भारत की कौन है पहली रिकॉर्डिंग सुपर स्टार
मै एक एसी गायिका और नृत्यांगना की बात करने जा रहा हूँ जिनके करीब 600 गानों की रिकॉर्डिंग मशहूर ग्रामोफोन कंपनी ने रिकॉर्ड किया था / और जिनकी शानो शौकत के देखकर अच्छे अच्छे दांतों तले ऊँगली दबा लेते थे जिन्हें बुलाने के लिए महारजा , पूरे लश्कर भेजा करते थे /
चूंकि आज उस प्रसिद्ध गायिका की 145 वीं सालगिरह है और गूगल डूडल ने भी आज उस गायिका को जगह दी है चलिए जानते उस गायिका के बारे में. ..पहली रिकार्डिंग सुपर स्टार के तौर पर पहचानी जाने वाली गायिका का नाम है “गौहर जान” वर्तमान पीड़ी संभवतः इस गायिका का नाम न सुनी हो मगर अठारहवी सदी में गौहर को अपने दरबार में बुलाना अमीरों और राजे महाराजों की शान हुआ करती थी / और शायद इसीलिए किंग जोर्ज पंचम की ताजपोशी समारोह में गौहर का गाना एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र था/ 1896 के दौरान जब वो पूरी तरह से म्यूजिक सेंसेशन बन चुकी थी /
Gahar Jaan, The Music Sensation of India |
उनके गए गाने यूं तो भारत की सभी भाषाओँ में है इसके आलावा उन्होंने अरबी ,फारसी ,पश्तो अंग्रेजी फ्रेंच में भी गाने गए है और जिसकी 100 से ज्यादा डिस्क उस ज़माने में बिकी थी /
वर्षो के रिसर्च बाद विक्रम संपथ की लिखी किताब “ माय नेम इज गौहर जान” से उनके जीवन के कई अनछुए पहलू सामने आये है /
प्रारंभिक जीवन :-
गौहर जान का जन्म एक इसाई परिवार में 26 जून 1873 को हुआ था / उनका वास्तविक नाम एंजलिना योवर्ड था , पिता विलिअम ब्रिटिश थे तो माता विक्टोरिया थी जो स्वयं भी मशहूर डांसर थी / दोनों की शादी ज्यादा सफल नही हो पाई ,माँ ने तलाक लेकर कलकत्ता के रहने वाले एक मलक नाम के मुस्लिम से विवाह किया और इस्लाम धर्म अपना लिया / इसके बाद से एन्जिलिना गौहर बन गई / संगीत की कला गौहर को विरासत में माँ से मिली मगर विधिवत इसकी तालीम उन्होंने रामपुर के वजीर खान और कलकत्ता के प्यारे साहब से लिया
गौहर के गए गाने जिसने उस वक्त काफी ख्याति अर्जित की थी वे है
“रस के भरे तोरे नैन मेरे दर्द के जिगर ......”
“जब से गए मोरी सुर हुना”
“मोर नाहक लाये गावन.......”
कहते है 19 वी सदी दे शुरुवाती दौर में वे काफी मशहूर हो चुकी थी . ठाट एसे थे के सौ सोने के गिन्नी पहले एडवांस में लेती थी इसके बैगर किसी महफ़िल में वो गाती नही थी , और गौहर को बुलाना कोई साधारण अमीरों के बस की बात नही थी / मैसूर के राजा कृष्ण वदियर की ने राज गायिका का दर्ज़ा दिया था/
वो भारत की पहली महिला कलाकार थी जिसका संगीत 78 आर पी एम् में रिकॉर्ड किया गया था/
अखिरी समय उनका गुमनामी में बिता 17 जनवरी 1930 को ग़ज़ल, ठुमरी ,दादरा की इस मशहूर गायिका ने अंतिम सांस ली /
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