शिक्षा की ज्योति बस्तर में उस समय जल चुकी थी जब डिमरापाल स्थित माता रूकमणी सेवा संस्थान की स्थापना हुई । और इसके संस्थापक पद्मश्री धर्मपाल सैनी ने बड़ी मेहनतों के बाद बस्तर में महिला शिक्षा यानि लड़कियों को पढ़ाने का जिम्मा उठाया । वे कहते हैं कि आचार्य विनोभाभावे की प्रेरणा से यह सम्भव हो पाया । जब गुरूकुल शिक्षा पद्धति ने आधुनिकता की चादर ओढ़ी तो जगदलपुर में भी इसकी किरण फैली । इसी शिक्षा की अलख की बात करने के लिए मै यह लेख आप तक पहुँचा रहा हूँ।
Aadeshwar Academy |
वह एतिहासिक दिन
मुझे याद है 20 जून 2006 को बस्तर जिले में झमाझम बारिश हुई थी और सारा क्षेत्र पानी से भर गया था । और 21 जून को आसमान जब साफ हुआ तो प्रदेश के सारे छोटे बड़े नेताओं, अधिकारियों की गाड़ियां हल्बाकचोरा स्थित आड़ावाल की ओर दौड़ने लगी । जहाँ प्रदेश के तत्कलीन मुख्यमंत्री डाॅ रमन सिंह का आगमन हो रहा था। वे यहाँ एक आवासीय स्कूल का उद्घाटन करने आए। जिसे आज हम आदेश्वर अकादमी के नाम से जानते हैं । किसी स्कूल के उद्घाटन में मुख्यमंत्री का साक्षात मौजूद होना अपने आप में एक बड़ी घटना थी। क्योंकि आमतौर पर स्कूल का उद्घाटन मुख्यमंत्री नहीं किया करते थे। इसके साथ ही बस्तर में एक ऐसा आवासीय स्कूल खुला जो NO- HOME-WORK और Bag-less की अवधारणा पर काम करता था।
शिक्षाविदों की माने उस दिन बस्तर में एक नया इतिहास लिखा गया था। मानों न मानो मगर यह सच है कि आदेश्वर अकादमी जगदलपुर ने निजी स्कूलों की अवधारणा को ही बदल कर रख दिया । इस अवसर पर अपने उद्बोधन में बोलते हुए बस्तर टाईगर महेन्द्रकर्मा ने कहा था कि वह दिन दूर नहीं जब बस्तर के लोगों को पढ़ाई के लिए बहार नहीं जाना पड़ेगा क्योंकि यहां आदेश्वर अकादमी की स्थापना हो गई है। बल्कि बाहर से लोग यहाँ पढ़ने और पढ़ाने आएंगे। आज उनकी बात सच साबित हो चुकी है। आज यहाँ बीजापुर,दंतेवाड़ा ,कोंटा, सुकमा, जयपुर ,विशाखापट्टनम, कोंडागाँव, बस्तर जैसे क्षेत्रों से अनगिनत विद्यार्थी आते हैं ।
Dr. Raman Singh At Aadeshwar in 2006 |
क्या खास बात है आदेश्वर अकादमी जगदलपुर में ?
