एक्को नम्बर सब्बो बर
आप चाहे घर पर हों या बाहर पैदल हो या किसी वाहन पर अगर आप संकट में आ जाते हैं
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112 Number |
और आपको लगता है आपके जान माल को खतरा हो गया है तो निश्चित ही पुलिस आपकी मदद के लिए वहां पहॅुच जाएगी । आपको बस इतना करना है कि अपने मोबाईल या लैण्ड लाईन अन्य किसी फोन से सिर्फ 112 Number डायल कर करना है। ये सेवा देश के 16 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में जारी है। जिनमें हमारा छत्तीसगढ़ भी है। छत्तीसगढ़ में यह सेवा फिलहाल 11 जिलों में हैं । छत्तीसगढ़ के जिन जिलों में ये सेवा है वे जिले है। रायपुर,बिलासपुर,राजनांदगांव, कबीरधाम,दुर्ग महासमुंद, कोरबा, रायगढ़, सरगुजा, जांजगीर-चांपा एंव जगदलपुर शहर यानि बस्तर में है।
आईए जानते है। इस सिंगल लाईन हेल्पलाईन सर्विस के बारे में
इससे पहले भी किसी भी प्रकार की विपत्ती से निपटने के लिए सहायता की खतिर कुछ नम्बर होते थे वे सभी अलग-अलग होते थे वे इस प्रकार थे,
अस्पताल या एंबुलन्स के लिए 108,
पुलिस सहायता के लिए 100,
महिलाओं की सहायता के लिए 1090
तथा आग या फायरब्रिगेड सेवा के लिए 101
अब इन सभी सेवाओं के लिए सभी नम्बरों को एक बना कर 112 Number कर दिया गया है। इस अर्थ यह भी नहीं है कि पुराने नम्बर खत्म कर दिये गये है वे सभी नम्बर भी जारी है और लगातार सेवा में हैं । अब सवाल ये है कि नम्बर तो कई होते है या हो सकते थे
मगर 112 Number ही क्यो?
इस नम्बर की शुरूआत तब हुई थी जब हम किसी नम्बर को डायल करने के लिए रोटरी टाईप फोन यानि घुमाने वाले फोन का इस्तेमाल करते थे । और 112 Number एक ऐसा नम्बर होता था जिसे घुमाने के लिए ज्यादा रोटेशन की जरूरत नहीं पड़ती थी । खैर अब तो पुश बटन और टच स्क्रिीन वाले फोन आ चुके हैं । इसमें भी 112 पुश या टच करने में कम समय लगता है और आसानी होती है।
1972 में European Conference Of Postal and Telecommunication Administration ने 112 को पहली बार अपनाया था।
खास बात यह है कि यह नम्बर फोन लाॅक होने के बावजूद भी सम्पर्क किया जा सकता है।
कौन-कौन सी आपात सेवाओं के लिए फोन किया जा सकता है।
आप कहीं जा रहें है और आपने किसी सड़क दुर्घटना को देखा जिसमें कुछ लोगों को चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता है तो आप इस नम्बर पर सम्पर्क कर सकते हैं । एम्बुलेंस वाहन तत्काल पहूॅच जाएगा।
1972 में European Conference Of Postal and Telecommunication Administration ने 112 को पहली बार अपनाया था।
खास बात यह है कि यह नम्बर फोन लाॅक होने के बावजूद भी सम्पर्क किया जा सकता है।
कौन-कौन सी आपात सेवाओं के लिए फोन किया जा सकता है।
आप कहीं जा रहें है और आपने किसी सड़क दुर्घटना को देखा जिसमें कुछ लोगों को चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता है तो आप इस नम्बर पर सम्पर्क कर सकते हैं । एम्बुलेंस वाहन तत्काल पहूॅच जाएगा।
जानते हैं यह कैसे काम करता है ?
