कोरोना वायरस के बचाव के लिए प्रधानमंत्री जी 21 दिनों की लाॅक डाउन का आव्हान कर चुके हैं जिससे वायरस को बढ़ने से रोका जा सके। इस वायरस की रोकथाम को लेकर पूरी दुनियाँ प्रयास कर रही है अब तक हजा़रों लोगों की जाने जा चुकी है। और जो रोकथाम के उपायों को अपना चुके हैं वे पूरी तरह स्वस्थ भी हो चुके है। करोना वायरस क्या है? व यह इसके लक्षण व उपचार की विस्तृत चर्चा मैने की है।
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Be aware of Rodents at home |
करोना विषाणुओं के बहुत बड़े वंश का नाम है । यह पशुओं से निकलकर इंसानों मेें आ गया । इसीलिए इसका स्रोत जानवर हो सकते हैं । इसकी जांच मेें यह चीन के बुहान शहर में मौजूद मांस मंडी से निकलकर आया है। इसी लिए यह माना जा रहा है कि इसका स्रोत जानवर ही हो सकते हैं।
सर्दी, खांसी, तीव्र बुखार, सांसा लेने में तकलीफ होती है। आईए जानते है हंता वायरस कि प्रकार किसी इंसान की जान लेता है ,अब चीन में ही एक नए घातक वायरस का पता चला है जिसका नाम हंता दिया गया है ।
ये हैं इसके लक्षण
- शुरुआती लक्षणों में थकान, बुखार और मांसपेशियों में दर्द शामिल है, विशेष रूप शरीर के उस हिस्से में जहाँ मांसपेशियां ज्यादा होती हैं जैसे- जांघों, कूल्हों, पीठ, और कभी-कभी कंधे।
- इसके अलावा इस बिमारी में इसमें सिरदर्द, चक्कर आना, ठंड लगना, और पेट की समस्याएं, जैसे मतली, उल्टी, दस्त और पेट में दर्द भी हो सकता है।
- 101 डिग्री से अधिक बुखार, ठंड लगना, शरीर में दर्द, सिरदर्द। मतली और उल्टी और पेट में दर्द। हल्के लाल धब्ब और सांस लेने में कठिनाई के साथ इसकी शुरूआत होती है।
कैसे फैलता है
यह फेफड़े को सीधा अटैक करता है। और यह हंता वायरस से ग्रसित चूहों या दूसरे रेंगने वाले जीवों के सम्पर्क में आते है तो यह सीधे मनुष्यों में आ जाता है।
क्या है इसका इलाज
हैनटवायरस संक्रमण के लिए कोई विशिष्ट उपचार, इलाज या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। ... गहन देखभाल के दौरान रोगियों को क्रित्रिम तरीके से Oxygen दी जाती है।
कैसे बचे? जानते हैं
जब वायरस से ग्रसित रेंगेने वाले जीवों खासतौर पर चूहों के मूत्र, लार इत्यादि जब हवा में फैलते है तो यह वायरस का विस्तार होता है। इसीलिए ज्यादा चूहे घर पर हों तो हो जाईए सावधान ! इसके साथ ही धूल उठाने वाले कामकाज से बचना चाहिए। संक्रमण तब होता है जब ऐसे धूल में वायरस के कण मिले होते हैं ।
उपचार
वैसे तो इसका कोई उपचार नहीं है रोगी को आईसीयू में भर्ती करा दिया जाता है । जहाँ रोगी को मुँह या नाक से एक नली के माध्यम से Oxygen दी जाती है । ताकि आपके फेफड़ साफ हो सके ।
कोरोना बाद अब यह हेन्टा या हंता वायरस है जो घातक रूप से हमला करता है।