कोरोना वायरस (सीओवी) को पहले कभी नहीं देखा गया था, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक इससे पीड़ित व्यक्तियों को बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ होती है। और इंसान की मौत भी हो सकती है। विश्व के हर छोटे बड़े देश इस वायरस से पीड़ित हैं । और अपने- अपने स्तर पर इससे छुटकारा पाने का प्रयास कर रहें हैं । ।
Corona Virus |
2019 कोरोना वायरस (सीओवी) आया था। यह पहली बार चीन के हुबई प्रांत के बुहन शहर में मिला । इसका संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है, जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है.
क्यों है यह चिंता का कारण
इसकी पहचान नहीं हो सकी है इसी लिए इसी नोवेल यानि नया वायरस कहते है।
यह विषाणुओं के बहुत बड़े वंश का नाम है । यह पशुओं से निकलकर इंसानों मेें आ गया । इसीलिए इसका स्रोत जानवर हो सकते हैं । इसकी जांच मेें यह चीन के बुहान शहर में मौजूद मांस मंडी से निकलकर आया है। इसी लिए यह माना जा रहा है कि इसका स्रोत जानवर ही हो सकते हैं। इस वायरस के स्रोत का अभी तक पता नहीं लगाया जा सका है और न ही इसके टीके का पता लगाया जा सका है। इसीलिए यह विश्व भर में चिंता का कारण बना हुआ है। इससे ग्रसित व्यक्ति को तीव्र बुखार, सांसा लेने में तकलीफ होती है।
बीबीसी के मुताबिक आदमी की एक छींक में लगभग 3000 बूंदे निकलती हैं और इन बूंदों में करोड़ो की संख्या में कोरोना वायरस पाया जाता है। यह वायरस हवा में 3 से 4 घंटों तक जीवित रहता है। अगर यह लकड़ी से बनी चीजों पर गिरती है तो यह 3 घंटे तक जीवित रहता है जबकि स्टील से बनी चीजों पर यह 24 घंटों तक जीवित रहता है। अगर इस तरह कोई आदमी ऐसी जगह या व्यक्ति से सम्पर्क में आता है , तो उसका कोरोना वायरस से संक्रिमित होना स्वाभाविक है। कुछ उपायों को अपनाकर इससे बचा सकता है । उनमें से सबसे कारगर है लाॅकडाउन । लाॅक डाऊन बारे में विस्तार से जानने के लिए क्लिक कीजिए!
कैसे शरीर में यह घातक असर डालता है?
ये वायरस स्वास नली में जाकर म्यूकस की लेयर बना लेता है जो सख्त हो जाती है और स्वास नली बंद हो जाती है । इलाज के लिए डॉक्टर्स इसी नली को खोलने की कोशिश करते हैं और दवाई देते हैं, हलाकि इसमें कई दिन लगते हैं और पेशेंट क्रिटिकल हो जाता है।महत्वपूर्ण बात
बीबीसी के मुताबिक आदमी की एक छींक में लगभग 3000 बूंदे निकलती हैं और इन बूंदों में करोड़ो की संख्या में कोरोना वायरस पाया जाता है। यह वायरस हवा में 3 से 4 घंटों तक जीवित रहता है। अगर यह लकड़ी से बनी चीजों पर गिरती है तो यह 3 घंटे तक जीवित रहता है जबकि स्टील से बनी चीजों पर यह 24 घंटों तक जीवित रहता है। अगर इस तरह कोई आदमी ऐसी जगह या व्यक्ति से सम्पर्क में आता है , तो उसका कोरोना वायरस से संक्रिमित होना स्वाभाविक है। कुछ उपायों को अपनाकर इससे बचा सकता है । उनमें से सबसे कारगर है लाॅकडाउन । लाॅक डाऊन बारे में विस्तार से जानने के लिए क्लिक कीजिए!