ये जानकारी में आपको छत्तीसगढ़ के परिपेक्ष में दे रहा हूँ , । मान लिजिए आपके साथ कोई अनहोनी हो जाती है तो आप फोन लगते है 112 Number
- ये काॅल सीधे राज्य की राजधानी रायपुर स्थित इसे नियंत्रण कक्ष में लगता है जो सिविल लाईन थाने के बगल में है।
- वहां आपका फोन एक काॅल टेकर रिसीव करेगा और एक मिनट के अंदर ही आपकी जानकारी डिस्पेचर को देगा।
- वह डिस्पेचर तत्काल ये जानकारी संबंधित पुलिस मुख्यालय में स्थित कंट्रोल रूम में पहुँचाई जाती हैं इसके साथ वही डिटेल 112 नम्बर की गाड़ियों में मौजूद एम टी डी स्क्रिन पर मिलता है। जिससे 112 गाड़ियों में मौजूद दो जवान तत्काल घटनास्थल पर पहुँचकर आवश्यक कार्य को अंजाम देते हैं ।
- अब अगर ऐसे में अग्निशमनकी जरूरत हो तो इसकी सूचना भी सम्बन्धित कर्मचारी को देकर तत्काल घटनास्थल पर पहुँचने का निर्देष दिया जाता है।
कहने का मतलब है कि जैसी समस्या होगी उस हिसाब से ही उसके निराकरण की व्यवस्था की जिम्मेदारी डायल 112 की होती है। गाड़ियों की मेन्टेनेन्स की जिम्मेदारी टीपीएल टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड के जिम्मे है।
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कितने लोग गाड़ियों में बैठे होते हैं ।
प्रत्येक 112 की गाड़ियों में दो प्रशिक्षित पुलिस-जवान और एक ड्राईवर होता है। ड्राईवर निजी का मुलाजिम होता है जिसके वेतन इत्यादि का जिम्मेदारी फिलहाल छत्तीसगढ़ में एबीपी कम्पनी उठा रही है।
अगर समस्या ग्रस्त क्षेत्र शहरी हैं तो ये गाड़ियां 10 मिनट में वहाँ पहुँच जाती है। और ग्रामीण क्षेत्र है अधिकतम 30 मिनट पहुँचने में लगती है।
समस्याएं हमेशा नहीं होती मगर इनकी ड्यूटि 24 घंटे होती है । ये गाड़िया रात्रि 12 से 5 बीच ये गष्त भी करते हैं । ये कर्मचारी आठ घंटे की 3 शिफट में काम करते हैं ।
आप घर के बाहर या घर के अंदर हैं और आपको अपनी जान का खतरा नजर आ रहा है , आपको तत्काल पुलिस सेवा की आवश्यकता है तो ये नम्बर आपके लिए काफी मददगार साबित होगा। केवल पुलिस ही नहीं इससे आप किसी भी समस्या के निराकरण जैसे आग, अस्पताल के लिए वाहन, चोरी, घरूलु झगड़े से उत्पन्न समस्या इत्यादि में यह सेवा मददगार साबित हो रहा है ।
महिलाओं के लिए यह नम्बर एक प्रकार से सुरक्षा ढाल का काम करता है । यदि उन्हें कही असुरक्षा महसूस हो या उन्हें लगे कि उनकी जान को खतरा है तो वे इन नम्बरों पर काॅल करके सहायता प्राप्त कर सकती है।
मगर ध्यान रखें
इन नम्बरों का मजाक न बनाएं और न हीं इसे मजाक करने के लिए डायल करें वरना आप पर कानूनी कार्यवाही हो सकती है। क्योंकि आपके मजाकिया काॅल को रिसीव करने में Operator किसी जरूरत मंद का फोन नहीं ले पायेगा जिस पर वास्तव में विपत्ति आयी है।
इसीलिए इस नम्बर पर अति विपरित या विषम परिस्थति में ही काॅल करें जब आप मुष्किल में है या आपके जान माल को कोई नुकसान होने वाला हो।
ये पूरी दुनियाँ में काम करता है।
खास बात यह है कि ज्यादातर यूरोपीय देशों में 112 नम्बर ही इमरजेंसी हेल्पलाईन नम्बर है । अमेरिका और कनाडा में भी यही नम्बर आपतसेवा में डायल किये जाते हैं । अतः दुनियां में कही भी आप हों ये नम्बर आपके हितैशी और सच्चे मददगार है। जल्द ही भारत पूरे राज्यों में यह नम्बर काम करने लगेगा। फिलहाल यह अभी 16 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में है।
समस्या कभी भी बता कर नहीं आती अतः ये नम्बर अपने फोन बुक अनिवार्य रूप से सेव कर लेवें।