फालुन दाफा की ओर आकर्षित हो रहे मुंबई के फैशन मॉडल्स
मुंबई के फैशन मॉडल्स क्यों अपना रहे फालुन दाफा ध्यान अभ्यास?
मुंबई के फैशन मॉडल्स क्यों कर रहे अपना रूख अध्यात्म की तरफ ? मगर इससे पहले जानते है
फालुन दाफा (Falun Dafa) है क्या?
St. Xavier High School Nagpur, Hiwari nagar में फालुन दाफा का अभ्यास करते बच्चे |
फालुन दाफा एक साधना या ध्यान करने का अभ्यास है जिसकी स्थापना 1992 में श्री ली होंगजी द्वारा चीन में की गई । वे इसके संस्थापक हैं। गुरु ली की शिक्षाओं का संग्रह अनेक पुस्तकों में किया गया है।
क्या है यह अभ्यास?
मन और शरीर का एक प्राचीन साधना अभ्यास का नाम है फालुन दाफा जो सत्य-करुणा-सहनशीलता के सिद्धांतों पर आधारित है। इसमें पांच सरल और प्रभावी व्यायाम होते हैं जो निम्न काम करते है
व्यक्ति के शरीर को शुद्ध करते हैं
तनाव से राहत देते हैं
और आंतरिक शांति प्रदान करने में सहायता करते हैं।
ये सभी फालुन की विभिन्न मुद्राओं से प्राप्त होती है।
यह पद्धति ब्रह्मांड के उच्चतम गुणों - जेन, शान, रेन यानि सत्य, करुणा, सहनशीलता को शरीर में आत्मसात करने में मदद करता है।
वर्तमान में फालुन दाफा को दुनियाँ के 114 से अधिक देशों में 10 करोड़ से अधिक लोगों ने अपनाया है। मगर इसकी जन्मभूमि चीन में जुलाई 1999 से इसका विरोध किया जा रहा है।
चीन में इसके विरोध के कारण
सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का तर्क यह था कि
नागपुर के सेंट जेविअर स्कूल |
- फालून गोंग की अंतराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है, मगर स्थानीय स्तर पर इसने काफी सहानुभूति बटोर लिया है।
- इसने दावा किया है कि फालुन गोंग समाज के लिए एक खतरा है क्योंकि यह अंधविश्वास को बढ़ावा देता है, स्वदेशी नहीं है, कुल मिलकार यह सरकार के लिए मुष्किलें पैदा कर सकता है।
- चीनी मिडिया भी इससे उत्पन्न विकृति और आत्महत्या की दर्दनाक कहानियां सुनाता है, मगर बाहरी लोगों को उनकी जांच करने की अनुमति नहीं है। जब जांचकर्ता किसी भी तरह से ऐसे मामलों की जांच करने की बात करते हैं, तो उनके सामने ऐसे व्यक्तियों की कहानियां आती है जो मौजूद नहीं होते हैं और ऐसे अपराधियों की लिस्ट सामने आ जाती है जिनका फालुन गोंग से कोई लेना-देना नहीं है।
- कुछ पश्चिमी शिक्षाविदों ने सुझाव दिया है कि पार्टी के नेता फालुन गोंग से डरते हैं क्योंकि इससे उन्हें पिछले धर्मों-विद्रोहियों की याद आती है।
घटनाएं:
1996 में फालुन गोंग राज्य-संचालित चीगोंग संघों से अलग हो गया, तो कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारियों के साथ धीरे-धीरे तनाव बढ़ने लगा , जिसका समापन 1999 के वसंत में हुआ।
10,000 फालुन गोंग चिकित्सकों के विरोध प्रदर्शन हुए। आधिकारिक मान्यता पाने के लिए 25 अप्रैल 1999 को झोंगनहाई सरकारी परिसर, में फालुन गो के चिकित्सक जमा हुए । इतनी बड़ी तादाद में चिकित्सकों के जमावड़े ने पार्टी नेताओं को चैांका दिया। तो कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव जियांग जेमिन ने फालुन गोंग को कुचलने का आदेश दिया।
ये तो थीं इसके विरोध के कारण जो चीन में हो रहें है ।
अब जानते हैं फालुन दफा या फालुन गो है क्या?
