कोरोना के विस्तार की खबरें जिस तरह आ रही है उससे देखकर यही लगता है कि मरीजों का आंकड़ा तेजी से बड़ रहा है । और इसके लिए सरकार हर सम्भव प्रयास कर रहीं है ।
Lockdown |
प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी ने पूरे देश में 21 दिन का लाॅक डाऊन घोषित किया है और 144 धारा लागू की गई है । इसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थिति कितनी भयावह हो चली है। और कुछ जगहों से खबरें ये भी आ रही है कि लाॅक डाऊन के बावजूद लोग अपने घरों से सामान्य दिनों की तरह निकल रहें है । और लोग घूमने फिरने के लिए निकलने लगे है। जो सर्वथा गलत है । लोगों को समझना होगा कि लाॅक डाऊन के मायने क्या हैं ? क्यों लाॅकडाऊन किया जाता है?
पहले समझते हैं कि क्यों किया जाता है लाॅक डाऊन ?
ये आपात व्यवस्था है , देश ,काल और परिस्थिति के अनुसार लगाई जाती है। महामारी अधिनियम 1897 के तहत लाॅक डाऊन लागू किया जाता है । भारत में पूरे देश में फिलहाल 21 दिनों का जो लाॅक डाऊन घोषित किया गया है उसका उद्देश्य है । वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकना। इसके लिए जरूरी है सभी लोगों को अपने अपने घरों में रहें । और इसी लिए स्कूल, काॅलेज ,माॅल ,हाॅटल्स बंद कर दिए गये है।
इसके अलावा जहाँ-जहाँ लोगों की भीड़ की सम्भावना बनती है उसे भी बंद कर दिया गया है। कारण है कोरोना का वायरस फैलने से रोका जा सके। क्योंकि वायरस हाथों में 9 मिनट तो कपड़ों में 10 मिनट तक सक्रिय रहता है। वहीं वस्तुओं में यह 12 घण्टे तक जीवित रहता है । ऐसे में कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति या वस्तुओं के सम्पर्क आता है (हाथ मिलाने,छूने या टकराने इत्यादि से )तो स्वस्थ्य व्यक्ति को भी यह वायरस अपने चपेटे में ले लेता है। इटली और चीन में लोगों की मरने की संख्या तेजी से बढने का कारण यही है। इटली में लोगों ने शुरू-षरू में इसे गम्भीरता से नहीं लिया और होटल्स और पार्टियों का दौर चलता रहा ।
ध्यान रखिए अगर भारत में भी लोगों ने इसे गम्भीरता से नहीं लिया तो यह विकराल रूप ले लेगी। क्योंकि यहाँ की आबादी भी ज्यादा है और जागरूकता की कमी। अब आप समझ गए होगें कि लाॅक डाऊन पर क्यों सरकार जार दे रही है।
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आपको यह जरूर करना है।
- नियत समय पर लाॅक डाऊन यानि घर पर रहना है। अति आवश्यक कार्य जैसे सब्जि दवा इत्यादि के लिए निकलना हों तो सुबह निकल कर निपटा लें । और घर लौट कर नहा लें
- ध्यान रखें बाहर से आने के बाद आपको घर के किसी भी सदस्य खास तौर पर बच्चों को नहीं छूना है । फिर नहाने के बाद पहने हुए सारे कपड़ों को आप धो लिजिए। क्योंकि हो सकता है बाहर आप गए हों तो कपड़े सकंमित होगें। ये न कर सके तो कपड़ोें को धूप में सूखा दीजिए। हांलाकि यह अस्थाई व्यवस्था होगी।
- किसी भी बाहरी व्यक्ति या वस्तु के सम्पर्क में आने के बाद अपने हाथ साबुन से धो लिजिए।
- कोशिश ये करें के समय समय पर अपने हाथ साबुन से धोते रहें ।
- घर पर रखी चीजों को किसी भी सेनिटाईजर से साफ सुथरा रखें ।
- किसी को घर पर बुलाएं न किसी के घर पर जाएं । कुछ लोगों की आदत होती है पड़ोस में चले गए । या गली मुहल्लों में टहल लिए । इससे बचें । इसे ही सोशल डिसटैन्सिंग कहते है। यानि समाजिक दूरियाँ बनाए रखना ।
- छोटी-मोटी पारिवारिक मिलन समारोह से भी बचे । क्योंकि इससे लोगों का जमावाड़ा होगा और वायरस को पनपने का मौका मिलेगा। मुसीबत में सारे आ जाएंगे । ठीक यही हुआ इटली में ।
क्या है लाॅक डाऊन
एक एक संवैधानिक व्यवस्था है जिसके तहत जब कोई आपदा या महामारी की स्थिति किसी देष में आती है तो लाॅक डाऊन किया जाता है । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तो कह चुके है यह कफ्यु का एक रूप है। लाॅक डाऊन में उस क्षेत्र के लोगों को घरो से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होती हैं। इसका अर्थ है तालाबंदी। जिस तरह किसी संस्थान या फैक्ट्री को बंद किया जाता है और वहां तालाबंदी हो जाती है उसी तरह लॉक डाउन का अर्थ है कि आप अनावश्यक कार्य के लिए सड़कों पर ना निकलें। किसी तरह की परेशानी हो तो लोग संबंधित पुलिस थाने,जिला कलेक्टर,पुलिस अधीक्षक अथवा अन्य उच्च अधिकारी को फोन कर सकते हैं । राजस्थान के इतिहास में पहली बार लॉक डाउन हुआ है । दुनिया में सबसे पहला लॉक डाउन अमेरिका में 9/11 हमले के बाद किया गया था ।
क्यों करते हैं लॉकडाउन?
