आज 40 साल या उससे अधिक के हर व्यक्ति को याद होगा कि 1990 के दशक में किस प्रकार वे दूर दराज क्षेत्रों में रहने वाले अपने रिश्तेदारों से महज कुछ मिनट बात करने के लिए फोन बुथ पर घंटों लाईन लगाकर खड़े रहते थे । वो दौर भी याद होगा जब सेकेण्ड के हिसाब से उन्हें बात करने का पैसा देना पड़ता था। 40 के पहले वाली पीड़ी जो आज मोबाईल और इंटरनेट के युग में जी रही है उसे यह बात सुनने में अजीब लगे पर ये सच है कि उस समय हर गली मोहल्लों में मौजूद पीसीओ (पब्लिक कॉल ऑफिस ) खुले होते थे जहां लोगों की लाईन लगी होती थी वे प्रत्येक काॅल जो तीन मिनट का होता था - दो रूपये देना पड़ता था। और बीएसएनएल ही एक मात्र सहारा था । आज की मै बात करू ऐसे पीसीओ नज़र ही नहीं आते है। उनका धन्धा अब विलुप्त हो चुका है। मगर उस दौर एक जबर्दस्त धन्धा हुआ करता था।
खैर मै बात कर रहा हुॅं उन धन्धों की जो आने वाले समय में ऐसे ही खो जाएगें और उनके स्थान पर आ जाएंगे नए तकनीक आधारित धन्धे ।
जानते है कि एक जमाने में Kodak का बड़ा बोलबाला हुआ करता था , इसमें 1,70,000 कर्मचारी काम करते थे और पूरी दुनियां मेें फोटोग्राफी में बड़ा नाम था, यह कम्पनी पूरी दुनियां में 85 प्रतिशत फोटो पेपर बचती थी। फिर कुछ ऐसा हुआ कि डिजिटिल फोटोग्राफी आ गई और Kodak का धंन्धा बैठ गया जाहिर है डिजिटल फोटोग्राफी कोडक की फिल्म फोटो से काफी सस्ती हुआ करती थी। तो कोडक फिल्म खरीदने से लोग करतराने लगे और यह कम्पनी बैठ गई ।
यही हाल एचएमटी घड़ी, बजाज स्कूटर,डायनोरा टीवी, मर्फी रेडियो नोकिया मोबाईल, राजदूत बाईक और एम्बेसेडर कार के साथ हुआ ।
यही हाल एचएमटी घड़ी, बजाज स्कूटर,डायनोरा टीवी, मर्फी रेडियो नोकिया मोबाईल, राजदूत बाईक और एम्बेसेडर कार के साथ हुआ ।
दरअसल, इनकी गुणवत्ता में कोई कमी नहीं थी, न ही इनके उत्पादन में /
कमी आई बस इन कम्पनियों के उत्पाद समय के बदलते दौर से सामंजस्य नहीं रख पाये। आने वाले समय में आज के प्रचलित 80 प्रतिशत उद्योग धंधे ही बंद हो जाएंगे फिर उनकी जगह होगी तकनीक आधारित कामकाज यानि एक्पर्ट ही बचेगें, इसलिये थोड़ी बहुत जानकारी आज के लिए पर्याप्त नहीं है।
कमी आई बस इन कम्पनियों के उत्पाद समय के बदलते दौर से सामंजस्य नहीं रख पाये। आने वाले समय में आज के प्रचलित 80 प्रतिशत उद्योग धंधे ही बंद हो जाएंगे फिर उनकी जगह होगी तकनीक आधारित कामकाज यानि एक्पर्ट ही बचेगें, इसलिये थोड़ी बहुत जानकारी आज के लिए पर्याप्त नहीं है।
ऐसे कुछ कामों की सूचि दी जा रही है जो आज ज़िदा तो हैं मगर भविष्य नहीं है। सम्भवतः 2030 में यह स्थिति आ जाए। और आज दिखाई देने वाले नौकरियां पूरी तरह से मिट जाए ठीक उसी तरह जैसे STD /PCO का कारबार खत्म हो गया । या फिर 115 सालों का टेलीग्राम भी खत्म हो गया । कारण उसकी जगह पर संदेश भेजने और लेने के कई साधन आ चुके हैं। Foundation of Young Astralian (FYA) के युवा आने वाले दस से 15 सालों के लिए इस बात का प्रशिक्षण पा रहें है कि कौन सा कार्य स्वचलित (Automated) हो जाएगा।
एक नज़र उन कामकाजो पर
एक नज़र उन कामकाजो पर
