भारत में प्रशासन की कई इकाईयां है एक केन्द्र स्तर पर जिसमें प्रधानमंत्री संसद और मंत्रिमंडल इत्यादि आते हैं दूसरा राज्य स्तर पर जिसमें विधानसभा , मुख्यमंत्रि और अन्य मंत्रीगण आते है जो राज्य स्तर पर कार्य करते है। फिर नगर स्तर पर नगरीय प्रशासन होता है जिसके अंतर्गत नगर निगम या नगरपालिका इत्यादि आते हैं। और गांवों में जो प्रशासन होता है उसमें ग्रामसभा,पंचायत की अहम
Gram Sabha in Chhindbahar |
आज इस ब्लाॅग के माध्यम से प्रशासन की इसी इकाई पर विस्तार से चर्चा करेंगें। पिछले हफ्ते ही सामाजिक कार्यकर्ता नूरूल हसन से मुलाकात हुई वे पिछले छः वर्षो से अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायती राज के विस्तार अधिनियम (PESA) पर बस्तर के दरभा ब्लाॅक में कार्य कर रहें है। और दरभा के छिंदबहार ग्राम पंचायत में उनसे मुलाकत हुई । और उनसे मैने ग्राम सभा के बार में विस्तार से जाना, वही मै आपसे साझा कर रहा हॅू।
क्या है ग्राम सभा ?
ग्राम सभा की गरिमा और असर जिसप्रकार संसद का केन्द्र में है और राज्य में विधान सभा का है ठीक उसी प्रकार ग्राम सभा का ग्रामीण प्रशासनिक व्यवस्था में। और इस ग्राम सभा में लिए गए फैसले को काटने का अधिकार किसी को नहीं होता। यह व्यवस्था इसीलिए भी की गई है क्योंकि ग्रामीण ही समझता है उसे गांव में क्या-क्या सुविधाएं चाहिए और किस प्रकार चाहिए यह जानने के लिए गांव के लोगों के साथ मिलबैठकर एक सभा की जाती है और उस सभा में फैसले लिए जाते है। इसे ही ग्राम सभा कहते हैं ।
कैसे होता है गठन होता है ग्राम सभा का ?
सबसे पहले बात करते हैं उन क्षेत्रों का जहां पांचवी अनुसूचि लागू है ।ऐसे क्षेत्रों में ग्राम सभा में वे सदस्य होते है जिनके नाम मतदाता सूचि में होते है यानि जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक होती है। और ग्राम सभा में गांव वालों के अलावा और कोई भी सदस्य नहीं बन सकता है। हांलाकि शासकीय कर्मचारी भाग ले सकते हैं मगर वे सभा में जारी किसी निर्णायक प्रकिया का हिस्सा नहीं बन सकते यानि गांव हित का निर्णय नहीं ले सकते हां शासकीय योजनाओं की जानकारी जरूर साझा कर सकते है। आखिरकार यही उनका काम है ..
ग्राम सभा के आयोजन से पूर्व
नियमानुसार ग्रामसभा आयोजित करने से सात दिन पूर्व गांव में मुनादी यानि सूचना ग्रामीणों को दी जाती है । और यह कार्य लगातार सात दिनों तक होता है (नियमतः होना चाहिए )। हांलाकि मुनादी का प्रत्यक्ष काम ग्राम के कोटवार द्वारा किया जाता है। इसकी जिम्मेदारी ग्राम पंचायत के सचिव व सरपंच की होती है। सरपंच का काम केवल व्यवस्था ही देखना होता है। (मै फिलहाल पांचवी अनुसूचि जहां प्रभावित है उन क्षे़त्रों की बात कर रहा हूॅं । )एक बात और समूचे ग्राम सभा की कागजी कार्यवाही भी ग्राम सचिव का ही काम है।
ग्राम सभा अधिनियम के अनुसार ग्रामसभा की इन चार बैठकों के अलावा और भी बुलायी जा सकती है, अगर-
गांव के व्यस्क मतदाता अगर चाहें तो ग्राम सभा की बैठक बुला सकते है। इसके लिए:-
ग्रामसभा की विशेष बैठक
ग्राम सभा अधिनियम के अनुसार ग्रामसभा की इन चार बैठकों के अलावा और भी बुलायी जा सकती है, अगर-
- पंचायत किसी आवश्यक विषय पर ग्रामसभा बैठक बुलाना जरूरी समझे तो।
- अगर जनपद तथा जिला पंचायत ग्राम पंचायत से ग्रामसभा की बैठक बुलाने की अपेक्षा करें तो।
क्या गांव के लोग ग्राम सभा की बैठक बुला सकते हैं ?
गांव के व्यस्क मतदाता अगर चाहें तो ग्राम सभा की बैठक बुला सकते है। इसके लिए:-
- ग्रामसभा के मतदाताओं की कुल संख्या के एक तिहाई से ज्यादा सदस्यों द्वारा लिखित रूप से मांग करना।
- यह लिखित आवेदन पंचायत सचिव को दिया जाएगा।
- इस मांग के 30 दिन के भीतर सरपंच को ग्रामसभा की बैठक बुलाना जरूरी है।
कहां होती है ग्राम सभा?