2006 के उस दौर में जहाँ अन्य निजी स्कूल परम्परागत पढ़ाई के जाने जाते थे तब आदेश्वर अकादमी ने बच्चों के सर्वांगीण विकास पर बल दिया । और कुछ अलग कर दिखाया। जानते हैं वे क्या बातें थी जिसने आदेश्वर अकादमी को अल्प समय में ही न केवल बस्तर बल्कि आसपास के क्षेत्रों में लोक प्रसिद्धि दिला दी ।
- पहला स्मार्ट क्लास आदेश्वर बस्तर जिले का पहला स्कूल बना जिसने स्मार्ट क्लास के माध्यम से पढ़ाई की शरूआत की । वहीं दूसरी तरफ उस वक़्त जिले के
Smart Class with smart students at Aadeshwar अन्य स्कूल परम्परागत तरीके से पढ़ाई करवा रहे थे। बाद में फिर दूसरे स्कूलों में भी स्मार्ट क्लास की परम्परा चल पड़ी । आज स्मार्ट क्लास कई स्कूलों में हैं और कहीं चालू है तो कहीं इसका ढांचा ही नजर आता है ठीक उसी तरह जिस प्रकार पत्तियों निकल जाने से पेड़ नजर आते हैं । स्मार्ट क्लास को डिजी, प्रोजैक्टर इत्यादि कहा जाता है। - उच्च वेतन देने वाला विद्यालय बस्तर जिले में मौजूद स्कूलों के मुकाबले उच्च वेतन देने वाला स्कूल बना । और इसके शिक्षक भारत के बड़े महानगरों से होते थे । 2006 से ये परम्परा आज भी कायम है।
- आदेश्वर में शिक्षा प्राप्त किए छात्र और छात्राएं देश-विदेश में अपना परचम लहरा रहें हैं । यहाँ मै आदेश्वर के विद्यार्थी साद मेमन का नाम अवश्य लूँगा जिन्होंने सुपर कम्प्यूटर बनाकर देश और विदेश में एक तकनीकि क्रांति का सूत्रपात किया । वर्तमान में वे एन्ड्रूस विश्वविद्यालय लंदन में है। और स्वीस सरकार ने स्काॅलसशिप प्रदान किया है। आदेश्वर को इस बात का गर्व है । वहीं आदेश्वर के विद्यार्थी आयुष पारख हैं जो आज अल्पायु में बिजनेस टाउकून बनने जा रहें है। आदेश्वर ने शिक्षा और संस्कार का जो उदाहरण दिया है वह अतुलनीय है।
- लाजवाब इंफ्रस्ट्रचर -शहर से महज 5 किमी दूर शोर-शराबे से अलग यह स्कूल हल्बा कचोरा आडावाल में स्थित है । यह 17 एकड़ के विशाल भूभाग में फैला है
Well Equipped Computer lap जिसमें लड़के -लड़कियों के लिए उच्च दर्जे की अलग-अलग हाॅस्टल है। साथ ही हाॅस्टल की रसोई घर में मार्डन किचन इसका प्रमुख आर्कषण हैं जिसने मुझे काफी प्रभावित किया । भोजन पौष्टिकता और बच्चों की पसंद नापसंद का ख्याल रखते हुए तैयार किया जाता है जिसे बकायदा प्रशिक्षत कुक अपने 20-25 स्टाफ के साथ देखभाल व तैयार करते है। और डाईनिंग हाॅल इस प्रकार बनाया गया है कि 700 बच्चे एक साथ बैठकर खाना खा सकते हैं। - यहाँ जो विद्यार्थी पढ़ते हैं वे बस्तर जिले के अलावा उड़िसा, कोंडागाँव , दंतेवाड़ा ,सुकमा बीजापुर, कोंटा इत्यादि जगहों से होते हैं जाहिर है उनके पंसद अलग -अलग होते है। तो भोजन भी खास ही बनता है । भोजन की प्रकृति शाकाहारी होती है। जिसमें मौसमी फल, सब्जियों के अलावा दूध और फलों के जूस शामिल हैं ।
स्कूल में अगर आप जाएं तो विज्ञान के तीनों विषयों की बेहतरीन प्रयोग शाला और लाजवाब किताबों के Collection वाली लायब्रेरी मिलेगी।
आदेश्वर की एक्स सीड (XSEED) पठन और पाठन सामग्री किसी विषय और टाॅपिक पर एक बेहतर समझ तैयार करता है। आदेश्वर अकादमी जगदलपुर ने इसे अपने School-Curriculum में शामिल किया है।
एस्क सीड पढ़ाई को रटने के बजाय प्रायोगिक पढ़ाई पर काम करता है। इसे हावर्ड कैमब्रिज और IIM ने तैयार किया है।
आदेश्वर की एक्स सीड (XSEED) पठन और पाठन सामग्री किसी विषय और टाॅपिक पर एक बेहतर समझ तैयार करता है। आदेश्वर अकादमी जगदलपुर ने इसे अपने School-Curriculum में शामिल किया है।
एस्क सीड पढ़ाई को रटने के बजाय प्रायोगिक पढ़ाई पर काम करता है। इसे हावर्ड कैमब्रिज और IIM ने तैयार किया है।
कक्षा में 30 बच्चे ही अच्छे
