मीज़ल्स रूबेला और मम्प्स
जगदलपुर में इन दिनों चिकित्सकीय हलचल काफी देखने सुनने को मिल रही
है, हाल ही में नगर के मध्य स्थित अस्पताल को शहर से 12 किमी दूर शिफ्ट क्या गया
तो दूसरी तरफ मौसमी बीमारियों ने अपना जाल फैलाना शुरू कर दिया है /
मुख्य स्वास्थ एवम चिकित्सा अधिकारी देवेन्द्र नाग ने एलान कर अब बच्चो एवं अभिभावको
को चेता दिया है रूबेला और मीज़ल नामक बिमारियों से लड़ने के लिए एक
मेगा टीकाकरण अभियान चलाया जायेगा जिसमे चिकित्सकीय टीम घर –घर जाकर टीका नही
लगाएगी बल्कि स्कूलों मे जाकर टीमे टीका लगाएगी अब इसे लेकर अभिभावकों में थोड़ी
असमंजस की स्थिति ज़रूर बनी है -जैसे जिन्हें पहले ही टीके उक्त बिमारियों के लग
चुके है क्या उन्हें भी लगाना चाहिए , टीके के साईड इफेक्ट इत्यादि ----
बहरहाल, मैं इस ब्लॉग को इसी उदेयेश को पूरा करने के लिए लिख रहा
हूँ/ छत्तीसगढ़ में एसा पहली बार हो रहा है कि इतने बड़े पैमाने पर एम. एम.आर. के टीके लगाये जायेंगे,एक आंकड़ो के मुताबिक देश में अब तक 9 करोड़ बच्चों को ये टीके लाये जा चुके है अगर छत्तीसगढ़ में ये अभियान सफल हो गया तो आंकड़े बड सकते है / इस बीमारी को लेकर हुए रिसर्च के आंकड़े तो और भी चौकाने वाले है -इसके अनुसार प्रति वर्ष यहाँ 30 हज़ार मौते रूबेला से हो रही है तथा पांच वर्षो के दरम्यान एक लाख से ज्यादा मामले सामने आये है /
अतः सबसे पहले ये दोनों बिमारियों के लक्षणों पर बात करते है/ दोनों ही
बीमारियाँ संक्रामक होती है डॉक्टर्स के मुताबिक बच्चे सबसे ज्यादा इसके शिकार
होते है / तथा विदेश यात्रा करने से पूर्व मिज़ेल यानि खसरा का टीका लगवाना
अनिवार्य है /
मिज़ेल के लक्षण
डॉक्टर्स की माने तो मिज़ेल यानि खसरा होने पर बुखार लाल चकते दाने,
बच्चों में लगातार नाक का बहना , आँखों का लाल दिखना तथा पानी आना इत्यादि होता है
/ इसके आलावा कान में इन्फेक्शन ,
न्युमोनिया, दिमाग का डैमेज हो जाना तथा मरीज़ की मौत इत्यादि होता है /
रूबेला के लक्षण
इसका दूसरा नाम जर्मन खसरा भी है मरीज को इसमें
भी बुखार, गले में खराश, सिरदर्द, शरीर पर लाल चकते , आँखों में जलन तथा आंखे लाल
होना इत्यादि है, गर्भवती महिलाओं को अगर रूबेला हो जाय गर्भपात की आशंका अधिक हो
जाती है या शिशु को गंभीर परिणाम होते है / जब रूबेला और मिज़ेल की बात है तो एक
बीमारी का भी ज़िक्र किया जाता है वह है गल सुआ mumps.
गल सुआ यानि mumps
इसमें में बुखार, ग्रंथियों में सूजन, मस्तिष्क अवरोध,
सूजन की शिकायत मिलती है,
क्या है MMR वैक्सीन?
इसी मिज़ेल,मम्प्स, रूबेला और vericella यानि चिकन पॉक्स के पहले अक्षर
को लेकर एक टीके MMRV बनाई गयी है जिसे बच्चों को दिया जाना है /
डोजेज़ /खुराक –
स्वास्थ अधिकारी ने बताया कि इस बीमारी से बचने की लिए “एम एम आर” की दो खुराक दी जाती है/
पहली खुराक जब बच्चा 12 से 15 महीने की उम्र का होता है
तथा दूसरी खुराक 4 से 6 वर्ष
के बच्चों को दिया जाता है /
क्या साईड इफेक्ट होते है ? ;
देश के अलग-अलग हिस्सों से आ रही
रिपोर्ट के मुताबिक इसके साईड इफेक्ट को लेकर अभिभावक काफी चिंतित है , यहाँ प्रगट
साईड इफेक्ट के तौर पर निम्न इफेक्ट डॉक्टर्स बताते है ये है :-
- हल्का बुखार होना
- लाल दाने का निकलना
- गाल व गले में सूजन
- जहाँ इंजेक्शन लगा है उस जगह पर खुजलाहट का होना
पंजाब में कुछ बच्चों के बेहोश होने की
भी रिपोर्ट आ चुकी है मगर प्राथमिक उपचार में ये बात निकल कर आई कि वे डर से बेहोश हो गए थे इत्यादि /
वैसे किसी भी तरह के गंभीर
प्रभाव या लक्षण दिखाई देने पर तुरन्त डॉक्टर्स की सलाह लेने की भी बात कही जाती
है /
बहरहाल, बस्तर में महा टीकाकरण अभियान में 2 लाख 62 हज़ार 370 बच्चों को टीके लगाये जायेंगे / सी
एम एच ओ देवेन्द्र नाग के मुताबिक ये
टीकाकरण अभियान 2460 स्कूलों में होगा , इसके लिए मेडिकल टीम तैयार है /200 बच्चों के पीछे एक टीम का गठन किया
गया है /
अभिभावक ,पालक स्कूल से मिलने वाली खबर का इंतज़ार करें क्योकि जल्द ही उन्हें उनके बच्चों को टीके लगाये या न लगाये इसकी अनुमति देने का पत्र मिलेगा क्योकि कोई भी स्कूल बिना पालक की अनुमति के टीके नही लगा सकता /
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