योग से आज के समय में सभी परिचत हैं । विदेशों में इसके सम्बध में बहुत अधिक जिज्ञासा है। परन्तु इस सम्बन्ध में लोगों ने अनेक भ्रम भी पाल रखे हैं कुछ लोग तो इसे एक दर्शन के रूप में ही जानते हैं और कुछ इसे मात्र एक आध्यामित्क साधना विधि मानते हैं, अधिकांश लोग इसे एक प्रकार का शारीरिक व्यायाम मात्र ही समझते हैं तथा कुछ अन्य इसे असाध्य रोगों की चिकित्सा पद्धति के रूप में मान्यता देते हैं । ये सभी अर्थ योग के विभिन्न पक्षों को उजागर करते है।
पष्चिमोत्तासन |
फिलहाल मै जिन योग के बारे में यहां चर्चा कर रहा हूूॅं वे सभी योग अगर लगातार करते रहें तो गम्भीर बिमारियों से आप मुक्ति पा सकते हैं । आज के समय में मुधुमेह और रक्तचाप दो ऐसी बिमारियां है जो हमारी खराब जीवन शैली का परिणाम है।
इसके बारे में मैने विस्तृत चर्चा की है।
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धारा 144 और महिने भर की लाॅकडाऊन समय में शरीर का निष्क्रिय होना स्वाभाविक है । ऐसे शरीर में अनावश्यक चर्बी जमा होने लगती है । यही चर्बी मोटापे की शुरूआत है। शरीर में जब मोटापा हावी हाता है तो सबसे पहले पेट के आसपास चर्बी जमा होने लगती है जिसे आम भाषा में तोंद कहते हैं । पर इसे योगासानों के जरिए कम किया जा सकता है। ऐसे ही योगासन का नाम है सर्वांगासन और पश्चिमोत्तानासन । जानते है इसे कैसे करते हैं ।
पश्चिमोपत्तानासन
जानते हैं इसे करने की विधि-
- इसे करने के लिए ज़मीन में बैठकर दोनों पैरों को आगे फैलाएं ।
- दोनों हाथों को बगल में रखें
- अंदर सांस भरते हुए दोनों हाथों को ऊपर उठाईए।
- फिर सांस को निकालते हुए आगे की ओर झुकें।
- हाथों से दोनों पैरों के अंगूठों को पकड़े।
- पैर तथा हाथ सीधे रखें
- जितनी देर सांस बाहर रहे, उतनी देर ही झुके रहें
- अंत में सांस लेते हुए पूर्ववत् स्थिति में आ जाएं
ये आसन अपनी क्षमतानुसार दो या तीन बार ही कीजिए। ।
इसे नियमित करें और फर्क आपको महसूस होगा
लाभ
इससे आपके शरीर में अंदरूनी दिक्कतें दूर होती है । शरीर में खून का संचरण नियंत्रित करता है। इससे पेनक्रियाज सक्रिय होता है। जिससे उसे इन्सुलिन बनाने में मदद मिलती है। पाचन के लिए यह बहुत लाभकारी है।
यह मधुमेह, रक्तचाप(उच्च/निम्न दोनों में), लिवर,गुर्दे और सभी प्रकार के संा संम्बधित तकलीफें दूर होती है।
पश्चिमोत्तानासन की सावधानियां
गर्भवती और जिनका हाल ही में operation हुआ है । उन्हें नहीं करना चाहिए। उन्हें पूरी तरह से फिट होने के बाद योगासन करना चाहिए।
वर्तमान समय में योग के लेकर अनेक सवाल हैं जिसे हर यागाभ्यास करने वाले को जानना चाहिए।
आइए जाने वे क्या हैं
योग से पहले क्या खाएं और क्या नहीं ?
अभ्यास से तीन घंटे पहले गरिष्ठ या मसालेदार भोजन न करें । दलिया, खिचड़ी के अलावा पेय पदार्थ भी ले सकते है। सलाद खा सकते हैं। मगर आधे घंटे के बाद ही योग करें ।
व्यायाम से पहले क्या किसी प्रकार का वाॅर्म अप करना चाहिए?
