आज कोरोना वायरस पूरी दुनियाँ में फैल चुका है और हर दिन मरने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। यह आज विश्व के समक्ष चुनौती बन चुका है ।
जानिए क्या है कोरोना वायरस कैसे यह शरीर में असर डालता है।
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Conora Virus (COVID19)
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Conora Virus (COVID19)
Director Wold Health Organization |
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जो उपाय किये जा रहें है उसे लेकर भले ही मिली जुली प्रतिक्रिया आ रही है लेकिन सच तो यह है यूरोप और अमेरिकन देशों को विश्व स्वास्थ्य संगठन के भरोसे में रहना बहुत घातक साबित हआ। भारत भी उन देशों में था जिसने विश्व स्वाथ्य संगठन (World Health Organization)की बातों को आंख मूंद कर विश्वास किया था। जिसका यह खामियाजा हुआ कि आज हजारों की संख्या में लोग इस वायरस से ग्रसित हैं और प्रतिदिन मरने वालों की संख्या बढ़ रही है।
कोरोना के इस पूरे घटनाक्रम में जिस अंर्तराष्ट्रीय संगठन का नाम आ रहा है , उसका नाम है विश्व स्वास्थ्य संगठन
(World Health Organization) । इस संगठन का सक्षिप्त परिचय जानते हैं।
यह एक अंतराष्ट्रीय संगठन है इसकी स्थापना 7 अप्रेल 1948 को हुई थी भारत समेत वर्तमान में 194 देश इसके सदस्य हैं। इसका अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय स्वीट्जरलैण्ड के जेनेवा शहर में है । चीन वर्तमान में इस संगठन में अग्रहणी भूमिका निभा रहा है। 2014 से चीन अकेले विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) को कुल दान का 52℅ देता है। इसीलिए इसकी पकड़ इस संगठन में सबसे ज्यादा है।विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्य
विश्व के देशों में स्वास्थ्य का मानक तैयार करना इसकी प्रमुख जिम्मेदारी है यानि स्वास्थ्य को लेकर विश्व में जो कार्य किए जाते हैं उसमें आपसी सहयोग से एक समझ तैयार करना ।
इसके कार्यो को इस प्रकार से समझा जा सकता है-
- विश्व को स्वास्थ्य संबधी कार्य में नेतृत्व करना और आवश्यक निर्देश देना।
- साक्ष्यों के आधार पर मानक तैयार करना ।
- विश्व के लिए एजेंडा तैयार करना और उसे मॉनिटरिंग करना।
- महामारी के समय विश्व को जरूरी तकनीकी सहायता प्रदान करना
मगर दुर्भाग्यवश कोरोना के पूरे प्रकरण में विश्व स्वास्थ्य संगठन अपनी भूमिका भूल गया। और
देखिये किस तरह विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व को भ्रमित किया और चीन का साथ दिया।चीन जैसे-जैसे बोलता गया विश्व स्वास्थ्य संगठन वैसे-वैसे करता गया।
देखिये किस तरह विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व को भ्रमित किया और चीन का साथ दिया।चीन जैसे-जैसे बोलता गया विश्व स्वास्थ्य संगठन वैसे-वैसे करता गया।
एक नजर पूरे घटनाक्रम पर
1)सबसे पहले ताइवान अपने सूत्रों से जानकारी प्राप्त कर विश्व स्वाथ्य संगठन को 31 दिसम्बर 2019 को सूचित किया कि चीन में एक वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है। यह एक छुआछूत यानि मानव से मानव में फेलने वाली बीमारी है। यह वैश्विक महामारी का रूप ले सकती है। मगर , इसके बाद भी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोई कदम नहीं उठाया।
2. जब बात बहुत गंभीर हो गई तो चीन ने सोचा अब इसे नहीं छुपा सकते तो 23 फरवरी 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन को सूचित किया कि हमारे यहां एक वायरस उत्पन्न हुआ परंतु हम उस से जल्द ही निजात पा लेंगे।
3. 28 फरवरी 2020 विश्व स्वास्थ्य संगठन के महासचिव डाॅक्टर ट्रेडोस एनडेरेनाम ग्रेबु्रआसिस ने चीन का दौरा किया और शी जिनपिंग से मिले।तब तक कोरोना वायरस पूरे विश्व में फैलने शुरू कर दिया था।
4. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने ट्वीट में कहा था ये छुआछूत(मनुष्य से मनुष्य ) से नहीं फैलता है जो बाद में गलत सबित हुआ। कुछ दिनों बाद संगठन ने अपने दूसरे ट्वीट में बताया कि यह मनुष्य से मनुष्य से फैलता है। यानि यह घातक है।
संगठन ने क्यों बदला अपना बयान ?
1. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि इससे चीन की छवि खराब हागी। उसका आर्थिक नुकसान होगा। संगठन की इस भूल से यह बिमारी अगले दो महिने तक पूरी दुनियाँ में फैलता रहा ।
2. जब भारत ,अमेरिका समेत बड़े देशों ने चीन की अन्तरराष्ट्रीय फ्लाइट को अपने देश आने पर प्रतिबंधित कर दिया। वुहान से आने वाले चीनी नागरिक को प्रतिबंधित कर दिया। तभी इसके बाद विश्वस्वास्थ्य संगठन बहुत सारे कदम उठाने को मजबूर हो गया।
3. विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक इथोपियाई है। इथोपिया और चीन का सम्बंध बहुत अच्छा है।इथोपिया चीन के महत्वकांक्षी योजना OBR(One Boarder One Road) का समर्थन करता है।और उसका हिस्सा भी है।चीन इथोपिया को काफी आर्थिक मदद करता है।
4. 2014 से चीन अकेले विश्व स्वास्थ्य संगठन को कुल दान का 52℅ देता है। जो तकरीबन $82 मिलियन है।बहुत बड़ी रकम है। जाहिर सी बात है विश्व स्वास्थ्य संगठन में उसकी बात सुनी जाएगी।
2. जब भारत ,अमेरिका समेत बड़े देशों ने चीन की अन्तरराष्ट्रीय फ्लाइट को अपने देश आने पर प्रतिबंधित कर दिया। वुहान से आने वाले चीनी नागरिक को प्रतिबंधित कर दिया। तभी इसके बाद विश्वस्वास्थ्य संगठन बहुत सारे कदम उठाने को मजबूर हो गया।
3. विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक इथोपियाई है। इथोपिया और चीन का सम्बंध बहुत अच्छा है।इथोपिया चीन के महत्वकांक्षी योजना OBR(One Boarder One Road) का समर्थन करता है।और उसका हिस्सा भी है।चीन इथोपिया को काफी आर्थिक मदद करता है।
4. 2014 से चीन अकेले विश्व स्वास्थ्य संगठन को कुल दान का 52℅ देता है। जो तकरीबन $82 मिलियन है।बहुत बड़ी रकम है। जाहिर सी बात है विश्व स्वास्थ्य संगठन में उसकी बात सुनी जाएगी।
भारत में क्या हुआ
जब भारत में यह वायरस आया तब यह दुनियाँ के अनेक देशों में विकराल रूप ले चुका था। जिसमें France, अमेरिका और इटली प्रमुख थे। यहाँ सबसे पहला मरीज केरल में 30 जनवरी को मिला । जिसके बारे में चर्चा करते हुए राहुल गांधी ने देश में जांच कराने की बात कही थी जिसे नज़र अंदाज किया गया ।
- भारत में ट्रम्प का आगमन
- इसी क्रम में 24 फरवरी को ट्रंम्प ने भारत का दौरा किया और नमस्ते ट्रम्प के कार्यक्रम में लाखों की संख्या में लोग मौजूद रहे। जबकि दुनिया के बाकि देशों में कोरोना फैल रहा था और
- विश्व संगठन की झूठी दिलासा के भरोसे भारत में Social Distancing जैसी कोई बात नहीं हुई ।
- फिर मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी । और काफी भीड़-भाड़ के बीच और हर्षोल्सास से भारत में होली मनाई गई ।
- इसकी गम्भीरता जब तक समझ में आती तब तक यह फैल चुका था।
- देश में 22 मार्च को एहतियातन पहला लाॅक डाऊन किया ।