इनमें से एक है ड्राईवर
आने वाले समय में स्वचलित गाड़ियां आ जाएंगी। और उन्हें आप अपने सिस्टम से सेट करके नियत स्थान डालते ही आपको स्वतः ही ट्रेफिक से बचाते हुए नियत स्थान पर छोड़ आएगी।
फिर आपके पास अगर ड्राईवर नहीं है तो Ola तथा उबर जैसी कम्पनी आपके लिए घर पहॅुच सेवा दे रही है । इसमें ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्सटम यानि जीपीएस लगा होता है जिससे आपके लोकेशन की बराबर माॅनिटरिंग होती है। एक ही रस्ते पर जाने वाले दो राहगीर अगर अपना भाड़ा इसमें शेयर करते है , तो बाईक से भी आपको ये सस्ती पडे़गी। फिलहाल ये सेवा महानगरों में जारी है।
Travel Agent
जिस हिसाब से मेक माय ट्रिप,(make my trip) यात्रा, ट्रिवागो(Trivago) इत्यादि का विकास हो रहा है और इनकी उपयोगिता बढ़ती जा रही है । उसे देखकर तो यही लगता है आप अपने टिकट की बुकिंग , होटल्स की बुकिंग इत्यादि के लिए किसी एजेण्ट पर निर्भर नहीं रहना होगा। अब तो बड़े होटल्स अपने वेब साईट पर ही ये आप्शन दे रहें हैं जिससे आप अपने मनपसंद के होटल को चुनकार अपने बजट अनुसार बुक कर सकते हैं ।कैशियर्स
जब लेन देन कैशलेस हो जाएगा तो कैशियर्स की जरूरीत ही नहीं पड़ेगी । मैकडाॅनल्ड के रेस्टोरेन्ट में आप यह देख सकते है। साथ ही प्रत्येक दुकानों में आज कार्ड पेमेंट, और कई तरह के ई वाॅलेट ने यह काम और भी आसान कर दिया हैं। जैसे पेटीएम, गूगल पे इत्यादि। अब तो यात्रा के दौरान आपको पैसे लेकर जाने की जरूरत नहीं है कही भी एक छोटा सा कार्ड या सिर्फ मोबाईल फोन ही काफी है आपके खरीदारी के लिए। तो ये धन्धा भी गया समझो।
लाईब्रेरियन
अब किताबें डिजीटल में आ चुकी हैं । आप अपनी मनपसंद किसी भी किताब को अपने मोबाईल,कम्प्युटर, या आईपैड पर पढ़ सकते है। अमेजान ने इसकी शुरूआत कर दी है । ई बुक का इसका एक अलग सेक्शन ही है ।
पोस्टमैन
इसकी शुरूआत तो जैसे हो चुकी है । इसके स्थान पर ईमेल ने ले लिया है। पुराने समय में पोस्टमेन के द्वारा लाया गया पत्र कहीं खो जाने या फट जाने का डर हमेशा बना रहता था। Money Order का चलन तो जैसे खत्म हो चला है लोग अब ऑन लाईन ही पैसे भेजते सुनने में आते है ।
बैंक कर्मचारी
बैंक तो पूरी तरह से बंद नहीं होगें अलबत्ता उनके स्थान पर बैंकों की संख्या कम हो जाएगी । और ग्राहक ही बैंकर्स बन कर अपना खाता खुद देख लेगें। उन्हें जो जरूरत होगी वे स्वयं Online कर सकेगें। इसकी भी शरूआता हो चुकी है। छोटे छोटे बैंक तो बंद हो चुके है या फिर किसी बड़े बैंक में इनका सम्मिलन हो चुका है। जैसे हाल ही में Bank of Badoda, Dena Bank and Vijya Bank तीन तीन बैंक जुड़ गए।
कपड़े उद्योग में काम करने वाले कर्मचारी
इनका स्थान अब मशीने करने लगी है । जैसे रंगाई, छंटाई इत्यादि तो अब ये काम भी हाथ से गया समझो
मगर निराश होने की जरूरत नहीं है क्या आपने कभी सोचा था कि टीवी चैनल्स की भरमार होगी , या मोबाईल रिपेरिंग शाॅप गली कूचों में हमारे यहां दिखेंगी। ठीक उसी तरह अभी 85 प्रतिशत ऐसे अवसर ऊभर कर आने वाले है जिनका हमें अभी ज्ञात नहीं हैं। जरूरत है अब हमें योग्यता के अलावा कौशल युक्त होना होगा। योग्यता के मायने कौशल के बिना बेकार हो जाएंगे। और देखिएगा।
