आजकल, हमारे क्षेत्र में अंग्रेजी सिखना और सिखाने दोनों का ही अच्छा खासा क्रेज़ चल पड़ा है, मै अगर अपनी बात करूँ तो लगभग 20 वर्ष हो चुके है मुझे बोलचाल की इंग्लिश सिखाते हुए, मेरा काम है स्कूली बच्चों और कामकाजी लोगों को इंग्लिश सिखाना /
Students in a School |
मेरा यकीन कीजिये ! जब भी मै अपनी कक्षा की शुरुआत करता हूँ तो प्रायः एक सवाल अक्सर और सबसे पहले मुझसे पूछा जाता है, वह यह की कितना समय लगेगा पूरी भाषा सीखने में ?
इससे भी अहम् सवाल यह है कि हमें क्या करना चाहिए जिससे हम बड़ी आसानी से इंग्लिश सीख सके?
खैर इन्ही बातों पर फोकस करते हुए मै यह ब्लॉग लिख रहा हूँ , उम्मीद है उन लोगों के लिए काफी मददगार साबित होगा जो इंग्लिश सीख रहे है या सीखने की तमन्ना रखते है /
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सबसे महत्वपूर्ण बात जो आपको इंग्लिश सीखा सकती है -
मेरा मानना है कि इंग्लिश सीखना तैराकी सीखने के सामान ही है /स्विमिंग पूल या नदी के किनारे बैठ कर लोगो को तैरता देखिये मगर इससे आप तैराकी नही सीख सकते है , मतलब ये कि जब तक आप पानी में उतरकर हाथ पैर नही चलाएंगे तब तक तैराकी नही सीख सकते/ आप असहमत हो तो मेरे कमेंट बॉक्स में अपनी असहमति दर्ज़ करा सकते है /
ठीक उसी प्रकार आप जब तक बोलेंगे नही तो इंग्लिश नही सकते इंग्लिश तो छोडिये दुनिया की कोई भी भाषा नही सीख सकते है /
पहला मंत्र तो यह है को बोलना शुरू करिए , इसमें आप असहमत हो सकते है सवाल उठता है – “बोले तो क्या...? बोलने के लिए तो जानकारी होनी चाहिए न ? तभी तो बोलेंगें !”
इसमें मै यह कहता हूँ कि अगर आप (इंग्लिश ) सीख रहे है तो बोलने के लिए जानकारी ( यानि ग्रामार की जानकारी ) का होना ज़रूरी नही है / यहाँ एक उदाहरण देकर मै बताना चाहूँगा कि एक दो साल के बच्चे को लीजिये, जब वह बोलना सीखता है तो क्या उसे हम कोई ग्रामर का पाठ सिखाते है -नहीं / वो दरअसल, आपने आसपास के माहौल का अवलोकन करते या शब्दों को गौर करके ही सीखता है, और लगभग दो साल के बाद ही वह कुछ टूटे-फूटे शब्दों के सहारे बोलना शुरू करता है – सही है न ?
इसलिए
दूसरा मंत्र यह है कि अपने आसपास माहौल पैदा कीजिये तभी आप आसानी से भाषा सीख पाएंगे /
सवाल आ सकता है कि माहौल कैसे पैदा करें ? भाई आजकल तो इतने सारे वीडियो , टीवी , और समाचार पत्र ,किताबे है जिनसे आप आसानी से अपने मुताबिक माहौल बना सकते है – हाँ ! इसमें गौर करने वाली बात यह है कि आप को बोलना शुरू एसे ही करना होगा / छोटे –छोटे वाक्यों से शुरुआत की जा सकती ही (जैसा बच्चा अपने शुरुआती दौर में करता है , हम तो वयस्क है – आसानी से बोल सकते है और इतना समय भी नही लगेगा जितना एक बच्चा लेता है – “ दो साल”)
मै अपनी बात रखता हूं जब मैंने इंग्लिश सीखने के शुरुआत की तो उस ज़माने में विडिओ के ज़रिये सीखना रईसों की बात होती थी, मोबाइल फ़ोन, इन्टरनेट का अस्तित्व नही था ! और हमारा क्षेत्र इतना विकसित भी नही था जैसा की आज है / मैंने तो डाक पत्रों की सहायता से माहौल पैदा किया और सीखा /
खैर छोडिये! ये तो मेरी बात है जो पुरानी हो गई है, नए ज़माने की बात करते है /
क्या किया जाय ? :-
मुझे विश्वास है कि इंग्लिश या अन्य कोई भाषा सीखने वाले प्रत्येक इन्सान को तीन चीज़ें ज़रूर करनी चाहिए –क्या है वे चीजें ?
पहली चीज़ है “सुनना” :-
इससे आपको भाषा के उच्चारण दोष दूर होंगे साथ ही स्टाइल का पता चलेगा/ आप किसी भी कलाकार ,नेता अभिनेता की वीडियो डाउन लोड करके दो चार मिनिट के लिए ही सही बार-बार सुनिए ! और हो सके तो साथ साथ बोलिए !
दूसरी चीज़ है- “पढना”:
आपकी जिस किसी फिल्ड में रूचि है उसकी पत्रिका या text डाउनलोड करिए और उसको पढिये ! इससे होगा क्या...? एक तो आपका शब्द ज्ञान बढेगा क्योकि कठिन शब्द आयेंगे तो उसे आप डिक्शनरी में खोजेंगे संभवतः उससे मिलता जुलता वाक्य बनाने की कोशिश करेंगे(मेरी सलाह है अगर ये नही करते है तो अवश्य कीजिये ! )
इसमे एक और चीज़ कर सकते है –जैसे एक विषय की दोनों भाषाओँ में बाते आजकल लिखी आती है उनका अवलोकन कर के आप “वाक्य कैसे बनाते है” सीख सकते है / कोई कहानी , कोई उत्पाद का डिटेल कुछ भी हो सकता है /
तीसरी चीज़ है बोलना :-
“पढना” ,“सुनना” का अभ्यास करते हुए आपको कुछ हद तक छोटी –छोटी लाईन बोलना आ ही जायेगा ! तो बोलना शुरू कीजिये ! रोज़मर्रा की बातों को अपने दोस्त, बंधू रिश्तेदार से बोलना शुरू कीजिए ! मेरा दावा है महज छः महीने में आप एक लेवल में आ जायेगे /
बशर्ते आपको लगातार लगे रहेना पड़ेगा ! इतना कर लेने के बाद भी आप मै समझता हु कोई दिक्कत नही आएगी !और आपको इंग्लिश सीखने से कोई नही रोक पायेगा
अपने कमेंट बॉक्स में अपनी राय अवश्य दीजिये ! और सीखने में किसी प्रकार की दुविधा हो तो हमारे वीटा कोचिंग में एक बार अवश्य आयें !
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