हमारे बस्तर ज़िले में एक फंगस होता है जिसे बोड़ा कहते हैं और पहली बरसात के बाद जब धूप निकलती है तो सरई के पेड़ के नीचे उसकी जड़ों में यह उगता है। और जब यह बाजार में आता है तो 200 रूपये किलो तक इसकी बिक्री होती है लोग बड़े चाव से इसे खाते हैं।
Mushroom grown up |
पिछले दिनों बकावण्ड के पाहूरबेल गांव में जाने का अवसर मिला जहां मशरूम की खेती की जाती है । मशरूम भी फंगस ही है मगर इसके गुणों के कारण इसे खाना जरूरी है खासतौर उस वक्त जब आप डायबिटिज़ या मधुमेह से पीड़ित हैं ।
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वैज्ञानिक रिसर्च ये बताते है कि मशरूम को आप नियमित खाते हैं तो आपकी सेहत दुरस्त बनी रहेगी। शायद इसीलिए इसकी खेती बड़े पैमाने पर हो रही है। और यह भी मंहगी सब्जियों में शुमार है।
मेरे साथ समाजिक कार्यक्रर्ता और मशरूम के जानकार असित शेखर नायक भी थे जो मुझे अपने साथ ले कर गए और मशरूम नामक फंगस को लेकर मुझे विस्तार से जानकारी दी। जो मुझे जानकारी मिली उसके मुताबिक मै यह ब्लाॅग लिख रहा हूॅं । उन्होंने अपनी व्यक्तिगत जानकारी के मुताबिक यह भी बताया कि मशरूम में कौन-कौन से वे तत्व होते है जिसकी वजह से इसे खास माना जाता है । उन सभी का उल्लेख में यहां विस्तार से करूगा।इसे आप अंत तक पढेंगे तो उत्पादन के बारे में जानकारी मिल जाएगी।
मशरूम के प्रकार
- एक होता आईस्टर मशरूम जिसे हिन्दी में ढिंगरी मशरूम कहा जाता है।
- दूसरा बटन मशरूम । शायद बटन जैसी आकृति होने के कारण इसका नाम बटन मशरूम पड़ा है।
- तीसरा दूधिया मशरूम यह रंग में दूध की तरह होता है।
खैर बकावण्ड के पाहूरबेल गांव में जहां मशरूम उत्पादन किया जा रहा है वह पहले प्रकार का यानि आईस्टर मशरूम है । यह फैले हुए होत हैं तथा इसकी इसकी पैदावर कम लागत में होती है मगर इसके गुण असीमित है पहले जानते हैं कि आइस्टर मशरूम कैसे उगाई जा सकती है।
उगाने के लिए क्या चाहिए
पैरा यानि धान की सूखी घास पैडी ग्रास जरूरत के मुताबिक और बड़ा सा बर्तन जिसमें आप घास रख सकते हैं।
विधि
- सबसे पहले उत्पादन की जरूरत के हिसाब से घास को ठंडे पानी में रात भर भिगा कर रखा जाता है। (कम से कम दस से बारह घंटे ) यहां ग्रामीण इसे रात में भिगो देते हैं
Packets with Mushroom seeds in - दूसरे दिन सुबह उसे बड़े बर्तन में या फिर टब में उस पैरा को अच्छे से भरा जाता है। फिर उसके ऊपर खौलते पानी को धीरे धीरे डाला जाता है। ताकि पैरे के अंदर जमा जर्म खत्म हो जाए।
- फिर उस टब को जिसमें पैरा भरा गया है , तथा गर्म पानी डाली गई है उसे लगभग आधे घंटे लिए ढक कर रख दिया जाता है।
- फिर इसके बाद जमीन पर प्लास्टिक की चटाई बिछाई जाती है जिसे बेड कहा जाता है । और टब को खोलकर उसमें से पैरा को निकाल जाता है और उसे चटाई में बिछाई जाती है । और सूखने के लिए कुछ देर छोड़ दिया जाता है। अगर यह धूप से सूख जाय तो अच्छी बात है अन्यथा। पंखाकरके या अन्य क्रित्रिम तरीके से सूखाया जाता है।
- बेड पर मौजूद पैरा जब पूरी तरह से सूख जाता है तो उसे प्लाॅस्टिक की थैलियों में ठूंस-ठूंस कर भरा जाता है। ध्यान रखें थैलियां कटी न हों।
- फिर उसमें मशरूम के बीज डाले जाते है जो आपको आसानी से बाजार में मिल जाएगा। अन्यथा कृषि विज्ञान केन्द्र में सम्पर्क कर सकते है।
- थैलियों में पैरों के साथ मशरूम बीज डाल कर इसे अच्छी तरह चित्र में दिखाए अनुसान बांध कर पैक कर दिया जाता है और फिर 15 दिनों के लिए एक अंधेरे कमरे में टांग कर रखा जाता है।
सप्ताह भर बाद दीवारों और फर्ष पर नमी कायम रखने के लिए पानी का छिड़काव किया किया जाता है।
इस तरह से तैयार मशरूम की यहां बाजार में कीमत 200 रूपये तक मिलती है ।
मशरूम का नियमित आहार लेने से कई परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है। इसीलिए मशरूम प्रत्येक व्यक्ति को खाना चाहिए।
मशरूम क्यों खाने चाहिए ?
इस बारे कई बार लोग अपनी-अपनी राय देते हैं । मषरूम एक प्रकार का फंगस होता है इसीलिए कुछ भ्रांतियां भी हैं । मगर रिसर्च ये बताते हैं कि इसमें कई प्रकार के औषधिय गुण होते हैं जिसके कारण यह प्रमुख खाद्य प्रदार्थ के रूप में जाना जाता है। आईए ! बात करते हैं इसके गुणों के बारे में- यह एन्टि आक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। इसमें वे गुण होता है जो उम्र कम करने तथा वजन घटाने में सहायक होते हैं।
- मशरूम में सेलेनियम होता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसके लगातार खाने से मौसमी सर्दी, खांसी बुखार नहीं होते है।
- मशरूम विटामिन डी का अच्छा माध्यम है। इससे हड्डियां मजबूत होती है।
- यह मधुमेह के रोगियों के लिए काफी अच्छा होता है क्योंकि इसमें कार्बोहाईड्रेट्स नहीं होते है अतः इसे लगातार खाने से वजन और मोटापा नहीं आता है। क्योंकि इसमें कम मात्रा में कोलेस्ट्राॅल होते है । यह खून में ब्लड शुगर नहीं बढ़ता है।
- यह कोशिकाओं को एनर्जी देने वाले एन्जाईम को क्रियाषील बनाता है ।
अब आता है बटन मशरूम । इसकी खेती कैसे की जाती है यह जानने के लिए क्लिक कीजिए नीचे दिए गए लिक पर
बटन मशरूम की खेती कैसे करें ?