बोड़ा और बास्ता ;
यहाँ वनों में पैदा होने वाली चीजों में कई गुणकारी तत्व पाए जाते है मगर जानकारी के अभाव में लोग इसका उपयोग नही कर पाते है /
बरसात के दिनों में बस्तर जिले में अक्सर स्थानीय तौर पर उगने वाले सब्जियों की बहार दिखाई देती है / अगर आप बस्तर वासी है तो निश्चित ही "बोडा" नामक सब्जी को जानते होंगे / साथ ही साथ बस्ता से भी परिचित होंगे
मै इस ब्लॉग के माध्यम से इन दोनों सब्जियों के बारे में कुछ चर्चा करने जा रहा हूँ /
बरसात के दिनों में बस्तर जिले में अक्सर स्थानीय तौर पर उगने वाले सब्जियों की बहार दिखाई देती है / अगर आप बस्तर वासी है तो निश्चित ही "बोडा" नामक सब्जी को जानते होंगे / साथ ही साथ बस्ता से भी परिचित होंगे
मै इस ब्लॉग के माध्यम से इन दोनों सब्जियों के बारे में कुछ चर्चा करने जा रहा हूँ /
बास्ता |
क्या है बोडा :-
बोडा एक तरह का फंगस है जो सराई (सरगी) के जड़ो में होता है जो खास तौर पर बरसात के दिनों में जब पहली बारिश के बाद धुप निकलता है तो यह ज़मीं के बहर फुट कर निकलता है जिसे स्थानीय लोग बड़ी मेहनत मशक्कत के बाद खोद कर निकलते है फिर इसे साफ़ करते है/ स्थानीय बाज़ार में यह 200 रूपये पाव के भाव से बिकना शुरू होता है
Boda (photo-bastar Bushan ) |
फिर बाद में बाज़ार में जैसे -जैसे मौसम अपनी तीव्रता बढाता जाता है इसकी कीमत भी कम होती जाती है / वैज्ञानिक रिसर्च बताते है की यह प्रोटीन से भरपूर होता है / स्वाद में यह मशरूम की तरह लगता है / लम्बी कतारे लगाये लोगों को इन दिनों सहज ही देखा जा सकता है।
बास्ता
इसी तरह बस्ता भी एक फारेस्ट produce है , ये बांस की जड़ो से बनता है / जिसे बड़ी मेहनत से छील कर छोटे -छोटे टुकड़ों में काटा जाता है / स्वाद में ये काफी अच्छे होते है , इसकी मांग भी बहुत होती है मगर कीमत जयादा नही होती / वैसे तो और भी कई तरह के वन उत्पाद का सामना होता है , मै यहाँ उनकी बात कर रहा हूँ जो मुख्यतः बरसात के दोनों में होते है /
Dhense (lotus-Stem) |
एक है डेंस जिसे हम कमल कमल ककड़ी भी कहते है / कमल ककड़ी यानी डेंस यहाँ बहुतायत में पाया जाता है जिसकी कीमत 20 रूपये से शुरू होती है ।