लोग आजकल कहते है बिमारियां बढ़ गईं है पर ये नहीं कहते हम बिमारियों को आमंत्रित करते है। ऐसी कई बिमारियां है जो हमारी लाईफ स्टाईल से जुड़ी है उनमें से एक है मधुमेह यानि डायबिटिज़ तो दूसरा है उच्च रक्तचाप ।
मधुमेह की जांच नियमित करें |
ये एक एसी बिमारी है जो ध्यान न देने पर धीरे-धीरे आपकी किडनी,गुर्दे और अंत में हार्ट को खा जाती है। मगर जरा सी सावधानी से इससे बचा जा सकता है। कैसे जानने के लिए इस ब्लाॅग को अंत तक अवष्य पढ़िए। ये मैने उन लोगों के लिए लिखा है जिन्हें इसके प्रारम्भिक लक्षण मिले है। और उनके लिए भी कारगर है जिन्हें पहले से डायबिटिज है।
कारण जानने से पहले इसके लक्षणों पर एक नजर-
आईए कुछ बातों पर गौंर करते है।
अगर आपकोः-
- अत्यधिक प्यास लगती है ।
- लगातार पेशाब लगती है।
- बात-बात पर आप चिढ़ जाते है, गुस्सा बहुत आता है।
- आपका वजन ज्यादा है । और यह अचानक बड़ जाता है या घट जाता है।
- शरीर पर कोई छोटा-मोटा चोट लगा हो तो वह देर से भरता है। या काफी लम्बे समय तक रहता है
- बिना कारण शरीर में फोड़े निकल आते हैं। दाग आ जाते हैं या किसी प्रकार का संक्रमण बना रहता है।
- बिना वजह थकान हो जाती है।
- और जब धुंधला दिखाई देता है।
तो अपना शुगर लेवल जांच करवा ही लीजिए! क्योंकि यह डायबिटिज़ (Diabetes) यानि मधुमेह हो सकता है।
इसे कैसे पहचाने
अमेरिकी डायबिटिज एसाशिएशन के 2014 में रिचर्स ’’ मधुमेह में चिकित्सा देखभाल के मानक’’ के अनुसार
अपने खून की जांच में इन बिन्दुओं पर गौर करेंउपवास के दौरान आपके रक्त में शक्कर 100 से कम है
व्यायाम से पहले यह 100 है
खाने से पहले यह 70 से 130 है
खाने के एक दो घंण्ट बाद यह 180 से कम है
सोते समय 100-140 है
HbAlc 7.0% (के आसपास) हो तो ठीक है।
हांलाकि ये बिमारी एक समय 40 से ज्यादा उम्र के लोगों में होती थी मगर
पेक्रियाज यानि पाचन ग्रन्थि |
आजकल हमारी जीवन शैली में बदलाव आ गया है। तो यह बिमारी अब किसी भी उम्र में देखने को मिल रही है । आपकी दिनचर्या में निम्न में कोई भी काम कर रहें हैं तो सावधान हो जाईए ! बेहतर है । उसे छोड़ ही दीजिए।
जैसे
असमय भोजन करना-
काम काज के लिए आपको खाने का समय नही मिल पाता तो कभी देर से खाते हैं तो कभी खाते ही नहीं तो , कभी हाॅटल से मंगाई चीज़ों से काम चला लेते है ।
देर रात जागना-
देर से उठना यानि अपयाप्र्त नींद - आज कल Netflix का जमाना आ गया है। लोग खास तौर पर 15 से 20 साल के youth देर रात विडियो गेम्स खेलते है और फिल्में देखते हैं । शरीर को व्यापक आराम नहीं मिल पाता और मधुमेह को अनजाने में आमंत्रित करते हैं ।
तनाव पूर्ण काम-काज-
Office का काम-काज में जब तनावपूर्ण रहता हैै और आप का काम दिन भर गुस्से और डांट-डबट में गुजराता है। या फिर टारगेट पूरा करने के लिए तनाव में दिन भर रहते है । In other words अगर आप बाॅस है तो दिन भर चिल्लाते रहते हैं और कर्मचारी है तो दिन भर बाॅस की डांट-फटकार सुनते रहते है। और ये तनाव आफिस के बाद भी आपका पीछा नहीं छोड़ती तो मान लिजिए। आप चपेटे में आ रहें हैं।
ज्यादा धूम्रपान और शराब-
ये भी वर्तमान जीवन शैली का हिस्सा बनता जा रहा है। आजकल लोग किसी खास अवसरों पर या फैषन के तौर पर शराब पीते है या फिर धूम्रपान करते है। जरूरत से ज्यादा जब ये चीज़े हो जाती है तो शरीर इसका असर दिखाना शुरू कर देता है।
व्यायाम का अभाव - यानि मोटापा
आपका काम बैठे बैठे ही होता है यानि Office-Work होता है जिसमें शारीरिक गतिविधयों की गुंजाईश नहीं के बराबर होती है। और सुबह से शाम तक ऐसे ही जिंदगी गुजर जाती है तो जाहिर है मोटापा बढ़ेगा । और कई बिमारियां घर कर जाएंगी। जिसमें मधुमेह पमुख है।
क्या है मधुमेह? ये होता कैसे है ?