भारत में इस वायरस की स्थिति ( 05 August 2020 को 20:44 बजे अपडेट )
मामले आए | स्वस्थ | मौत |
1908254 | 1282215 | 39795 |
मामले आए | स्वस्थ | मौत |
10202 | 7613 | 69 |
यह जानवरों से किस प्रकार मनुष्यों में आया इसकी पहचान नहीं की जा सकी है। ऐसा माना जा रहा है कि यह खांसने छींकने से एक दूसरे में फैल रहा है।करोना के रोकथाम के मद्देनजर छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में शिक्षण संस्थाओं को बंद रखा गया है। चूकि मै छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूँ तो यहाँ 20 दिनों तक शिक्षण संस्थाओं को बंद रखने का आदेश जारी किया गया । मार्च अप्रेल स्कूली संस्थाओं के लिए वह समय होता है जब छात्र-छात्राएं वार्षिक परीक्षा की तैयारी में होते है।
सरकार ने हेल्प डेस्क बनाए है। और लोगों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने इसके लक्षण बचाव का एक प्रर्दषन किया है। ज्ञात हो कि इसका अभी तक कोई टीका विकसित नहीं किया जा सका है। इसीलिए रोकथाम ही इसका उपाय है।
तो हमें क्या करना चाहिए?
इसके लिए प्रत्येक को व्यक्तिगत स्वच्छता पर ध्यान देना जरूरी है।
साबुन से बार -बार हाथ धोना चाहिए।मांसाहार से बचना चाहिए । चीन में तो किसानों को अतिरिक्त उत्पादन की सरकार ने सलाह दी है और लोगों से कहा है कि मांस खाना छोड़ दें
खांसते या छींकते समय मुँह ढक लेना चाहिए। जिन देशों में यह वायरस फैला है उसकी जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की साईट पर उपलब्ध है।
कोई उक्त लक्षणों से ग्रसित व्यक्ति आसपास नजर आए तो नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों में जांच कराईए।अगर आप विदेश से आए खास तौर पर चीन से तो अपनी जांच करवा लें ।
लक्षणों के नज़र आने पर राज्य व केन्द्र सरकार इन नम्बरों पर सम्पर्क कीजिए।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की हेल्पलाईन 24 घंटे खुली है। सम्पर्क अवश्य कीजिए। ध्यान रखिए सतर्कता ही इसका इलाज है
लक्षणों के नज़र आने पर राज्य व केन्द्र सरकार इन नम्बरों पर सम्पर्क कीजिए।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की हेल्पलाईन 24 घंटे खुली है। सम्पर्क अवश्य कीजिए। ध्यान रखिए सतर्कता ही इसका इलाज है
छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने Toll Free number 104 राज्य सर्वेलेंस इकाई 0771-22359, भारत सरकार ने
1075 (Toll Free )011-23978046 बताया है।
जानकारी के लिए ई मेल करें
ncov2019@gmail.com
एक लम्बी सांस लिजिए लगभग 10 सेकेण्ड रोक कर रखिए । इस दौरान आपके फेफड़े में तकलीफ हो या खांसी हो तो समझ सकते है कि यह वायरस आपको चपेटे में ले चुका है मगर खबराने के बात नहीं हैं। कुछ उपायों को अपना कर आप इसके प्रभाव को बेअसर कर सकते है। जानते यूनिसेफ की गाईड लाईन्स के बारे में ।
जैसे डोर की हैण्डल, कुर्सी के हत्थे, कम्प्यूटर की बोर्ड सीढ़ियों रोलिंग्स या अन्य धातुओं से बन इत्यादि में यह वायरस 12 घण्टे तक सक्रिय रहता है। जाहिर बाहर से आते ही आप अपने हाथ पैर अच्छे से साबुन से धोएं जिससे इन चीजो़ को छूने से आपके हाथों में आए यह वायरस साफ हो जाएं।
हाथों में यह केवल 10 मिनट तक जीवित रहता है। इसीलिए एक निष्चित अंतराल पर हाथों को धोते रहने की सलाह दी जाती है। इसी प्रकार यह कपड़ों पर यह वायरस 9 घंण्टे मौजूद रहता है।
कपड़ों को धोने से या धूप में सुखाने से ही यह नष्ट हो जाता है । चूंकि यह हाथों सबसे कम समय रहता है तो हाथ धोते रहिए !
सबसे बड़ी बात अपने खाने पीने का ध्यान रखें !
कैसे ?
माॅस्क तभी पहने जब
ध्यान रखें मास्क का उपयोग सीमित समय के लिए किया जाना चाहिए। यदि आप इसे लंबे समय तक पहनते हैं तो इन बातों का ध्यान रखें जब आप अकेले हों तो इसे हटा दें
इसे घर पर इस्तेमाल न करें।
केवल इसका उपयोग भीड़ वाली जगह पर ही करें और जब एक या अधिक व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क में हो।
अपने आप को सबसे अधिक बार अलग करते हुए इसका उपयोग कम करें ।
ए.सी. का इस्तेमाल कम से कम करें।
दवाएं जो आईसालेशन अस्पतालों में ली जाती हैं
विटामिन सी-1000 विटामिन ई, 15 से 20 मिनट धूप में बिताएं
रोजाना 2.5 लीटर पानी
गर्म भोजन ठंडा भोजन से बचे
क्या इस बिमारी से ग्रसित होने से मृत्यु निश्चित है?