नई आंतरिक ताकत का अहसास:-फालुन दाफा में शरीर की साधना भी सम्मिलित है, जो विशिष्ट व्यायामों द्वारा की जाती है. व्यायामों का एक उद्देश्य सिद्धियों और ऊर्जा तंत्र को उसकी गोंग शक्ति द्वारा मजबूत करना है. जो इसका अभ्यास करता है उसके शरीर में अनेक प्रकार की ऊर्जाओं को यह अभ्यास, पैदा करता है। जिससे अभ्यासी को एक नई आंतरिक ताकत का अहसास होता है।
यह ध्यान और साधना के माध्यम से आंतरिक ताकत को बढ़ाने का एक माध्यम है। जाहिर है इसमें साधना की ज्यादा होता है और व्यायाम कम । फालुन दफा के जानकार कहते हैं कि एक व्यक्ति का गोंग यानि ताकत केवल व्यायाम करने से नहीं बढ़ेगा, उसके लिए शिनशिंग की साधना आवश्यक है. इस प्रकार व्यायाम आध्यात्मिक पूर्णता को प्राप्त करने के लिए केवल एक पूरक साधन हैं।
फालुन दाफा व्यक्ति को ज्ञान और सामंजस्य स्थिति में लाता है. इसके लिए केवल व्यायाम करना कम है । फालुन का अभ्यास निम्न आठ बिन्दुओं पर केन्द्रित है:
1. इसमें एक फालुन का विकास होता है, न कि शक्ति पुंज का.
2. यह व्यक्ति का तब भी संवर्धन करता है जब वह व्यायामों का अभ्यास नहीं कर रहा होता है.
3. इसमें व्यक्ति कि मुख्य चेतना की साधना की जाती है, यानि यह व्यक्ति स्वयं है जिसे आत्मिक शक्ति प्राप्त होती है।
4. मन और शरीर दोनों का संवर्धन होता है।
5. अभ्यास में पाँच व्यायाम हैं, जो सरल और सीखने में आसान हैं ।
6. मन द्वारा कुछ भी दिखाया नहीं जाता, इसमें कोई जुड़े जोखिम नहीं हैं, और आत्म शक्ति शीघ्र बढ़ती है।
7. व्यायाम करने के लिए स्थान, समय और दिशा महत्वपूर्ण नहीं हैं, और न ही यह जरूरी हैै कि व्यक्ति अपना अभ्यास सत्र कैसे समाप्त करता है।
8. गुरु के मार्गदर्शन में ही यह प्रदान किया जाता है, इसलिए बुरी सत्ताओं से भय कि आवश्यकता नहीं है।
कुल मिलकर हम देखें तो यह पाते है आज जो भारत में प्राचीन समय से चली आ रहीं योग और ध्यान की अवस्थाएं हैं उन्हीं का फालुन दफा आधुनिक रूप है।
भारत में कदम फालुन दाफा के
पूजा मोर, केल्विन क्लाईन, गिवेंची, रोबेर्टो कावाली, लुइ वित्तों जैसे लक्जरी ब्रांड्स के लिए मॉडलिंग कर चुकी हैं और पिछले चार वर्षों से फालुन दाफा का अभ्यास रही हैं. उनका कहना है, मैं सुबह का समय फालुन दाफा अभ्यास के लिए रखती हूँ। यह वह समय है जब मैं स्वयं से जुड़ पाती हूँ , अपने अंदर झांक पाती हूँ। पूजा बताती हैं कैसे फालुन दाफा ने उन्हें एक बेहतर इंसान बनाया और उनके प्रेरणा का स्रोत बना। पहले कोई काम ठीक से न होने पर मैं दूसरों की गलती निकालती थी और उन पर दोष डालती थी। किन्तु अब मैं अपनी गलती स्वीकार कर पाती हूँ और सोचती हूँ कि अगली बार और बेहतर कैसे करूं।
नागपुर के सेंट जेविअर स्कूल में भी इसका नियमित अभ्यास कराया जा रहा है।