एक दिन कौशल विकसित देश ही तरक्की करेगा।कुछ ऐसे भी अवसर हैं जिनका स्थान ठीक ठाक नहीं रहेगा।
एक दिन कौशल विकसित देश ही तरक्की करेगा।कुछ ऐसे भी अवसर हैं जिनका स्थान ठीक ठाक नहीं रहेगा।
इनमें से एक है शिक्षक का
आज हर आदमी आपने आप में एक शिक्षक है। और उसके पास सूचनाओं का भंडार है तो शिक्षकीय कार्य पर भी खतरा मंडरा रहा है। अगर मै स्कूली शिक्षा की बात करू तो ऐसे आज कई लर्निग एप है जो 100 शिक्षकों के बराबर किसी विद्यार्थी को ज्ञान दे रही है ।
इनमें से एक एप है By Ju's जिसका आजकल शाहरूख खान खूब विज्ञापन कर रहें है । यह इस एप की मदद से बच्चे किसी भी विषय की जिज्ञासा या ज्ञान पा सकते है उसे ट्यूशन जाने की कोई जरूरत नहीं हैं
इनमें से एक एप है By Ju's जिसका आजकल शाहरूख खान खूब विज्ञापन कर रहें है । यह इस एप की मदद से बच्चे किसी भी विषय की जिज्ञासा या ज्ञान पा सकते है उसे ट्यूशन जाने की कोई जरूरत नहीं हैं
BY JU"S Learing App |
अगर आप किसी आईआई ,NEET जैसे परीक्षा की तैयार करनी हो तो विद्यार्थी एम लर्निंग नामक एप का सहारा ले सकता है । उसे ट्यूटर की जरूरत नहीं है। इसी तरह उन ऐप और साईट के बारे में बता रहें है जो शिक्षकों की जगह ले चुके हैं।
Udemy
यह एक ऐसा ऐप है जो आपको हर तरह की शिक्षा देता है और प्रत्येक शिक्षा के लिए पैसे लेता है । मिसाल के तौर पर आप संगीत सीखना चाहते हैं तो संगीत भी सीख सकते है।
इसी से मिलता जुलता एक ऐप है लिंडा यह महिने दर महिने एक ट्यूटर की तरह आपसे पैसे लेगा। और आपको हर तरह का ज्ञान देगा। हर विषय का ज्ञान देगा। 10 दिनों का ज्ञान यानि डेमो क्लास मुफ्त भी देता है लिंडा।
TED
यह विचारों के आदान प्रदान का अच्छा ऐप है ।हांलाकि इसकी एक वेबसाईटी भी है जिसमें आप लाॅग इन करके अपने विचार रख सकते है। यानि अपना ज्ञान रख सकते है
LUMOSITY
दिमागी कसरत कराने के लिए यह एक उपयुक्त ऐप है । इससे अपने दिमाग की तीत्रता किसी भी विषय पर परख सकते है। ठीक वैसे ही जैसे स्कूलों में टेस्ट लिया जाता है। और फिर नम्बर दिए जाते हैं
GOODREAD
यह हर प्रकार की बुक आपको डिजिटल फार्म में देगा। यह अच्छी किताबों का फेसबुक है। इसके पूरी दुनियां में 40 मिलियन ग्राहक हैं । एक बार जरूर आजमाईए।
विदेशी भाषा सीखने के लिए डो लिंगो नामक एप है।
Stydy Blue
यह मजेदार ऐप है। अगर आप अपनी क्लास चूक गए है और टीचर ने आपको होमवर्क दिया है किस विषय पर तो यह ऐप आपकी मदद करेगा। आपको वह पाठ याद कराएगा जिसकी तैयारी आपको करनी है।
यह मजेदार ऐप है। अगर आप अपनी क्लास चूक गए है और टीचर ने आपको होमवर्क दिया है किस विषय पर तो यह ऐप आपकी मदद करेगा। आपको वह पाठ याद कराएगा जिसकी तैयारी आपको करनी है।
इसके बाद नम्बर आता है विकिपीडिया और यूट्यूब का। इसके बारे में तो सभी भली भांति जानते हैं।
उम्मीद है यह ब्लाॅग आपको पसंद आया होगा अपनी टिप्पणी हमें अवश्य दीजिए।
इसे भी पढ़िए
History of Indian Coins.
इसे भी पढ़िए
History of Indian Coins.