शरीर में एक पाचन ग्रन्थि होती है जिसे पेनक्रियाज कहते है । इसका काम होता है जो भी हम खाते है उसे इन्सुलिन नामक हार्मोन्स से पचाना। और इन्सुलिन का काम होता है शरीर में जितनी भी मात्रा में शुगर (sugar) आये उसे ऊर्जा में बदलकर खून में शुगर को बढने नहीं देना। और उससे शरीर को एक ताकत मिलती है। यही ताकत हमारे शरीर को चलने फिरने में मदद करता है । हमारी जीवन शैली कुछ हो गई है कि हम शारीरिक मेहनत के नाम पर केवल जिम में जाकर हाथ पैर का ही कसरत करते है उससे शरीर के अंगो को तो सुडौल बना लेते हैं मगर खाने में जरूरत से ज्यादा चीनी हम डालते हैं और इसे एक सीमा तक पेनक्रियाज़ यानि पाचन ग्रन्थि स्वीकार कर लेता है फिर बाद में पेनक्रियाज आने वाली शुगर को ऊर्जा में बदलना बंद कर देता है और इंसलिन बनाना भी बंद कर देता है यानि हड़ताल कर देता है । फिर होता यह है कि हमारे खाने का शुगर ताकत में नहीं बदल पाता और खून में जमा होने लगता है जिससे खून में निष्चित मात्रा से ज्यादा शुगर जमा होने लगता है और यह शरीर को शिथिल कर देता है। फिर शरू होता है मधुमेह यानि डायबिटिज्
ये तो थे कुछ कारणों की झलकियां जिससे मधुमेह होता है । अब जानते हैं मधुमेह क्या रोका जा सकता है ? जवाब है हां , पर कैसे ?
मगर थोड़ा ये समझने की कोशिश करते है कि मधुमेह के दो प्रकार होते हैं ।
चिकित्सकीय भाषा में इसे टाईप 1 और टाईप 2 कहते हैं
टाईप 1:- इसमें वे मधुमेह के रोगी आते है जिनके घर में माता-पिता या दादा-दादी में किसी एक को या दोनों को मधुमेह है या था। तो संतानों पर ये बिमारी का आना लाजमि है। मगर कुछ साधनों को अपनाकर बचा जा सकता है। जिसकी चर्चा आगे करेंगे। इसमें शरीर में मौजूद पेनक्रियाज इंसुनिल बनाना कम कर देता है या बंद कर देता है मगर रोगी इंसुलिन के लिए इंजेक्षन पर निर्भर नहीं रहता है।
Food Rich in Fiber |
टाईप 2:- इस प्रकार के मधुमेह में खून में शुगर लेवल बहुत अधिक बड़ जाता है (250 से अधिक ) ये उनको होता है जिनका वजन अधिक होता है। और अनियमित जीवन शैली जीते हैं । पेनक्रियाज के सेल्स इंसुलिन के प्रतिरोधी बन जाते है। यह दुनियां में पाया जाने वाला सबसे प्रकार है।
जानकार ये बताते हैं कि दोनों ही प्रकार के डायबिटिज़ किसी भी उम्र में हो सकता है।
बच्चों को जरूर सचेत करें कि रात्रि जागरण को अपनी जीवन शैली में शामिल न करें और अनापशनाप खाने से बचें
अब आते हैं कि किस प्रकार इसका नियंत्रण किय जा सकता है।
पहले अपनी जीवन शैली में बदलाव लाकर -
यानि असमय खाना-पीना छोड़ दीजिए। तनाव मुक्त रहिए! खाने में ऐसी चीजे़ लिजिए जिसमें कार्बोहाईड्रेटस और वसा कम से कम हो।
- यानि आपको 225 से 275 ग्राम ही कार्बोहाईड्रेटस खाने चाहिए ताकि आपको 900 से 1000 के बीच कैलोरी मिल सके जो सामान्य जीवन जीने के लिए पर्याप्त है। वैसे ही वसा यानि तेल घी से बनी चीजे़ 35 से 45 ग्राम की मात्रा बहुत पर्याप्त है। यानि आपके आहार में पत्ते या फूल वाली सब्जियां आती है