गांव में ग्राम सभा उस स्थान पर आयोजित की जाती है जहां ग्रामीणों को पहूॅचने में सुविधा हो । स्थान खुला होना चाहिए । यानि किसी बंद कमरे में या किसी के घर पर ग्रामसभा नहीं आयोजित की जा सकती है।
देखने में यह अक्सर आता है कि ग्राम सभा बंद कमरे में करवा दिया जाता है जो पूर्णतः नियम विरूद्ध है।
कितने लोगों मौजूद होने पर की जाती है ग्राम सभा?
पहली बात तो यह है कि नियमानुसार गांव की कुल आबादी का एक तिहाही सदस्य यानि ग्रामीण अगर मौजूद हो ग्राम सभा होता है । उसमें एक तिहाही में महिलाओं की एक तिहाही मौजूदगी होनी चाहिए।
इसे एक उदाहरण से समझते है मान लिजिए किसी गांव में अगर 1000 ऐसे ग्रामीण है जिनके नाम मतदाता सूचि में है तो उनमें 333 ग्रामीण कम से ग्राम सभा में होने चाहिए और 333 में से 111 महिलाएं होनी चाहिए।
जहां पांचवी अनुसूचि नहीं है वहां गांव की कुल आबादी का दसवां हिस्सा ही कोरम पूरा होने के लिए काफी है उदाहरण के तौर पर 1000 की आबादी में 100 ग्रामीणों को मौजूदगी पर्याप्त है तथा उनमें 33 महिलाएं होनी चाहिए। अगर वह गांव आदिवासी बाहुल्य है तो एक तिहाही आदिवासियों की मौजूदगी अनिवार्य है।
और ऐसा ही नियम कहता है। (ये कोराम अगर पूरे नहीं हों तो ग्रामसभा और उसके निर्णय दोनों ही अमान्य हैं )
ग्राम सभा के अध्ययक्ष
ग्राम सभा में अध्यक्ष का चुनाव सर्वसम्मति से किया जाता है । अध्यक्ष वहीं महिला या पुरूष को बनाया जाता है जो उसी गांव का हो और जानकार हो ।उसकी भूमिका काफी अहम होती है, उसे एक दिन के मुख्यमंत्री के बराबरा का रूतबा हासिल होता है । ग्राम सभा में होने वाले किसी फैसले पर अगर विवाद हो तो अध्यक्ष का फैसला ही अंतिम और सर्वमान्य होता है।
मगर जहां पांचवी अनुसूचि लागू नहीं है वहां अध्ययक्ष सरपंच या वार्ड पंच बनता है।
नोडल Officer
इसका काम केवले ग्राम सभा के ऐजेण्डे का विस्तार ही करना होता है । इस काम के लिए आमतौर पर ग्राम सचिव की जिम्मेदारी होती है। प्रशासनिक अधिकारी ,जनपद जिला के कार्यपालन अधिकारी यहां बैठ सकते हैं शासकीय योजनाओं की जानकारी दे सकते है मगर निर्णायक प्रकिया में भाग नहीं ले सकते हैं ।
कार्य व दायित्व
- गांव के रीतिरिवाज और परम्परा को बचाए रखकर गांव हित में फैसला देना
- गांव में सरकारी योजना से जुड़े लोगों को पता लगाकर उनका चयन करना ताकि गरीब से गरीब लोगों को सरकारी योजना का लाभ मिल सके।
- गांव में बाजार व्यवस्था का चयन करना तथा उनका प्रबंधन करना
- जल, जंगल, जमीन आदि से संबधित मुद्दों का प्रबंधन एवं निर्णय लेना।
- ग्राम विकास से जुडे़ कार्यों का चिन्हाकन एवं उसके बारे में फैसला लेना
- गांव में हुए सामाजिक कार्यों का बजट के बारे में जानकारी लेना एवं अन्य सामाजिक कार्यों का पता लगाना जिससे गांव का विकास हो सके।
- विकास कार्य के लिए सरकार को जमीन देने का फैसला सर्वसम्मति से करना। जैसा कि हमारे क्षेत्र में एनएमडीसी और टाटा के लिए किया गया है।
कब होती है ग्राम सभाएं ?
ग्राम सभा आवश्यकतानुसार आयोजित की जा सकती है मगर कुछ ऐसी तारीखें होती है जिनमें ग्राम सभाएं अनिवार्य रूप से आयोजित की जाती है ।
इनमें चार सप्ताह की तारीखें निम्नानुसार है
2 अक्टूबर वाले सप्ताह पर कभी भी
23 जनवरी की सप्ताह पर कभी भी
14 अप्रेल के सप्ताह पर कभी भी
20 अगस्त वाले सप्ताह पर कभी भी
अक्सर देखा जाता है कि ग्रामसभा में गांव के प्रभावशाली व्यक्ति या सरकारी कर्मचारी ही निर्णायक भूमिका निभाते है जो सर्वथा नियम विरूद्ध है।
इसमें पिछड़े व कमजोर लोगों को बोलने का अधिकार मिलना चाहिए।
इन तामाम जानकारियों के लिए सामाजिक कार्यकर्ता नूरूल हसन का मै आभारी हूॅं
ग्रामसभा को लेकर ये जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट बाॅक्स पर अपनी प्रतिकिया अवश्य दें ।