तो जवाब है नहीं और बिलकुल नहीं लगभग 80 फीसदी लो मध्यम लक्षण के साथ 2 सप्ताह के अंदर स्वस्थ हो जाते है। और ज्यादातर लक्षण समय पर इलाज से सम्भव है। इसीलिए लक्षण दिखते ही तुरंत चिकित्सक की परमर्श लें इस बिमारी से आमतौर पर वृद्धजन गिरफ्त में आ रहें है। या वे लोग जिनके शरीर में इम्यून सिस्टम यानि प्रतिरोधी क्षमता कमजोर है। अभी तक केवल 2 प्रतिशत मामलों में बच्चोें को यह गिरफत में लिया है।
रूबेला,मीज़ल्स और मम्प्स
1075 (Toll Free )011-23978046 बताया है।
जानकारी के लिए ई मेल करें
ncov2019@gmail.com
पहचाने कैसे ?
थाईलैण्ड के एक डाॅक्टर ने इसकी स्वयं पर जांच करने का एक तरीका बताया है ।एक लम्बी सांस लिजिए लगभग 10 सेकेण्ड रोक कर रखिए । इस दौरान आपके फेफड़े में तकलीफ हो या खांसी हो तो समझ सकते है कि यह वायरस आपको चपेटे में ले चुका है मगर खबराने के बात नहीं हैं। कुछ उपायों को अपना कर आप इसके प्रभाव को बेअसर कर सकते है। जानते यूनिसेफ की गाईड लाईन्स के बारे में ।
यूनिसेफ (UNICEF) क्या कहता ?
इसका डायमिटर 400 से 500 मीटर तक का होता है। इसे एक साधरण कपड़े से रोका जा सकता है। यह हवा से नहीं बल्कि जमीन से फैल रहा है।जैसे डोर की हैण्डल, कुर्सी के हत्थे, कम्प्यूटर की बोर्ड सीढ़ियों रोलिंग्स या अन्य धातुओं से बन इत्यादि में यह वायरस 12 घण्टे तक सक्रिय रहता है। जाहिर बाहर से आते ही आप अपने हाथ पैर अच्छे से साबुन से धोएं जिससे इन चीजो़ को छूने से आपके हाथों में आए यह वायरस साफ हो जाएं।
हाथों में यह केवल 10 मिनट तक जीवित रहता है। इसीलिए एक निष्चित अंतराल पर हाथों को धोते रहने की सलाह दी जाती है। इसी प्रकार यह कपड़ों पर यह वायरस 9 घंण्टे मौजूद रहता है।
कैलिफोनिया विश्वविद्यालय की सलाह |
सबसे बड़ी बात अपने खाने पीने का ध्यान रखें !
कैसे ?