- आप ये खा सकते हैं पालक, पत्ता गोभी, मूली, धनिया, मेथी, बथुए की भाजी, फूलगोभी पुदिना, सरसों, बैंगन लौकी, बड़ा करेला, पेठा, ककड़ी शलजम, वाकला,तोरई षिमला मिर्च ,गांठ गोभी टिण्डा ,सेम , मषरूम, हरीमिर्च इन सब्जियों में 3 से 5 प्रतिषत कार्बोहाईड्रेटस 0.1 से 0.2 प्रतिषत वसा होती है ।
- अब आते है 10 से 15 प्रतिषत कार्बोहाईड्रेटस 0.2 से प्रतिषत प्रतिषत वसा जिनमें होती है वे गाजर, प्याज, मीठी नीम, चने का साग, सोया का साग ग्वार की फली ।
- और इससे ज्यादा वसा तथा कार्बोहाईड्रेटस मिलता है मटर, लहसुन, जिमीकन्द, आलू आदि
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अपने आवश्यकतानुसार कम से कम मात्रा की वसा तथा कार्बोहाईड्रेटस लिजिए।
मल्टिग्रेन (Multigrain) आटे की बनी रोटियां खाएं जो शरीर को पर्याप्त ऊर्जा दें
आप ये रोटियां खाएं :-जौ और गेहूॅं की दो किलो की मात्रा लेकर एक किलो चने का आटा मिलाकर पीसवा ले और इसे भोजन के रूप में उक्त सब्जियों के साथ खाएं। ध्यान रखें खाना निष्चित समय पर ही खाएं और सुबह का नाष्ता कभी न छोड़े । बाकि तैलीय चीजों से परहेज करें । और एक बात चाय नहीं के बराबर लें इसकी जगह गुड़, लौंग, तुलसी तथा कालीमिर्च को आवष्यकता नुसार मिलाकर उबालें वह ग्रीन टी बन जाएगा । उसे पीजिए
शराब सिगरेट व अन्य धूम्रपान न करें नहीं तो ये सब जुगत बेकार चली जाएगी।
" मांसाहार के शौकीन मछली और अंडे की सफेदी वाला हिस्सा खा सकते है ,वह भी लम्बे अंतराल के बाद ।"
नाश्ते में प्रोटिन रेशे वाली आहार लिजिए । एक कटोरी मठ्ठा एक-दो फल चोकर वाली गेहूॅ की रोटियां
ध्यान रखिए खाने में सुबह दही, दोपहर, छांछ रात को पेसरेटा दूध पीएं तो सोने में सुहागा।
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नियमित व्यायाम
इसका मतलब यह नहीं कि जिम आप ज्वाईन करें । और बाॅडी बिल्डंग करें । आपको प्रतिदिन 6 किमी तेज कदमों से पैदल चलें ताकि शरीर से पसीना निकले तो बेहतर है। और हो सके तो योग में सर्वागआसन, पश्चिमोत्तानासन, हलासन, नौकासन करें तो बहुत अच्छा रहेगा। प्रत्येक योग को 30 सेकेण्ड से ज्याद न करें । शुरूआत 5 सेकेण्ड से ही करें। ये सब व्यायाम करने से पेनकियाज सक्रिय हो जाते हैं और शरीर में इंन्सुलिन बनने में मदद मिलती है।
सबसे बड़ी बात अपना वजन नियंत्रित रखें।
यानि आपकी हाईट के कुल सेमी को 100 भाग देने पर जो दशमलव के बाद जो अंक आएगा वो आपका आर्दश वजन होगा।
कब्ज दूर करें
अगर आपको कब्ज रहता है यानि सुबह पेट साफ नहीं होता है तो इसका उपाय कर लेवें । क्योंकि कब्जियत से मधुमेह में नुकसान होता है। इसके लिए पानी खूब पीएं ।
तनाव से दूर रहें
किसी भी प्रकार का तनाव चाहे वह घर हो या बाहर उसे अपने तक आने न दें इसका सबसे बेहतरीन उपाय है । बदलाव का हिस्सा बनें बदलने की कोशिश न करें।
ये नुस्खा कम से कम तीन महिने आजमाएं और अपने खून में शुगर की जांच हर तीन महिने करवाएं निष्चित ही सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगी।
मुझे कमेंट बाॅक्स पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दीजिए!
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