के
फायदे देखे जा सकते हैं। हालांकि, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
2. पोस्चर सुधारने में करे मदद
शरीर
का पोस्चर (मुद्रा) सुधारने के लिए रीढ़ की हड्डी को सीध में रखना बहुत
जरूरी है। ऐसे में, रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ बनाए रखने में ताड़ासन के लाभ
मदद कर सकते हैं। जैसा कि ताड़ासन योग के परिचय में हम बता चुके हैं कि इस
योगासन को करते समय रीढ़ की हड्डी को बिलकुल सीधा रखा जाता है, जिससे शरीर
का पोस्चर बनाए रखने में मदद मिल सकती है। साथ ही, ताड़ासन रीढ़ को सकारात्मक
रूप से लचीला और शरीर का संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकता है दरअसल, यह
मांसपेशियों में खिंचाव पैदा करता है, जिससे रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने में
मदद मिलती है
3. घुटने, जांघ और टखनों को बनाए मजबूत
योगासन
पूरे शरीर के लिए लाभदायक हो सकते हैं, लेकिन कुछ योगासन शरीर के कुछ खास
अंगों पर काम करते हैं। इसी प्रकार ताड़ासन योग घुटने, जांघ और टखनों पर भी
खास तौर से काम करता है। एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए एक शोध
में यह पाया गया है कि ताड़ासन के फायदे रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने के साथ
घुटने, जांघ और टखनों को मजबूत बनाए रखने में भी मदद कर सकते हैं। इन
फायदों के पीछे ताड़ासन करने के दौरान शरीर पर पड़ने वाला खिंचाव हो सकता
है। हालांकि, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
ताड़ासन योग मुद्रा करने का तरीका
किसी भी योगासन को गलत तरीके से करने से उसके नुकसान हो सकते हैं।
सही तरीका
सबसे पहले किसी साफ और खुली जगह का चुनाव करें और योग मैट बिछाएं।
अब पैर और कमर को सीधा करके योग मैट पर खड़े हो जाएं।
इस दौरान एड़ियों को एक दूसरे से मिला कर रखें।
अपने दोनों हाथों को बगल में सीधा रखें।
अगले चरण में हथेलियों को आपस में फंसाकर ऊपर उठाएं। हथेलियों की दिशा आकाश की तरफ होनी चाहिए।
अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए, पंजों के बल खड़े होते हुए शरीर को ऊपर की ओर खीचें।
जब शरीर पूरी तरह तन जाए तो इस मुद्रा में कुछ देर बने रहने की कोशिश करें। साथ ही सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
इस अवस्था में शरीर का पूरा भार पंजों पर होगा।
फिर सांस को धीरे-धीरे छोड़ते हुए प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
इस पूरी प्रक्रिया को लगभग 8 से 10 बार दोहराएं।
शुरुआती लोगों के लिए ताड़ासन करने के टिप्स
जिन लोगों ने पहले कभी ताड़ासन नहीं किया, वो ताड़ासन करने का तरीका अपनाते समय नीचे बताई गई बातों का ध्यान रखें।
- शरीर को ऊपर की ओर खींचते समय ज्यादा जोर न लगाएं।
- अगर ताड़ासन योग करते समय आप अपने शरीर का संतुलन नहीं बना पा रहे हैं तो अपने पैरों को चिपका कर रखने की जगह कुछ दूर रखें। इससे संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।
- अगर आप रोजाना योग नहीं करते हैं तो इस योग के शुरूआती दिनों में शरीर पर ज्यादा तनाव न डालें।
ताड़ासन योग के लिए कुछ सावधानियां
अगर आप नीचे बताई गई समस्याओं से ग्रसित हैं तो ताड़ासन योग न करें
सिर दर्द
अनिद्रा (नींद न आने की समस्या)
निम्न रक्तचाप ( Low Blood Pressure)
इस
लेख के माध्यम से ताड़ासन से जुड़ी बातें आपको अच्छी तरह समझ आ गई होंगी। इस
योगासन को करते समय इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि ताड़ासन के लाभ आपके
शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मददगार जरूर होंगे, लेकिन यह किसी भी बीमारी
का मेडिकल इलाज नहीं है। इन समस्याओं से पूरी तरह निजात पाने के लिए योग के
साथ, सही डॉक्टरी इलाज और संतुलित आहार बहुत जरूरी है।
डॉ राव पी सिंह
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