- ठंडी चीजे़ मत खाईए।
- हर दिन एन्टिसेप्टिक जैसे की विनेगर या लेमन या साल्ट और गरम पानी से गरारे करें ।
- गर्म पानी पीजिए! दिन भर समय समय पर गरम पेय का सेवन करें जैसे की कॉफी, चाय, सूप, गरम पानी। हर 20 मिनट में गरम पानी पिए। ऐसा करने से मुँह सूखेगा नहीं और अगर कोई वायरस आ गया होगा तो वो पेट में चला जायगा और गैस्ट्रिक जूस की वजह से खतम हो जायगा इसके पहले की वो सनदहे तक पहुंच के पकड़ बना पाए।
- बाहर से बनी किसी भी प्रकार की चीजे़ मत खाईए
- यह वायरस ठंडी चीज़ों से ज्यादा पनपता है इसीलिए गर्म तासीर वाली चीजें खाईए जैसे काली मिर्च, अदरक इत्यादि यानि ऐसे आहार ले जो शरीर को गर्म रखें ।
- दिन भर समय समय पर गरम पेय का सेवन करें जैसे की कॉफी, चाय, सूप, गरम पानी। हर 20 मिनट में गरम पानी पिए। ऐसा करने से मुँह सूखेगा नहीं और अगर कोई वायरस आ गया होगा तो वो पेट में चला जायगा और गैस्ट्रिक जूस की वजह से खतम हो जायगा इसके पहले की वो सनदहे तक पहुंच के पकड़ बना पाए।
- छींक या खांसी आए तो अपने को लगभग तीन मीटर तक दूर करें अलग करें या इनसे दूर हो जाएं
- मैटेलिक जगहों पर वायरस 9 दिन तक रह सकता है । इसलिए ऐसी कोई चीज हो तो उसे जरूर साफ करें। सीढ़ीओं की रेलिंग, डोर हैंडल्स आदि को छूने से बचे और घर साफ करते रहे
- पेट में यह वायरस स्वतः ही खत्म हो जाता है।
- वायरस बालो और कपड़ो में चिपक जाता है। किसी भी साबुन या डिटर्जेंट से वो मर जाता है। इसलिए बाहर से घर आते ही सबसे पहले बिना कहीं बैठे सीधे बाथरूम जाके नहा लें । अगर कपडे धो नहीं सकते तुरंत तो धुप में रख देख कपड़ो को ।
- बाहर आने के बाद हर घण्टें 20 सकेण्ड तक साबुन से धोएं
- खांसते या छींकते समय कुहनियों से अपने मुंह ढकें ।
- अपने या दूसरों के चेहरे बार-बार न छुएं।
- भीड़ भाड़ में हों तो एक दूसरे से दूरियां बनाए रखें ।
- तबियत खराब हों तो घर पर ही रहें।
माॅस्क तभी पहने जब
- आपको कोरोना के लक्षण यानि सर्दी, खांसी,बुखार तथा सांस लेने में कठिनाई हों ।
- आप किसी पड़ित की देखभाल कर रहें हों
- आप एक स्वास्थ्य कर्ता हैं।
- हर छ घंटे में मास्क बदलें क्योंकि गीले मास्क से वायरस फैलने का डर हाता है।
- मास्क खोलते समय उसकी प्लीट नीचे की तरफ रहे।
- मास्क इस तरह पहने की उस कोई गैप न हों और यह पूरी तरह नाक,मुँह तथा ठुड्डी को ढक ले
- डिस्पोजल मास्क का दोबारा प्रयोग बिलकुल न करें बल्कि इसे कीटाणु रहित कर कूड़े में डाल दें ।
- मास्क बदलते समय गंदी बाहरी सतह को न छुएं
- मास्क को गर्दन पर लटकता हुआ न रखें जैसा कि आमतौर लोग करते हैं।
- मास्क हटाने के बाद साबुन और पानी या अल्कोहल आधारित हैण्ड रब से हाथों को धोएं
ध्यान रखें मास्क का उपयोग सीमित समय के लिए किया जाना चाहिए। यदि आप इसे लंबे समय तक पहनते हैं तो इन बातों का ध्यान रखें जब आप अकेले हों तो इसे हटा दें
इसे घर पर इस्तेमाल न करें।
केवल इसका उपयोग भीड़ वाली जगह पर ही करें और जब एक या अधिक व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क में हो।
अपने आप को सबसे अधिक बार अलग करते हुए इसका उपयोग कम करें ।
ए.सी. का इस्तेमाल कम से कम करें।
दवाएं जो आईसालेशन अस्पतालों में ली जाती हैं
विटामिन सी-1000 विटामिन ई, 15 से 20 मिनट धूप में बिताएं
रोजाना 2.5 लीटर पानी
गर्म भोजन ठंडा भोजन से बचे
तो यह है यूनिसेफ की गाईड लाईन्स, इन बातों को अपना कर इस वायरस को बढ़ने से रोक सकते हैं।
तो जवाब है नहीं और बिलकुल नहीं लगभग 80 फीसदी लो मध्यम लक्षण के साथ 2 सप्ताह के अंदर स्वस्थ हो जाते है। और ज्यादातर लक्षण समय पर इलाज से सम्भव है। इसीलिए लक्षण दिखते ही तुरंत चिकित्सक की परमर्श लें इस बिमारी से आमतौर पर वृद्धजन गिरफ्त में आ रहें है। या वे लोग जिनके शरीर में इम्यून सिस्टम यानि प्रतिरोधी क्षमता कमजोर है। अभी तक केवल 2 प्रतिशत मामलों में बच्चोें को यह गिरफत में लिया है।