ओयस्टर मशरूम का उत्पादन जितना सहज है उतना ही ज्यादा यह आमदनी का श्रोत बनता जा रहा है। इसके उत्पादन के लिए सरकार विभिन्न प्रकार से मदद भी कर रही है।
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आईए बात करते हैं एक अन्य प्रकार के मशरूम की जिसे बटन मशरूम कहा जाता है।
सम्भवतः बटन जैसी आकृति होने के कारण ही इसे बटन मशरूम कहा जाता है।
मशरूम के मुख्यतः तीन प्रकार होते हैं।
- ढींगरी मशरूम यानि आईस्टर मशरूम
- बटन मशरूम
- और दुधिया मशरूम
बटन मशरूम के बारे में
यह Uttar Pradesh इलाके में फिलहाल बहुत पैदा की जा रही है। पहले यह ठंडे प्रदेशों में होता था। क्योंकि इसके उत्पादन में तापमान कम होना चाहिए लगभग 22 से 26 डिग्री और नमी 80 से 85 प्रतिशत तक होना चाहिए।
इसके बीज को स्पाॅन या खुम्बी कहते है। मशरूम उत्पादन के लिए खुम्बी को एक माह से ज्यादा पुराना नहीं होना चाहिए।
अब आईए बात करते है बटन मशरूम किस प्रकार पैदा की जाती है।
- सबसे पहले एक कम्पोस्ट खाद तैयार करना होता है
- कम्पोस्ट खाद के वजन से बीज की मात्रा 2-2.5 के बीच ही होना चाहिए । न ज्यादा न कम
- उसके बाद बीज को पेटी में भरी कम्पोस्ट पर बिखेर दें फिर उसपर 2 से 3 सेमी कम्पोस्ट की परत डाल दें ।
- ऐसा करने के बाद उस पेटी को जिस पर बीज डाला गया है उसे उस स्थान पर रख दें जहां बटन मषरूम का उत्पादन करना है। कमरे में नमी के लिए फर्ष या दीवारों पर पानी छिड़कते रहें ।
ध्यान रखें कमरे का तापमान 22 से 26 डिग्री ही रखें । जाहिर है इसके लिए वातानुकुलित यंत्र यानि ए.सी. लगानी होगी। जो कमरे का तापमान नियत्रित कर सके ।
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दूसरे शब्दों में बटन मशरूम का उत्पादन करना एक मंहगा कार्य है। क्योकि इसके लिए ए.सी. और पेटी जिस पर मशरूम की पैदावर करनी है -खरीदना होगा।
35 से 40 दिनों के के बाद मिट्ट के ऊपर आपको मशरूम खिला हुआ मिलेगा। मगर उस पर हुंडिया खिलने के बाद ही तोड़ा जा सकता है। क्योंकि बटन यानि हुंडिया तो 15 से 20 दिनों के बाद ही दिखेंगी यानि आपको 15 से 20 दिनों के बाद ही तोड़ना होगा।
तोड़ने का तरीका
इसे तोड़ने के लिए चाकू का इस्तेमाल करें या इसे घुमाघुमाकर तोड़े । उसे एकदम से खींचे नहीं।