कोरोना वायरस (सीओवी) को पहले कभी नहीं देखा गया था, विष्वस्वास्थ्य संगठन के मुताबिक बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ होती है। और इंसान की मौत भी हो सकती है।
चीन के बुहान शहर से यह वायरस पैदा हुआ और पूरे विश्व में फैल गया । इसके विस्तार के मद्देनजर वायरस को 4 चरणों में बांटा गया है। इसीलिए यह वायरस मुख्यतः 4 चरणों में फैलता है । आईए जानते हैं वे क्या और किस प्रकार असर डालते हैं ।पहला चरण
यह चरण तब होता है जब कोई संक्रमित व्यक्ति किसी ऐसे देश में जाता है जहाँ यह वायरस नहीं फैला हुआ था। यह वायरस के फैलाव की सबसे पहली शरूआत होती है । जैसे चीन से इटली में यह फैला।
दूसरा चरण
तब होता है जब यह किसी देश में संक्रमित व्यक्ति के कारण फैलने लगता है। जैसा कि भारत में हो रहा है। इसी लिए हमारे यहाँ ज्यादा लोगों तक न फैले इसीलिए लाॅकडाउन और धारा 144 लगाई है ताकि यह ज्यादा न फैले।
भारत में जब विदेषों से ऐसे लोग आए जो संक्रमित थे, वे सामान्य लोगों के सम्पर्क में आए तो इससे यह और लोगों में फैलने लगा । इससे पहले स्थिति गंभीर हो जाती सरकार ने पूरे देष में 21 दिनों की लाॅक डाॅऊन की घोषणा कर दी और इसके सख्ती से पालन हो सके इसके लिए हर सम्भव प्रयास किए।
तीसरा चरण
तब होता है जब इसके विस्तार को समझ पाना मुश्किल होता है। यह विशाल जन समूह को अपनी चपेट में ले लेता है। यह उन्हें भी चपेट में ले लेता है जो न तो दूसरे देश की यात्रा कर लौटे है और न ही किसी के सम्पर्क में आएं हैं।
चैाथा चरण
महामारी होता है। जिसमें बड़ी संख्या में जनहानि होती है।
जानते हैं यह शरीर में किस प्रकार असर डालता है?
शरीर के भीतर जाने के बाद ये वायरस इंसान के लिए सांस लेने में तकलीफ पैदा कर सकता है। इसका पहला हमला आपके गले के आसपास की कोशिकाओं पर होता है।
इसके बाद सांस की नली और फेफड़ों जमा होकर अपनी संख्या बढ़ाता है।
इसके बाद कोरोना वायरस शरीर में मौजूद बाकि कोशिकाओं पर हमला कर उसे नष्ट करने लगता है। । कोरोना वायरस के शुरुआती दौर में आप बीमार महसूस नहीं करते। हालांकि कुछ लोगों में संक्रमण के शुरुआती वक़्त से ही लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड भी लोगों में अलग-अलग हो सकता है. औसतन ये पाँच दिन का होता है।
एक धारणा यह भी बनी हुई है कि कोरोना का वायरस गर्मी में खत्म हो जाएगा। मगर शोध में यह बात सामने आई है कि वायरस गर्म तापमान में खत्म तो होता है मगर तापमान 60 से 70 के बीच होना चाहिए । और इतना तापमान न तो गर्मियों में होता है न ही मानव शरीर में । इतना जरूर है कि इसका प्रभा अवष्य कम हो जाता है। क्यों कि अगर संक्रमित व्यक्ति जब छींक निकालता है तो उसमें हजारों की संख्या में बूंदें निकलती है यह हवा में 3 से चार घंटों तक जीवत रहता है और अगर कोई सामान्य व्यक्ति इनके सम्पर्क में आता है तो उसे भी यह अपनी चपेट में ले लेता है। और यह बूंदे लकड़ी पर गिरती है तो यह 24 घंटे जीवित रहता है और अगर धातुआंे में कही गिरे तो यह दो से तीन दिनों तक जीवित रहता है । चूंकि हम अपने रोज मर्रा के कामों में इन चीजों को न जाने कितनी बार छूते है इसी लिए कहा जाता है बाहर न निकलें ।इसीलिए उस क्षेत्र में लाॅक डाऊन किया जाता है ।
लाक डाऊन क्या है जानने के लिए क्लिक कीजिए
लाक डाऊन क्या है ?
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लाक डाऊन क्या है ?
14 दिनों तक ही क्यों यह वायरस अगर हम 14 दिनों तक अपने आपको अलग थलग कर लेंगें तो वायरस अपने आपका विस्तार नहीं कर पायेगा।
कोरोना विरीडाई नामक वायरस परिवार का एक वायरस है। यह मुख्य रूप से नाक, सायनस और गले के ऊपरी हिस्से में संक्रमण पैदा करता है।
और यह संक्रमण जब बढ़ जाता है तो आदमी की मौत हो जाती है।