किसी तरह के खतरे से इंसान और किसी इलाके को बचाने के लिए लॉकडाउन किया जाता है। जैसे कोरोना के संक्रमण को लेकर कई देशों में किया गया है। कोरोनावायरस का संक्रमण एक से दूसरे इंसान में न हो इसके लिए जरूरी है कि लोग घरों से बाहर कम निकले। निकलें तो भी बंदिशों में जिसका जिक्र मैने ऊपर किया है। ध्यान रखें बाहर निकलने की स्थिति में संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। इसलिए कुछ देशों में लॉकडाउन जैसी स्थिति हो गई है।
किन देशों में है लॉकडाउन?
चीन, डेनमार्क, अल सलवाडोर, फ्रांस, आयरलैंड, इटली, न्यूजीलैंड, पोलैंड और स्पेन में लॉकडाउन जैसी स्थिति है। चूंकि चीन में ही सबसे पहले कोरोनावायरस संक्रमण का मामला सामने आया था, इसलिए सबसे पहले वहां लॉकडाउन किया गया। इटली में मामला गंभीर होने के बाद वहां के प्रधानमंत्री ने पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया। उसके बाद स्पेन और फ्रांस ने भी कोरोना संक्रमण रोकने के लिए यही कदम उठाया।
कब-कब हुआ लॉकडाउन?
अमेरिका में 9/11 के आतंकी हमले के बाद वहां तीन दिन का लॉकडाउन किया गया था। दिसंबर 2005 में न्यू साउथ वेल्स पुलिस फोर्स ने दंगा रोकने के लिए लॉकडाउन किया था। ’ 19 अप्रैल, 2013 को बोस्टन शहर को आतंकियों की खोज के लिए लॉकडाउन कर दिया गया था। ’ नवंबर 2015 में पैरिस हमले के बाद संदिग्धों को पकड़ने के लिए साल 2015 में ब्रुसेल्स में पूरे शहर को लॉकडाउन किया गया था।
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सरकारी आदेश में यह कहा गया है
कोरोना को लेकर किए गए लाॅक डाऊन में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सरकारी और गैर सरकारी कार्यालय,सभी तरह के वाहन पूरी तरह से बंद रहेंगे । डेढ़ दर्जन कार्यालय खोले जाएंगे ।
इनमें चिकित्सा,चिकित्सा शिक्षा,गृह, वित्त, कार्मिक, जिला प्रशासन,बिजली, पानी, परिवहन, स्वायत्तशासन,खाघ,आपदा प्रबंधन,पंचायती राज,सूचना एवं जनसंपर्क,आईटी,सामान्य प्रशासन,मोटर गैराज और विधि शामिल है ।
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इस दौरान सरकारी कार्यालय में आम लोगों का प्रवेश पूरी तरह से बंद रहेगा । सब्जी,दूध और मेडिकल की दुकानें,पट्रोल पम्प और एटीएम खुलेंगे,अन्य प्रतिष्ठान और फैक्ट्री बंद रहेंगे । फैक्ट्री मालिको को मजदूरों को वेतन सहित अवकाश देने के निर्देश दिए गए हैं ।
अब कोरोना की गंभीरता को समझते हुए । लाॅक डाऊन का पालन करना है तभी इसे महामारी बनने से रोका जा सकता है। मगर इसके लिए जनता को सोचना पडे़गा।