भारत में मनाये जाने वाले त्योहारों का उदेश्य मौज–मस्ती या सैर सपाटे के लिए ही नही होते है बल्कि इन त्योहारों में समर्पण, सेवा या सेवा-संकल्प भी होता है/ केरल में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान जिस तरह सभी समुदाय के लोगों ने एक जुटता दिखाते हुए बाड़ पीड़ितों की सेवा में आगे आये वह एक अनुकरणीय प्रयास है तथा मानवता के लिए एक मिसाल है /
राखी का त्यौहार क्या मायने लगता है ? राखी दरअसल इतिहास में क्या स्थान रखती है ? आइये इन्ही बातों पर चर्चा करते है/
(बस्तर के त्यौहार की जानकारी देते हुए मेरे ब्लॉग "बस्तर का दशहरा" अवश्य पढिये / )
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रक्षा बंधन मानते कैसे है ?
इसको मनाने के पीछे कोई रीति रिवाज नही है / इसमे एसा भी नही है कि कोई बहुत बड़ी पूजा अर्चना की जाती है / ये त्यौहार भाई –बहन के आपसी सम्बन्ध को मजबूती प्रदान करता है / इस त्यौहार में बहन अपने भाई की कलाई पर एक धागा बंधती है जिसे रक्षा सूत्र या रक्षा बंधन कहते है और बदले में भाई से विपत्ति के दौरान रक्षा पाने की उम्मीद रखती है / भाई भी सदा अपनी बहन का साथ निभाने व उसकी रक्षा करने का वचन देता है / और ये सिलसिला भारत में कोई 6000 वर्षो से निभायी जा रही है / जानते है कैसे ?
Krishna Killed Shishupal (Photo-Google) |
इतिहास के पन्ने उलटने पर हम देखते है कि रक्षा बंधन का ज़िक्र अलग अलग काल में मिलता है एक नज़र डालते है कहाँ व कैसे?
सिकंदर और पोरस
इतिहास में वर्णित है कि जब सिकंदर का आक्रमण हुआ था तो सिकंदर के लिए पोरस को हरा पाना बड़ा ही कठिन था चुकिं पोरस एक शक्ति शाली राजा था/ सिकंदर खुद भी पोरस की ताकत से चिंतित था / इस बीच सिकंदर की पत्नी (रोशानक) ने जब रक्षाबंधन के बारे में सुना तो वह पोरस के पास गई, और पोरस ने भी सिकंदर की पत्नी का एक बहन के तौर पर स्वागत किया / एसा माना जाता है कि इसी संबध की लाज रखने के लिए पोरस ने सिकंदर पर पूरी लडाई के दौरान घातक प्रहार नही किया /
महारानी कर्णावती
दूसरी कहानी चितौड़ की महारानी कर्णावती (महाराणा प्रताप की दादी ) की है /
जब गुजरात के शासक बहादुर शाह ने चितौड़ पर हमला किया तो रानी ने मुग़ल शासक हुमायूँ को राखी भेज कर अपनी रक्षा का वचन लिया, और हुमायूँ ने भी इस रिश्ते मान रखते हुए महारानी की रक्षा के लिए पूरी सेना लेकर चितौड़ पहुंचा / इतिहास में वर्णित है कि हुमायु को पहुचने में देर हो गई तब तक महारानी ने अपने दसियों के साथ “जौहर” (सामूहिक आत्म हत्या ) कर लिया था/ यह बात सन 1535 की है /
Rani Karnavati's immolation for the Honor (Photo- Google) |
बाद में हुमायूँ ने बहादुर शाह को परस्त कर कर्णावती के बेटे विक्रमादित्य सिहं को मेवाड़ का शासक बना दिया /
कृष्ण और द्रौपदी:-
इसी तरह के किस्से महाभारत में भी मिलते है
–जिसमे भगवान् कृष्ण ने जब शिशुपाल का सर से धड अलग कर दिया था और इस लड़ाई में कृष्ण के हाथ की उंगली से खून आने लगा / द्रौपदी ने चोट लगी ऊँगली पर कृष्ण को पट्टी बाँधी तो कृष्ण ने कहा था कि इस पट्टी का एक एक रेशा का मै ऋणी हूँ / द्रौपदी द्वारा कृष्ण को बाँधी गयी पट्टी ही राखी की शुरुआत मानी जाती है / फिर कृष्ण ने चीर हरण के पूर्व द्रौपदी की रक्षा कर अपना वचन निभाया /
Krishan Kept his word (Photo-Google) |
राजा बलि और भगवान् लक्ष्मी:-
एक अन्य पौराणिक कहानी के मुताबिक लक्ष्मी जब असुर राजा महाबली के घर से विष्णु को लाने में कामयाब हुई तो राखी मनाई जाने लगी / कहते है असुर राजा महाबली भगवान विष्णु का प्रकांड भक्त था, और भक्ति से प्रभावित होकर भगवान विष्णु वैकुण्ठ को छोड़ कर महाबली के राज्य की रक्षा करने के लिए बलि के पास आ गए थे / लक्ष्मी को ये बात अच्छी नही लगी कि विष्णु उन्हें छोड़ कर राजा बलि के पास चले गए / अतः लक्ष्मी भी एक ब्राह्मण के भेष में बलि के पास गई और श्रावण के महीने में बलि को राखी बांध कर ये वचन लिया कि विष्णु को वैकुण्ठ जाने की अनुमति दे दे / तब राजा बलि ने राखी का मान रखते हुए विष्णु को जाने की अनुमति दे दी / और फिर राखी की शुरुआत हुई /
कारण चाहे जो भी हो रक्षा बंधन का त्यौहार ही समर्पण व रक्षा का त्यौहार है जिसमे बहन अपने भाई से मुश्किल समय पर साथ होने का वचन मांगती है / अनादी कल से ये परम्परा चली आ रही है /
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