सबसे अहम बात यह है कि यहाँ प्रत्येक क्लास में 30 से ज्यादा
बच्चों को नहीं लिया जाता यानि सीबीएसई की गाईडलाइन्स के अनुसार 30 बच्चों पर शिक्षक की व्यवस्था है ।
Only 30 students in a class |
- क्लास में बच्चों के बैठने के लिए बनाई गई कुर्सियों की डिजाईन इस प्रकार से की गई है लम्बे बैठक में भी थकान नहीं होती। 60-65 बच्चों की एक क्लास सीबीएसई के नियम के मुताबिक गलत है और यह अध्ययन अध्यापन दोनों ही दृष्टिकोण से अन्याय है। आदेश्वर अकादमी इस बात का विशेष ध्यान रखता है। इसीलिए प्रत्येक कक्षा में 30 से ज्यादा बच्चे नहीं होते हैं ।
- गणित विषय को सरल बनाने के लिए यहाँ गणित की एक प्रयोगशाला भी है जिसमें आकर विद्यार्थी जटिल से जटिल गणित प्रश्नों का हल समझ सकते हैं ।
- स्कूल सिनेमा आदेश्वर अकादमी की एक नयाब खोज है जिसके अंतर्गत एक सिनेमा हाॅल की रचना की गई जिसमें बच्चे शिक्षा पर आधारित बनी फिल्मो का आनंद लेते हैं ।
स्वस्थ शरीर में दिमाग स्वस्थ होता है ।
और इसीलिए कुशल खेल प्रशिक्षक आदेश्वर में लगातार बच्चों को पढ़ाई के बाद खेल कूद का प्रशिक्षक देते है। जो बच्चों के दिलचस्पी के आधार पर होता है। यहां राज्य और राष्ट्रीय खेलों में बच्चों ने बढ़िया प्रर्दशन तो किया है और अवार्ड भी जीते हैं इतना ही नहीं नृत्य और संगीत में भी बच्चों बेहिसाब मेडल जीतकार लाए हैं । आदेश्वर के आफिस के सामने रखे विशाल शोकेस पर मेडल तथा ट्राफी इस बात की गवाह है। जो हर साल बढ़ रहें हैं ।
Fun time at Aadeshwar |
बेमिसाल दो वर्ष
जब से आदेश्वर अकादमी जगदलपुर की स्थापना हुई उस समय से लेकर आज तक हर वर्ष बेमिसाल रहें हैं । यहाँ मै आपको पिछले दो सालों का ब्यौरा दे रहा हूँ। जिसमें खेलकूद और शिक्षा के क्षेत्र में अकादमी की उपलब्धियों की एक झलक देखने को मिलेगी।- 2018 और 19 के सत्र में नृत्यांजली नृत्य प्रतियोगिता में रनर अप के तौर पर अपनी जगह बनायी तो दूसरी तरफ इसी साल एनआईआईटी के मैथ्स लैब में आदेश्वर के 10 बच्चों का चयन हुआ ।
- आदेश्वर ने 2018-19 के सत्र में 10 वीं बोर्ड का परिणाम शत प्रतिशत रहा ।
- बस्तर जिले से केवल लब्धि पारेख का चयन प्रधान मंत्री द्वारा परीक्षा पे चर्चा में हुआ यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है ।
- स्कूल सिनेमा के द्वारा आदेश्वर ने अपने विद्यालय में ही अंतराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया । अन्डर 17 के अन्र्तगत सीबीएसई राष्ट्रीय हैण्डबाॅल चैम्पियनशिप में आदेश्वर ने रनर अप का स्थान अर्जित किया ।
- इच्छापुरम में अन्डर 17 में आदेश्वर ने दूसरा रनरअप अर्जित किया ।
- लड़कों के गुप में स्कूल ने जोनल सीबीएसई नेशनल हैंडबॉल चैंपियनशिप, असम में जीता
- दसवीं के छात्र कोर्सा हुंगा सीबीएसई नेशनल एथलीट, बेमेतरा में दूसरा स्थान अर्जित किया
- और राज्य सरकार द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में कोर्सा हुंगा राष्ट्रीय एथलीट जेवलिन के लिए चयनित हुए, आदेश्वर के 15 छात्रों ने स्टेट एनआईआईटी मैथ्स लैब में 5 स्वर्ण, 10 रजत पदक जीते।
(Updated in 2022 May) आदेश्वर ने 2022 के नए सत्र से एक नए शिक्षण पद्धति को अपनाया है जिसे After the bell का नाम दिया है इसमें आर्ट, क्राफ्ट और विभिन्न खेलों का विधिवित प्रशिक्षकों द्वारा छात्रों को प्रशिक्षण दिया जाना है। इसे आदेश्वर ने खेल अकदमी का नाम दिया है । यह जैसा कि नाम से विदित है स्कूल की पढ़ाई के बाद होगा।
धन्यवाद आदेश्वर अकादमी जगदलपुर !
आदेश्वर अकादमी जगदलपुर की विस्तृत जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक कीजिए।
धन्यवाद आदेश्वर अकादमी जगदलपुर !
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