आमतौर पर वर्कआऊट से पहले की गई कियाएं असल में योग कियाएं ही हैं जिन्हें वाॅर्मअप काम दिया गया है। संम्पूर्ण रूप से इसे सूर्य नमस्कार कहते हैं । वहीं योगाभ्यास के अंत में 5-10 मिनट का शवासन जरूर करना चाहिए ताकि शरीर और सभी अंगों को आराम मिल सके ।
योगा क्रियाओं को करने का एक तय क्रम है । क्रम से न करने और आसन करने के दौरान मुद्रा सही न बनने से शरीर का आकार बिगड़ जाता है। जिसे चोट लगने व पहले से मौजूद तकलीफ बढ़ने की आशंका रहती है।
क्या गर्भवती महिला योग कर सकती है?
इनके लिए विशेष योगासन है जिन्हं विशेषज्ञ की देखरेख में करना चाहिए। योग करें या नहीं, ऐसा महिला के गर्भ में पल रहे शिशु स्थिति और शरीर की अवस्था के आधार पर तय करते हैं । गर्भावस्था के दौरान किसी भी गलत क्रिया से जटिलता बढ़ सकती है।
कब्ज की समस्या में योग करना चाहिए या नहीं
नहीं ! ऐसे मंे योग नहीं करना चाहिए। पेट साफ होना जरूरी है। वजह, योग के दौरान शरीर के चक्र उत्तेजित होने से शरीर पर सकारात्मक असर होता है। इसके लिए मुनक्का दुध के साथ उबालकर, त्रिफला या इसका चूर्ण रोत को लेकर सोएं,
पेट साफ होगा।
आफिस में काम करने वाले व पढ़ाई के दौरान छात्र किस प्रकार योगाभ्यास कर सकते है?
मन सुबह शांत व मस्तिष्क एकाग्र रहता है। इस समय योग क्रियाएं फायदेमंद होती है। समय न मिलने पर Office में या पढ़ाई के दौरानआ चाहें तो गर्दन, हाथ व पैरों के मूवमेंट संबंधी क्रियाएं कर सकते हैं ।
यू ट्यूब में दिखाए जाने वाले योग कितने फायदे मंद हैं?
यू ट्यूब में दिखाए गए योग फायदेमंद हो सकते हैं बर्शते जैसा दिखाया गया है वैसा ही हो । उसमें एक्सपर्ट के बनाए विडियो को आपको अनुशरण करना चाहिए।
क्या योगाभ्यास के दौरान पानी पीना चाहिए?
अक्सर किसी भी प्रकार के शारीरिक गतिविधि से प्यास लगती है। लेकिन योगाभयास के दौरान शरीर में धीरे -धीरे ऊष्मा बढ़ती है। इस दौरान अगर ठंडा पानी पी लेने से जुकाम, कफ तथा एलर्जी की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे सलाह तो यही दी जाती है कि योगाभ्यास के 10-15 मिनट के बाद ही पानी पीएं ।
मधुमेह के दौरान पष्चिमोत्तानासन के अलावा जिन आसनों को आप कर सकते हैं वें हैं - शीर्षासन, सर्वांगासन, वीरासन, शलभसन, धनुरासन, शवासन, अर्ध मत्स्येन्द्रसन, मयूरासन, हंसासन तथा भुजंगासन इत्यादि
योगासन कब करें
शौच से निवृत होने के बाद ही आसन करना चाहिए, परंतु चाहे तो नहा लें । बिना नहाए भी योगासन किया जा सकता है।
प्रातःकाल उपयोगी होता है। सांय को सूर्यास्त के बाद ही करें और भोजन के तत्काल बाद न करें । भोजन के कम से कम चार घंटे के बाद ही करें ।
आसनों को करने के दौरान शरीर के साथ जोर-ज़बर्दस्ती करना ठीक नहीं। जितना संभव हो सके केवल उतना ही झुकें या मुड़े ।
मन आपका तनाव रहित होना चाहिए। क्रोध में कभी भी योगासन न करें ।
क्या मोटापे से ग्रसित हैं ?
या अपना वजन बढ़ाना या घटाना चाहते हैं
तो सम्पर्क कीजिए।
-Wellness coach Khiresh Vaidh
Contact- 9669959821